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मताधिकार को लेकर जागरूकता : वोटिंग नहीं की तो चुनाव आयोग संपर्क करेगा

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मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार.

नई दिल्ली :

अगर आपने किसी कारणवश मतदान नहीं किया है तो चुनाव आयोग आपसे संपर्क कर यह अपील कर सकता है कि आप चुनाव के अगले चरण में अपना बहुमूल्य वोट अवश्य डालें. मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने शुक्रवार को कहा कि आयोग ने 500 से अधिक कर्मचारियों वाले उद्योग, विभागों और संगठनों से संपर्क किया है कि वे मतदान न करने वाले कर्मचारियों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करें.

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राजीव कुमार ने कहा, ‘‘मतदान के बाद, ये नोडल अधिकारी इन गैर-मतदान कर्मचारियों को समझाने की कोशिश करेंगे. हम उन तक पहुंचने की कोशिश करेंगे और कहेंगे ‘कृपया अगली बार कोशिश करें’. यह एक तरह की जागरूकता है जिसे हम शुरू करेंगे.”

संवाददाता सम्मेलन में चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि आयोग चुनाव प्रक्रिया के प्रति शहरी उदासीनता के मुद्दे को हल करने की कोशिश में अपनी ऊर्जा केंद्रित कर रहा है. कुमार ने कहा कि चार महानगर उन 7-8 जिलों में शामिल हैं, जहां 2019 के आम चुनावों में सबसे कम मतदान हुआ था.

सीईसी ने कहा, ‘‘हम मतदान के प्रति शहरी उदासीनता पर बहुत गंभीरता से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.” उन्होंने कहा कि मुख्य चुनाव अधिकारियों और जिला अधिकारियों को उन मतदान केंद्रों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा गया है, जहां प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में सबसे कम मतदान प्रतिशत देखा गया है.

राजीव कुमार ने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से ऐसे केंद्रों का दौरा करने, कम मतदान के कारणों का पता लगाने और लोगों के सामने आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि आयोग के तीन व्यापक उद्देश्य हैं – स्वतंत्र और निष्पक्ष, समावेशी, सुलभ और प्रलोभन मुक्त चुनाव कराना.

सीईसी ने कहा कि आयोग चुनाव प्रक्रिया में भागीदारी बढ़ाने के लिए कॉलेजों और विश्वविद्यालयों तक भी पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि आयोग युवा, शहरी, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) और तीसरे लिंग के मतदाताओं सहित अधिकतम मतदाता भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए भी प्रयास कर रहा था.

राजीव कुमार ने कहा, ‘‘दिव्यांगों और तीसरे लिंग के लोगों के नामांकन के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं.”

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)



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मनीष सिसोदिया को याद कर भावुक हुए अरविंद केजरीवाल, कार्यक्रम में रो पड़े

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Image Source : इंडिया टीवी
अरविंद केजरीवाल, सीएम, दिल्ली

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक कार्यक्रम के दौरान मनीष सिसोदिया को याद कर भावुक हो गए। सिसोदिया को याद करते हुए वे बीच कार्यक्रम में रो पड़े। दरअसल, दिल्ली के दरियापुर में अरविंद केजरीवाल स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सेलेंस की शुरुआत करने पहुंचे थे। इसी बीच अपने संबोधन के दौरान अरविंद केजरीवाल मनीष सियोदिया को याद करते हुए भावुक हो गए और रोने लगे।

दिल्ली में शिक्षा की व्यवस्था बेहतर-केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन में दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने में कोई कसर नहीं रहने दी। केजरीवाल ने कहा कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा हिसार में हुई थी और जिस तरह के स्कूल में उनकी पढ़ाई हुई थी उससे भी बेहतर स्कूल दिल्ली में लोगों को मिल रहा है। केजरीवाल ने कहा कि यह हमारी पीढ़ी का दायित्व है कि हम अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराएं।

