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मणिपुर में 23,000 लोगों को किया गया रेस्क्यू
Manipur Violence: मणिपुर हिंसा के कारण राज्य में हिंसा प्रभावित इलाकों में असम राइफल्स और सशस्त्र बलों की तैनाती कर दी गई है। इस हिंसा को लेकर देशभर में विवाद मचा हुआ है। हिंसा प्रभावित इलाकों से अबतक सशस्त्र बलों और असम राइफल्स के जवानों ने 23 हजार से अधिक नागरिकों को रेस्क्यू किया है। मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों में सशस्त्र बलों द्वारा लगातार पेट्रोलिंग की जा रही है। साथ ही इस बाबत सेना के जवानों से संपर्क करने के लिए सेना ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है ताकि लोगों तक मदद पहुंचाई जा सके।
शशि थरूर ने की राष्ट्रपति शासन की मांग
इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने रविवार के दिन आरोप लगाते हुए भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि एक साल पहले सत्ता में आई भाजपा को जीताने के बाद राज्य की जनता घनघोर विश्वासघात महसूस कर रही है। बता दें कि उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की भी मांग की है। गौरतलब है कि मणिपुर में पिछले सप्ताह आदिवासियों और बहुसंख्या मेइती समुदाय के लोगों के बीच हिंसक झड़प देखने को मिली थी। इस हिंसा में कुल 54 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद राज्य में स्थिति पर काबू पाने के लिए सेना और असम राइफल्स को हिंसा प्रभावित इलाकों में उतारा गया था। मणिपुर में हालात अब काबू में है।
मणिपुर में सेना ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों में लोगों तक मदद पहुंचाई जा सके इसके लिए सेना की तरफ से हेल्पडेस्क तैनात किया गया है। साथ ही हेल्पलाइन नंबर जारी करते हुए लोगों से अपील की गई है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इस हेल्पलाइन नंबर को साझा करें ताकि लोगों की मदद की जा सके। इस हेल्पडेस्क में 2 अधिकारी, 1 जेसीओ और 2 एनसीओ शामिल हैं। ये फोन नंबर 24*7 चालू रहेंगे। 9387144346 (Lt Col Dinesh, असम रेजिमेंट), 0362124276 (JCO IC)।
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जारी रहेगा पहलवानों का प्रदर्शन
रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के प्रमुख बृज भूषण सिंह के खिलाफ विरोध करने वाले साक्षी मलिक, विनेश फोगट और बजरंग पुनिया सहित शीर्ष पहलवानों ने सोमवार को अपनी सरकारी सेवाओं को फिर से शुरू कर दिया। हालांकि, उन्होंने विरोध से पीछे हटने की खबरों का खंडन किया।
ओलंपियन साक्षी मलिक ने कहा कि न्याय मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी। “हमने अपना विरोध वापस नहीं लिया है और हम ऐसा कभी नहीं करेंगे। जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता है, तब तक हम विरोध करना जारी रखेंगे। जहां तक रेलवे (नौकरी फिर से शुरू करने) का संबंध है, मेरी कुछ जिम्मेदारियां थीं और इसलिए मैं यहां (कार्यालय) आई था।” लेकिन मैं यह साफ कर देना चाहती हूं कि ये अफवाहें हमारे आंदोलन को कमजोर करने के लिए फैलाई जा रही हैं।’
बृजभूषण शरण को सजा दिलाने तक जारी रखेंगे आंदोलन
बृजभूषण शरण के खिलाफ चल रहे आंदोलन से पीछे हटने की खबरों को पहलवानों ने सिरे से खारिज किया और कहा – बृजभूषण शरण को सजा और पहलवानों को इंसाफ मिलने तक जारी रहेगी उनकी लड़ाई। गृह मंत्री से मुलाकात के बाद विनेश, बजरंग और साक्षी मलिक नौकरी पर वापस लौट गए हैं।
बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह पर एक्शन की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे पहलवान अब अपनी ड्यूटी पर लौट चुके हैं। गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद पहलवानों ने ऑफिस ज्वाइन करने का फैसला लिया तो वहीं पहलवानों के ड्यूटी ज्वाइन करने की खबरों को आंदोलन वापसी से जोड़कर अफवाह फैला दिया गया, जिसको लेकर रेसलर्स ने कड़ा विरोध जताया है।
पहलवानों ने महिला रेसलर्स के सेक्सुअल हैरासमेंट के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह पर एक्शन लिए जाने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है और अपने सपोर्टर्स से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील करते हुए रेसलर बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने ट्वीट कर आंदोलन जारी रखने की बात कही और साथ ही वीडियो भी जारी किया।
दिन के किस समय आपको फल खाने चाहिए यह एक बहस का विषय है. कई लोगों का कहना है कि सुबह सबसे पहले फल खाने से उनमें मौजूद शुगर ठीक से टूट सकती है. कई अन्य लोगों का कहना है कि दोपहर में मील स्नैक्स के रूप में फल खाना सबसे अच्छा समय है. हालांकि भोजन के साथ फल खाने से पाचन क्रिया प्रभावित होती है ऐसा माना जाता है, क्योंकि फल फाइबर से भरे होते हैं इसलिए हमारे पेट के लिए पके हुए भोजन के साथ इसे प्रोसेस करना मुश्किल हो जाता है.
फलों को खाने का सबसे हेल्दी तरीका, जिसे कई लोग मानते हैं वह उन्हें मील के बीच में खाना है. ये स्नैक्स के रूप में काम करेंगे और पोर्शन साइज को कम कर देंगे.
भोजन के समय के करीब फल खाने से कोई बड़ा नुकसान नहीं होता है. यह पाचन क्रिया को थोड़ा धीमा कर देता है. सुबह जल्दी फल खाना भी आइडियल माना जाता है या फिर भोजन के बीच में पर्याप्त गैप रखते हुए.
क्या फल और ड्राई फ्रूट्स एक जैसे होते हैं?
जो कुछ भी लंबे समय तक उपयोग के लिए संरक्षित किया जाता है, उसमें ताजा के समान न्यूट्रिशन वैल्यू बरकरार नहीं होती. फलों के लिए भी यही सच है.
बाजार की मांगों को पूरा करने के लिए कई ब्रांड उपयोग के लिए ड्राई फ्रूट्स को बढ़ावा देते हैं. जबकि फलों के इन सूखे रूपों का कभी-कभी उपयोग किया जा सकता है, इसे ताजे फलों के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए.
फलों में नेचुरल शुगर होती है. ब्लड शुगर लेवल को बदलने में उनकी भूमिका कम प्रभावशाली होती है. ज्यादातर फल ग्लाइसेमिक इंडेक्स के निचले सिरे पर होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे आपके ब्लड शुगर लेवल को तेजी से नहीं बढ़ाते हैं.
डायबिटीज वालों के लिए भी फल अच्छे होते हैं, लेकिन यह समझना जरूरी है कि आपके शरीर में उनके लिए जगह कैसे बनाई जाए. आम जैसे फलों के मामले में यह और भी ज्यादा है. फलों को अपनी डाइट में कार्बोहाइड्रेट के रूप में शामिल करना चाहिए. ये ध्यान रखना जरूरी है कि आम को अन्य कार्ब्स जैसे रोटी, चावल या आलू के साथ नहीं खाना चाहिए, बल्कि इन्हें बादाम, अखरोट या बीज जैसे नट्स के साथ स्नैक के रूप में सेवन किया जा सकता है.
आम विटामिन ए, विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स (बी12 को छोड़कर), विटामिन सी और पॉलीफेनोल्स का एक बेहतरीन स्रोत हैं. डायबिटीज वाले लोगों को स्नैक्स के रूप में आम के 2 से 3 स्लाइस से ज्यादा न लेने की भी सलाह दी जाती है.
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