Pakistan Food Crisis: संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसी ने आगाह किया है कि पाकिस्तान में बाढ़ से प्रभावित लगभग 57 लाख लोगों को अगले तीन महीनों में गंभीर खाद्य संकट का सामना करना होगा। पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया है कि देश में असमान्य रूप से हुई भारी मानसूनी बारिश के कारण आई बाढ़ के चलते अब तक 1,695 लोगों की जान जा चुकी है। प्राधिकरण के अनुसार बाढ़ से 3.3 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं, 20 लाख से ज्यादा घर नष्ट हो गए हैं और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं।
मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने शनिवार को जारी अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा बाढ़ से पाकिस्तान में खाद्य असुरक्षा के और गहराने की आशंका है और सितंबर से नवंबर महीने के बीच बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 57 लाख लोगों को गंभीर खाद्य संकट का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, इस विनाशकारी बाढ़ से पहले भी पाकिस्तान की लगभग 16 फीसदी आबादी मध्यम या गंभीर स्तर की खाद्य असुरक्षा का सामना कर रही थी।
आपूर्ति को लेकर चिंता की बात नहीं- सरकार
वहीं, पाकिस्तान सरकार ने जोर देकर कहा है कि खाद्य आपूर्ति को लेकर तत्काल चिंता करने वाली कोई बात नहीं है, क्योंकि देश के पास अगले कटाई सत्र तक के लिए गेहूं का पर्याप्त भंडार है और सरकार अतिरिक्त गेहूं का आयात भी कर रही है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा कि एजेंसी और अन्य सहयोगियों ने बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद तेज कर दी है और 16 लाख लोगों तक सहायता पहुंचाई जा चुकी है।
जलजनित सहित अन्य बीमारी तेजी से बढ़ रहीं
एजेंसी ने कहा कि सिंध और दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में जलजनित बीमारियों और अन्य रोगों का प्रकोप बढ़ रहा है। ये दोनों प्रांत पाकिस्तान में मध्य जून में आई बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित प्रांत हैं। कई देशों और संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों द्वारा बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए भेजी गई राहत सामग्री लेकर अब तक 131 विमान पाकिस्तान पहुंच चुके हैं, लेकिन बड़ी संख्या में लोगों ने शिकायत की है कि या तो उन्हें बहुत कम सहायता मिली है या फिर वे अब भी मदद का इंतजार कर रहे हैं।
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किम जोंग उन व रूसी राष्ट्रपति पुतिन
Russia_Ukraine war Update: रूस-यूक्रेन युद्ध में सबसे बड़े उलटफेर की खबर सामने आ रही है। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने ऐसा काम कर दिया है कि जिसकी कल्पना रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने सपने में भी नहीं की रही होगी। अमेरिका के एक आरोप से घबराकर उत्तर कोरिया ने रूस को करारा झटका दे दिया है। यूक्रेन में भीषण युद्ध लड़ रहे रूस के वैगनर समूह को उत्तर कोरिया ने हथियार देने से इनकार कर दिया है। इससे पुतिन भी हैरान रह गए हैं। किम जोंग उन ने अमेरिका की ओर से उत्तर कोरिया पर लगाए गए आरोपों के बाद यह कदम उठाया है। जबकि किम जोंग उन पुतिन के पक्के दोस्त हैं।
