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भारत से बहुत कुछ सीखना चाहता है ब्रिटेन… खुद को ‘खराब’ पति और पिता कहने वाले ऋषि सुनक हिंदुस्तान के कैसे रिश्ते चाहते हैं?

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लंदन : महज सात हफ्ते पहले कंजरवेटिव पार्टी के नेतृत्व की दौड़ में मात खाने के बाद ऋषि सुनक ने ब्रिटेन की राजनीति में वापसी की शानदार पटकथा लिख डाली। भारतीय मूल के सुनक (42) ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बन इतिहास रचेंगे। ठीक दिवाली के दिन पेनी मॉर्डंट के दौड़ से हटने की घोषणा के बाद सुनक को कंजरवेटिव पार्टी का निर्विरोध नेता चुन लिया गया। बकिंघम पैलेस में महाराजा चार्ल्स तृतीय से मुलाकात के बाद 210 वर्षों में सबसे कम उम्र के ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने जा रहे पूर्व वित्त मंत्री के लिए यह एक विशेष दिवाली बन गई।

भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों पर सुनक का दृष्टिकोण ब्रिटेन के लिए महज भारत में कारोबार के अवसर से आगे का है। उन्होंने कहा है कि ब्रिटेन ‘भारत से सीखना’ चाहता है। सुनक ने पार्टी में नेतृत्व पाने के लिए पिछले मुकाबले में प्रचार के दौरान कहा था कि वह ब्रिटेन-भारत संबंधों को बदलना चाहते हैं ताकि इसे दोतरफा आदान-प्रदान वाला बनाया जा सके, जिससे ब्रिटेन के छात्रों और कंपनियों की भारत में आसान पहुंच हो।

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लिज ट्रस से हार गए थे ऋषि सुनक
रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के नाटकीय रूप से मुकाबले से हटने और तय समय में 100 सांसदों का समर्थन जुटा पाने में नाकामी के मद्देनजर ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ की नेता पेनी मॉर्डंट के हार मानने के बाद देश के पहले गैर-श्वेत प्रधानमंत्री के रूप में सुनक का मार्ग प्रशस्त हो गया। सुनक पांच सितंबर को कंजरवेटिव पार्टी की नेता लिज ट्रस से प्रधानमंत्री पद की दौड़ में हार गए थे। हालांकि, ट्रस ने पद पर 45 दिनों के बाद पिछले गुरुवार को इस्तीफा दे दिया।

गुजरांवाला में पैदा हुए थे सुनक के दादा-दादी
सुनक के माता-पिता सेवानिवृत्त डॉक्टर यशवीर और फार्मासिस्ट उषा सुनक भारतीय मूल के हैं और 1960 के दशक में केन्या से ब्रिटेन आए थे। सुनक की शादी इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई है। सुनक दंपति की दो बेटियां हैं। सुनक का जन्म साउथेम्प्टन में हुआ था। सुनक के दादा-दादी भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान पैदा हुए थे, लेकिन उनका जन्मस्थान अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित गुजरांवाला में पड़ता है।

ऋषि सुनक के सामने कई बड़ी चुनौतियां
पार्टीगेट प्रकरण के बाद बोरिस जॉनसन की 10 डाउनिंग स्ट्रीट से विदाई और लिज ट्रस के मिनी-बजट की नाकामी के बाद सिर्फ सात सप्ताह के अंतराल पर तीसरे प्रधानमंत्री के रूप में, नए नेता को वैश्विक उथल-पुथल के दौर में अर्थव्यवस्था को बचाने और गहराई से विभाजित कंजरवेटिव पार्टी को एकजुट करने के कठिन कार्य का सामना करना है। सुनक 10 डाउनिंग स्ट्रीट में ऐसे समय सत्ता की कमान संभालेंगे, जब ब्रिटेन धीमी गति से विकास की तिहरी मार-उच्च मुद्रास्फीति, यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर ऊर्जा की कीमतों में बढ़ोतरी और बजट की नाकामी के मुद्दे से जुझ रहा है, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की वित्तीय विश्वसनीयता को कमजोर किया है।