सिसोदिया के योगदान को याद कर भावुक हुए केजरीवाल

इसी दौरान उन्होंने दिल्ली के अंदर शिक्षा में सुधार को लेकर मनीष सिसोदिया के योगदान को याद किया और भावुक हो गए। इस दौरान केजरीवाल की आंखें भर आईं और आंसू छलक पड़े। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि कुछ लोग नहीं चाहते हैं कि दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त हो इसलिए मनीष सिसोदिया को फंसाकर जेल भे दिया गया। 

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औरंगजेब पर वॉट्सऐप स्टेटस से कोल्हापुर में बिगड़े हालात, पथराव और हिंसा के बाद लाठीचार्ज

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महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में मुगल शासक औरंगजेब को लेकर बवाल मच गया है। कुछ लड़कों ने औरंगजेब के समर्थन में वॉट्सऐप स्टेट्स लगाए थे और उस पर आपत्तिजनक बातें भी लिखी थीं। इससे तनाव फैल गया है।



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मणिपुर हिंसा : बेटे को अस्‍पताल ले जा रही थी मां, भीड़ ने एम्बुलेंस में लगाई आग, मां-बेटे सहित 3 की मौत

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भीड़ ने एक एम्बुलेंस को रास्ते में रोक उसमें आग लगा दी (प्रतीकात्‍मक फोटो)

इंफाल :

मणिपुर में अभी हालात सामान्‍य नहीं हुए हैं. पश्चिम इंफाल जिले में भीड़ ने एक एम्बुलेंस को रास्ते में रोक उसमें आग लगा दी, जिससे उसमें सवार आठ वर्षीय बच्चे, उसकी मां और एक अन्य रिश्तेदार की मौत हो गई. अधिकारी ने बताया कि यह घटना रविवार शाम को इरोइसेम्बा में हुई. उन्होंने कहा कि गोलीबारी की एक घटना के दौरान बच्चे के सिर में गोली लग गई थी और उसकी मां तथा एक रिश्तेदार उसे इंफाल स्थित अस्पताल ले जा रहे थे. अधिकारियों के मुताबिक, भीड़ के हमले में मारे गए तीनों लोगों की पहचान तोंसिंग हैंगिंग (8), उसकी मां मीना हैंगिंग (45) और रिश्तेदार लिदिया लोरेम्बम (37) के तौर पर हुई है.

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असम राइफल्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने घटना की पुष्टि की और बताया कि घटनास्थल और उसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है. सूत्रों ने बताया कि एक आदिवासी का बेटा तोंसिंग और मेइती जाति की उसकी मां कंग्चुप में असम राइफल्स के राहत शिविर में रह रहे थे. चार जून को शाम के समय इलाके में गोलीबारी शुरू हो गई और शिविर में होने के बावजूद बच्चे को गोली लग गई.

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सूत्रों ने कहा, “असम राइफल्स के वरिष्ठ अधिकारी ने तुरंत इंफाल में पुलिस से बात की और एम्बुलेंस की व्यवस्था की. मां बहुसंख्यक समुदाय से थी, इसलिए बच्चे को सड़क मार्ग से इंफाल के ‘रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज’ ले जाने का फैसला किया गया.” कुछ किलोमीटर तक असम राइफल्स की सुरक्षा में एम्बुलेंस को ले गया गया और उसके बाद स्थानीय पुलिस ने मोर्चा संभाला.

एक सूत्र ने कहा, “शाम करीब साढ़े छह बजे इरोइसेम्बा में कुछ लोगों ने एम्बुलेंस को रोका और उसमें आग लगा दी. वाहन में सवार तीनों लोगों की मौत हो गई. हमें अभी तक नहीं पता कि शव कहां हैं.” काकचिंग क्षेत्र में कुकी समुदाय के कई गांव हैं और यह कांगपोकपी जिले की पश्चिमी इंफाल से लगी सीमा पर मेइती समुदाय के गांव फायेंग के पास है. इस क्षेत्र में 27 मई से गोलीबारी की कई घटनाएं हो चुकी हैं.

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बता दें कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं. मणिपुर में 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है. आदिवासियों-नगा और कुकी समुदाय की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में बसती है.

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