दरअसल अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर रूसी सैन्य कंपनी वैगनर समूह को रॉकेट और मिसाइलों की आपूर्ति करने का बड़ा आरोप लगाया था। संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा प्योंगयांग पर रूसी वैगनर समूह को रॉकेट और मिसाइलों की आपूर्ति करने और यूक्रेन में मास्को की सेना को मजबूत करने में मदद करने का आरोप लगाने के बाद उत्तर कोरिया ने रूस को हथियार उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया है। इससे रूसी खेमे में खलबली मच गई है, क्योंकि आमतौर पर किमजोंग उन अमेरिका के हर आदेशों और चेतावनियों को नजरंदाज करने के लिए जाने जाते हैं।
उत्तर कोरिया ने अमेरिका के आरोपों को नकारा
उत्तर कोरिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को एक बयान में अमेरिका के इन आरोपों को “आधारहीन अफवाह” बताया और वाशिंगटन की ओर से यूक्रेन को अपनी सैन्य सहायता को सही ठहराने के उद्देश्य से लगाया गया आरोप करार दिया। अमेरिका ने इस महीने की शुरुआत में रूस के वैगनर समूह को उत्तर कोरिया के साथ निजी सैन्य समूह के कथित हथियारों के सौदे का हवाला देते हुए एक “पारंपरिक आपराधिक संगठन” के रूप में नामित किया था, जिसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों द्वारा निषिद्ध भी किया गया है।
रूसी रेल में अमेरिकी खुफिया तस्वीरें होने का आरोप
व्हाइट हाउस ने यह भी आरोप लगाया है कि जब रूसी रेल कार उत्तर कोरिया से पैदल सेना के रॉकेट और मिसाइलों लेकर रूस लौट रही थीं, तो उसमें अमेरिकी खुफिया तस्वीरें भी थीं। हालांकि अमेरिकी मामलों के उत्तर कोरियाई विभाग के महानिदेशक, क्वोन जोंग गन ने रविवार को इन आरोपों को खारिज कर दिया। साथ ही धमकी भरी चेतावनी भी दी कि अगर अमेरिका “स्व-निर्मित अफवाह” फैलाने में लगा रहता है तो उसे “वास्तव में अवांछनीय परिणाम” का सामना करना पड़ेगा। क्वोन जोंग गन ने कहा, “एक गैर-मौजूद चीज को गढ़कर [उत्तर कोरिया] की छवि को धूमिल करने की कोशिश करना एक गंभीर उकसावा है, जिसकी कभी अनुमति नहीं दी जा सकती है और यह प्रतिक्रिया को ट्रिगर किए बिना नहीं हो सकता है।”
अमेरिका इस वजह से लगा रहा आरोप
क्वोन जोंग गन ने कहाकि उत्तर कोरिया पर यह आरोप लगाने का अमेरिकी कदम “यूक्रेन को हथियारों की अपनी पेशकश को सही ठहराने का एक मूर्खतापूर्ण प्रयास” था। इस हफ्ते की शुरुआत में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कीव को मास्को के आक्रमण से लड़ने में मदद करने के लिए अमेरिकी सेना के सबसे शक्तिशाली और परिष्कृत हथियारों में से एक 31 अब्राम्स टैंक का वादा किया था। अमेरिका के इस निर्णय को लेकर उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की शक्तिशाली बहन किम यो जोंग ने शुक्रवार को यह कहकर फटकार लगाई थी कि वाशिंगटन ने यूक्रेन में टैंक भेजकर “रेड लाइन को और पार करने” प्रयास किया है। क्ववोन जोंग ने भी अमेरिका द्वारा यूक्रेन को टैंक देने को अनैतिक अपराध कहा।
उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा मददगार है रूस
उत्तर कोरिया ने भले ही रूस के वैगनर को युद्धक हथियारों की सप्लाई को रोक दिया है, मगर रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है, जो लंबे समय से परमाणु-सशस्त्र उत्तर कोरिया पर बढ़ते दबाव के खिलाफ खड़ा है, यहां तक कि मानवीय कारणों से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से राहत के लिए भी कह रहा है। हालांकि इस बीचसीरिया और रूस के अलावा उत्तर कोरिया एकमात्र ऐसा देश है, जिसने पूर्वी यूक्रेन में दो रूसी समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों लुहांस्क और दोनेत्स्क की स्वतंत्रता को मान्यता दी है। नवंबर में, व्हाइट हाउस ने कहा था कि प्योंगयांग रूस को “महत्वपूर्ण” तोपों के गोले के साथ गुप्त रूप से आपूर्ति कर रहा था। जवाब में उत्तर कोरिया ने कहा कि उसका रूस के साथ कभी भी हथियारों का सौदा नहीं था और ऐसा करने की उसकी कोई योजना नहीं थी।