अचानक बढ़ी पार्टी में सुनक की लोकप्रियता
उनके पास कर दरों को बढ़ाने और खर्च में कटौती करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा, जो अलोकप्रिय होगा और इसके अप्रत्याशित राजनीतिक परिणाम भी हो सकते हैं। पिछले महीने, कंजरवेटिव पार्टी के भीतर सुनक की प्रतिष्ठा नई ऊंचाइयों पर पहुंची और फिर से उनकी नजरें प्रधानमंत्री पद पर टिक गई। सुनक के करीबी सहयोगी और ‘रेडी फॉर ऋषि’ अभियान टीम ने कभी भी पार्टी नेतृत्व की दिशा में एक और कदम से इनकार नहीं किया, जबकि दो स्कूल जाने वाली बेटियों कृष्णा और अनुष्का के पिता ने परिवार के लिए भी कुछ समय निकाला।

भारत से दोतरफा संबंधों को पक्षधर सुनक
स्टैनफोर्ड और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के स्नातक सुनक 2015 में यॉर्कशायर के रिचमंड से संसद सदस्य चुने गए थे। वह वित्त मंत्रालय में कनिष्ठ पदों पर रहे और फिर वित्त मंत्री बने। सुनक ने ब्रिटेन-भारत संबंधों के लिए अपना दृष्टिकोण व्यक्त करते हुए कहा था, ‘मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि हमारे छात्रों के लिए भी भारत की यात्रा करना और सीखना आसान हो, हमारी कंपनियों और भारतीय कंपनियों के लिए एक साथ काम करना भी सुगम हो क्योंकि यह केवल एकतरफा संबंध नहीं, यह दोतरफा संबंध है, और मैं उस रिश्ते में इस तरह का बदलाव लाना चाहता हूं।’

सुनक ने ब्रिटेन के ‘पहले गैर-श्वेत प्रधानमंत्री’ बनने के लिए दौड़ के बारे में एक सवाल पर कहा था, ‘मैंने जो सबसे बड़ा त्याग किया है, वह यह है कि मैं पिछले कुछ वर्षों से एक बहुत खराब पति और पिता रहा हूं।’ धर्मनिष्ठ हिंदू सुनक ने ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ का सदस्य चुने जाने पर भगवद्गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी।



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छह पत्नियों का इकलौता पति, सभी से चाहता है बच्चे लेकिन किसी को नहीं करना चाहता प्रेग्नेंट

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साओ पाउलो :छह पत्नियों का अकेला पति अपनी हर पत्नी के साथ बच्चे पैदा करना चाहता है। आर्थर ओ उर्सो अक्सर अपने विवादित शादीशुदा जीवन के कारण सुर्खियां बटोरते रहते हैं। 37 साल के शख्स की एक समय पर नौ पत्नियां थीं। पिछले साल जब उनका दिल टूटा तो उन्होंने अपनी चार पत्नियों को तलाक दे दिया। वह इस महीने की शुरुआत में अपना ‘नया प्यार’ हासिल करने में कामयाब रहे और इस तरह उनकी जिंदगी में छठी जीवनसाथी की एंट्री हुई।

डेलीस्टार की खबर के अनुसार, आर्थर की शादी सबसे पहले लुआना काजाकी से हुई थी। बाद में कपल अपने रिलेशनशिप को ओपन करने के लिए सहमत हो गया। अब अपनी छह पत्नियों के साथ शख्स सरोगेसी के जरिए अपने परिवार को बढ़ाना चाहता है। ब्राजील के साओ पाउलो के मॉडल आर्थर ने कहा, ‘मैं अपनी छह पत्नियों में से सबसे पहले गर्भवती होने के लिए किसी एक को चुनकर बाकियों को नाराज नहीं करना चाहता हूं।’

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‘हमने चुना सरोगेसी का रास्ता’

आर्थर ने कहा, ‘हमने सरोगेसी का रास्ता चुना है। मैं कभी भी इस तरह की किसी चीज से नहीं गुजरा हूं इसलिए यह पहली बार है। हम बहुत चिंतित हैं लेकिन बच्चा पैदा करने के इस सपने को सच करने के लिए उत्साहित भी हैं।’ वर्तमान में उनकी एक 10 साल की बेटी है लेकिन अब वह एक बेटे की उम्मीद कर रहे हैं। वह अपनी हर पत्नी से एक-एक बच्चा चाहते हैं। वह शुरुआत में अपनी पहली पत्नी के अंडों का इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं।

