China New Covid Policy: भीषण कोरोना संक्रमण से जूझ रहे चीन ने एक ऐसे कदम का ऐलान किया है जिससे की दुनिया भर में Covid फैलने में और तेजी आ सकती है। चीन ने जानबूझकर यह कदम उठाया है। क्योंकि चीन को पता है कि इससे बचे हुए अन्य सभी देश तेजी से संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। एक तरह से चीन ने खुलेआम मौत बांटने वाला फैसला किया है। वह भी ऐसे वक्त में जब चीन में कोरोना संक्रमण से हाहाकार मचा हुआ है। आइए आपको बताते हैं कि चीन इस दौरान क्या करने जा रहा है?
दरअसल चीन अगले साल 8 जनवरी से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए आइसोलेशन खत्म करने का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए चीन 8 जनवरी से अपनी सारी सीमाएं खोल देगा और प्रतिबंधों को खत्म कर देगा। सोमवार को यहां एक आधिकारिक घोषणा में चीन की ओर से यह जानकारी दी गई। दुनिया भर के लिए यह हैरान कर देने वाला कदम है क्योंकि चीन अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को फिर से खोल देगा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे अलग-थलग रहने के करीब तीन वर्षों बाद वह इस स्थिति से बाहर आएगा। ये घोषणाएं ऐसे समय में आई हैं जब ओमीक्रॉन के संक्रमण से देश जूझ रहा है। ऐसे में संक्रमण और अधिक बढ़ने की आशंका जाहिर की जा रही है। जबकि पहले शी चिनफिंग प्रशासन द्वारा इस महीने की शुरुआत में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद “जीरो कोविड” नीति में कुछ छूट दी गई थी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने सोमवार को कहा कि चीन आठ जनवरी, 2023 से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए “पृथकवास” की जरूरत को खत्म कर देगा।
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तालिबान का शीर्ष नेतृत्व सुप्रीम कमांडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा को पद से हटाने पर विचार कर रहा है। नेतृत्व का मानना है कि अखुंदजादा के कारण तालिबान सरकार के दो फाड़ होने का खतरा बढ़ गया है। हिबतुल्लाह किसी भी कीमत पर महिला शिक्षा पर लगे प्रतिबंध को हटाने के पक्ष में नहीं हैं।
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यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में अपने बच्चे की जान बचाने को सुरक्षित स्थान की ओर जाती महिला (फाइल)
Russia-Ukraine War: यूक्रेन युद्ध ने दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध के मुहाने पर ला कर खड़ा कर दिया है। यूरोपियन देशों के अलावा गैर यूरोपियन देश भी अब यूक्रेन युद्ध में कूद रहे हैं। वहीं रूस अभी तक अकेले ही जंग लड़ रहा है। मगर जिस तरह से एक के बाद एक देश यूक्रेन की मदद को खुलकर सामने आ रहे हैं। उससे तीसरे विश्व युद्ध का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। अब तक यूक्रेन के साथ अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, पोलैंड और आस्ट्रेलिया जैसे ताकतवर देश मजबूती से खड़े हैं। यह सभी यूक्रेन को युद्धक सामग्री से लेकर हर जरूरी मदद कर रहे हैं। इससे बौखलाया रूस अब परमाणु हमले की तैयारी में जुट गया है।
हाल ही में फ्रांस ने यूक्रेन को फाइटर जेट देने का ऐलान किया था। अब फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया ने 155 मिलीमीटर तोप के हजारों गोले संयुक्त रूप से बनाने और आगामी हफ्तों से उन्हें यूक्रेन भेजने की तैयारी में जुट गए हैं। दोनों देश यूक्रेन को भेजे जाने वाले इन तोप गोलों पर कई लाख डॉलर खर्च करेंगे। आपको बता दें कि रूसी युद्ध का सामना कर रहे यूक्रेन की हालत इस वक्त खस्ता हो चुकी है। यूक्रेन के पास गोला, बारूद, हथियारों, टैकों और फाइटर जेट की भारी कमी है। ऐसे में राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अपने पश्चिमी सहयोगियों से भारी हथियार और दीर्घकालिक आपूर्ति का अनुरोध किया है। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस और फ्रांसीसी रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू ने तोप गोलों की यूक्रेन को आपूर्ति करने की संयुक्त घोषणा करके रूस को बड़ा संदेश दिया है।
पोलैंड और बेल्जियम पहले ही कर चुके यूक्रेन को हथियार देने का ऐलान
अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस के बाद पोलैंड और बेल्जियम ने यूक्रेन को बड़ी रक्षा और सैन्य सहायता देने का ऐलान किया है। पोलैंड ने यूक्रेन को 60 अत्याधुनिक टैक देने की घोषणा की है। वहीं बेल्जियम ने यूक्रेन को करीब 100 मिलियन डॉलर के सैन्य उपकरण देने का ऐलान किया है। यह यूक्रेन को दी जाने वाली अब तक की सबसे बड़ी सैन्य सहायता है। इससे पहले जर्मनी ने 14 तेंदुआ-2 टैंक, अमेरिका ने 30 अब्राम टैंक, ब्रिटेन ने करीब 30 विशेष टैंक और फ्रांस फाइटर जेट देने का ऐलान कर चुका है। ऐसे में यूक्रेन के पास टैंकों और सैन्य उपकरणों की कमी का रोना अब लगभग खत्म हो चुका है। इसी हफ्ते जर्मनी और अमेरिका व ब्रिटेन ने अपने टैंक यूक्रेन को भेजने का वादा किया है। इसके बाद यूक्रेन युद्ध में और मजबूती से रूस को टक्कर दे सकेगा।
यूक्रेन की मदद करने वाले देशों पर फायर हुए पुतिन
यूरोपीय संघ और अमेरिका की ओर से यूक्रेन को घातक हथियारों की आपूर्ति को रूस ने सीधे युद्ध में एंट्री माना है। इसलिए पुतिन ने अमेरिका समेत फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, पोलैंड और बेल्जियम समेत अन्य यूरोपीय देशों व आस्ट्रेलिया जैसे गैर यूरोपीय देशों को घातक अंजाम भुगतने की धमकी दे डाली है। रूस ने कहा है कि वह इन सभी टैंकों और हथियारों को नष्ट कर देगा। साथ ही यूक्रेन को इन खतरनाक हथियारों को देने वाले देशों से भी हिसाब लेगा। रूस ने साफ कहा है कि वह अब यूक्रेन की मदद करने वाले किसी भी देश को नहीं छोड़ेगा। विदेश मामलों के जानकारों को भी अब आशंका है कि यूरोपीय संघ और अमेरिका के उक्त कदमों के बाद दुनिया तीसरे विश्व युद्ध में लगभग एंट्री कर गई है।
BBC ने श्रृंखला का यह कहते हुए बचाव किया कि यह ‘उच्चतम संपादकीय मानकों के अनुसार कठोर शोध” था. सरकार ने 21 जनवरी को डॉक्यूमेंट्री की क्लिप साझा करने वाले कई यूट्यूब और ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए थे, जिसकी विपक्षी दलों ने तीखी आलोचना की थी.