Earthquake in Pakistan : पाकिस्तान में भूकंप के तगड़े झटके महसूस हुए हैं। 6.3 तीव्रता का यह भूकंप बेहद जोरदार था जिसके झटके इस्लामाबाद और पंजाब में महसूस किए गए। इससे पहले ईरान में 5.9 तीव्रता का भूकंप आया था जिसमें 400 से अधिक घायल और 7 लोगों की मौत हो गई थी।
कराची: भयानक आर्थिक संकट में घिरे पाकिस्तान से अब जो ताजा तस्वीरें आ रही हैं, वो अब डराने लगी हैं। यहां पर शहबाज सरकार ने मुश्किलों में घिरी आवाम के सिर पर पेट्रोल बम फोड़ दिया है। देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 35 रुपए तक का इजाफा कर दिया गया है। देश के कई हिस्सों में पेट्रोल की कमी हो गई है। मेलसी, कुसुर और शबावी में तो पेट्रोल पंप तक बंद कर दिए गए हैं। कई जगहों पर पेट्रोल पंपों पर लंबी लाइनें लगी हुई हैं। पाकिस्तान में पेट्रोल और डीजल की कीमतों के बढ़ने की आशंका के चलते लोग पेट्रोल और डीजल भरवाने के लिए पहुंच रहे हैं। अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक देश के कई हिस्सों में पेट्रोल पंप पर यह नजारा देखा जा सकता है। कितना महंगा हुआ पेट्रोल जो जानकारियां आ रही हैं उसके मुताबिक देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 35 रुपए की मूल्य वृद्धि को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है केरोसिन ऑयल और हल्के डीजल की कीमतों में 18 रुपए तक का इजाफा किया गया है। केरोसिन ऑयल और हल्के डीजल की कीमतों में 18 रुपए तक का इजाफा किया गया है। इस नए ऐलान के बाद देश में पेट्रोल की कीमत 249 रुपए 80 पैसे तक पहुंच गई है। वहीं डीजल की कीमत 262 रुपए 80 पैसे तक पहुंच गई है।
कई पेट्रोल पंप बंद देश के कई पेट्रोल पंप बंद हो गए हैं। फैसलाबाद और मेलसी में पेट्रोल ही नहीं मिल रहा है। पेट्रोल न मिलने से जनता खासी परेशान है। जनता का कहना है कि सरकार ने उन्हें दोहरी परेशानी में लाकर खड़ा कर दिया है। शनिवार को पाकिस्तानी रुपए में एतिहासिक गिरावट हुई थी और इसके बाद से ही देश की आर्थिक स्थिति के चौपट होने के कयास लगाए जाने लगे थे। पाकिस्तान का मुद्रा भंडार गिरता जा रहा है। Pakistan Inflation Today: कश्मीर मांगने वाले पाकिस्तान के लिए प्याज खाना भी मुश्किल, एक किलो के दाम 300 के पार, बिजली-पेट्रोल भी होंगे महंगे! सिर्फ 20 फीसदी ईधन देश के पास सिर्फ 3.68 अरब डॉलर का ही विदेशी मुद्रा भंडार बचा है। ऐसे में सिर्फ तीन हफ्तों तक ही आयात हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की तरफ से एक अरब डॉलर की रकम रिलीज करनी है। यह रकम बेलआउट पैकेज के तहत होगी और माना जा रहा है कि इसके आने से पाकिस्तान को राहत मिल सकेगी। जियो न्यूज की तरफ से बताया गया है कि गुंजरावाला के सिर्फ 20 फीसदी पेट्रोल पंपों पर ही पेट्रोल बचा है। वहीं रहीम यार खान, बहावलपुर, सियालकोट और फैसलाबाद में भी पेट्रोल और डीजल की भारी कमी की खबरें हैं।
श्रीलंका जैसे हालात सरकार की तरफ से हालांकि इन रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया गया था। सरकार का कहना था कि अगले दो हफ्तों के लिए कीमतों में किसी बदलाव की तैयारी नहीं की गई है। जून 2022 में श्रीलंका में इसी तरह से पेट्रोल पंप पर लाइनें लगनी शुरू हुईं और विद्रोह भड़क गया था। उसके बाद ही दुनिया को पता लगा कि यह देश पूरी तरह से कंगाल हो गया है।