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फैसले के साथ सभी पत्नियां

उनके इस फैसले में उनकी सभी पत्नियां अब साथ हैं जो पहले नहीं थीं। हाल ही में छठी महिला से शादी करने वाले आर्थर ने कहा कि ‘यह घर में एक नाजुक विषय है’। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हम किसी ऐसी महिला की तलाश कर रहे हैं जो हमारी सरोगेट हो सकती है। वह इस प्रक्रिया पर 33,128 पाउंड यानी 33 लाख रुपए से अधिक खर्च करने को तैयार हैं। आर्थर और उनकी पहली पत्नी लुआना ने 2021 में अपना रिश्ता ओपन करने का फैसला लिया था।



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वैज्ञानिकों ने खोजा सबसे विशालकाय ब्लैक होल, सूर्य से 33 अरब गुना बड़ा है आकार

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Image Source : NASA.GOV
विशालकाय ब्लैक होल की खोज

ब्रिटिश खगोलविदों ने एक विशालकाय ब्लैक होल की खोज की है। यह सूर्य के द्रव्यमान से 33 अरब गुना बड़ा है। यह अब तक खोजे गए सबसे विशालकाय ब्लैक होल्स में से एक है। खोज करने वाले वैज्ञानिकों की टीम का शोध बुधवार को  journal Monthly Notices of the Royal Astronomical Society में प्रकाशित हुआ है। शोध के लेखक और इग्लैंड स्थित डरहम यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स के डॉ जेम्स नाइटिंगेल ने कहा कि एक खगोलशास्त्री के रूप में भी मुझे यह समझना मुश्किल है कि यह चीज कितनी बड़ी है।”

‘ब्लैक होल इससे ज्यादा बड़े नहीं हो सकते’

जेम्स नाइटिंगेल ने कहा कि यह ब्लैक होल अब तक खोजे गए सबसे बड़े ब्लैक होल में से एक हो सकता है, क्योंकि भौतिकविदों को लगता है कि ब्लैक होल इससे ज्यादा बड़े नहीं हो सकते। उनका कहना है, टीम के लिए यह खोज बेहद रोमांचक है। इस तरह के कई विशालकाय ब्लैक होल ब्रह्मांड में फैले हुए हैं। ये सूर्य के द्रव्यमान से 10 अरब से 40 अरब गुना तक बड़े हैं।

एक विशालकाय ब्लैक होल हो गया था गायब

पिछले साल 2022 में मैसाचुसेट्स के हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स और मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी के वैज्ञानिकों ने एक बड़े ब्लैक होल की खोज की थी, जो पृथ्वी से 1,560 प्रकाश वर्ष दूर है। दो साल पहले एक विशालकाय ब्लैक होल गायब हो गया था, जो सूर्य से करीब 100 अरब गुना ज्यादा बड़ा था। नासा के वैज्ञानिक इसे अब तक खोज नहीं पाए हैं। नासा इस गायब हुए ब्लैक होल को खोजने के लिए NASA की चंद्र एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी और हबल स्पेस टेलिस्कोप का इस्तेमाल कर रही है, लेकिन अभी तक इसका कोई अता-पता नहीं है। 

बता दें कि ब्लैक होल अंतरिक्ष में वो जगह है, जहां भौतिक विज्ञान का कोई नियम काम नहीं करता। इसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र इतना शक्तिशाली होता है कि इसके खिंचाव से कुछ भी नहीं बच सकता। यहां तक कि प्रकाश भी इसमें जाने के बाद बाहर नहीं निकल सकता।

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Coronal Holes: सूरज पर बने कुएं से निकल चुकी है सौर आंधी, धरती से टकराई तो क्या मचेगी तबाही?

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अत्यधिक पराबैंगनी प्रकाश में देखे जाने पर कोरोनल होल काले दिखाई देते हैं। कभी-कभी सौर हवा पृथ्वी पर ऊंचाई वाले स्थानों पर अरोरा पैदा कर सकती हैं। अमेरिकी स्पेस एजेंसी के अनुसार जब कोरोनल मास इजेक्शन (सौर तूफान) पृथ्वी से टकराते हैं, तो वे भू-चुंबकीय तूफान पैदा कर सकते हैं, अरोराओं को ट्रिगर कर सकते हैं, रेडियो तरंगों के साथ-साथ जीपीएस और इलेक्ट्रिकल सिस्टम को बाधित कर सकते हैं।



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