भारत में शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की बैठक प्रस्तावित है। इसमें शामिल होने के लिए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान और चीन के विदेश मंत्रियों को न्योता भेजा है। पाकिस्तान ने न्योता मिलने की पुष्टि तो की है, लेकिन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के भारत यात्रा पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
Indore News-इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें महिला उसकी पिटाई करते हुए नजर आ रही है। युवक इसके बाद भी अपनी गलती नहीं मान रहा था। इसके बाद मौका देखकर वह फरार हो गया। पुलिस ने बाइक और बैग जब्त कर आरोपित की तलाश शुरू कर दी है।
कराची: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति एवं 1999 में करगिल युद्ध के मुख्य सूत्रधार रहे जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ को कराची के छावनी क्षेत्र में मंगलवार को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। कई वर्षों से बीमार मुशर्रफ का दुबई के एक अस्पताल में रविवार को निधन हो गया था। वह 79 वर्ष के थे। पाकिस्तान में उनके खिलाफ लगे आरोपों से बचने के लिए वह 2016 से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में स्वनिर्वासन में रह रहे थे। दुबई में उनका ‘एमाइलॉयडोसिस’ का इलाज चल रहा था।
मुशर्रफ का पार्थिव शरीर दुबई से सोमवार को विशेष विमान से यहां लाया गया। मुशर्रफ की पत्नी सबा, बेटा बिलाल, बेटी और अन्य करीबी रिश्तेदार माल्टा विमानन के विशेष विमान से उनके पार्थिव शरीर के साथ यहां पहुंचे। अधिकारियों ने बताया कि विशेष विमान कड़ी सुरक्षा के बीच जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पुराने टर्मिनल क्षेत्र में उतरा और पूर्व राष्ट्रपति के पार्थिव शरीर को मलीर छावनी क्षेत्र ले जाया गया। पाकिस्तानी मीडिया ने बताया कि जनरल मुशर्रफ को ‘पूरे राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ’ सुपुर्द-ए-खाक किया गया। हालांकि अधिकारियों ने इस संबंध में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है। इससे पहले स्थानीय अधिकारियों ने बताया था कि मलीर छावनी में पूरे इंतजाम किए गए थे, जहां उन्हें कराची के ‘ओल्ड आर्मी ग्रेवयार्ड’ में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। वहीं मलीर छावनी के गुलमोहर पोलो ग्राउंड में नमाज ए-जनाजा पढ़ी गई। इससे पहले ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग के सूचना सचिव ने बताया था कि सभी इंतजाम कर लिये गए हैं और गुलमोहर पोलो ग्राउंड में नमाज ए-जनाजा पढ़ी जाएगी।
मुशर्रफ ने सेवानिवृत्त होने के बाद ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग का गठन किया था। मुशर्रफ की मां को दुबई में और उनके पिता को कराची में सुपुर्द-ए-खाक किया गया था। करगिल में मिली नाकामी के बाद मुशर्रफ ने 1999 में तख्तापलट कर तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपदस्थ कर दिया था। वह 2001 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे। मुशर्रफ का जन्म 1943 में दिल्ली में हुआ था और 1947 में उनका परिवार पाकिस्तान चला गया था। वह पाकिस्तान पर शासन करने वाले अंतिम सैन्य तानाशाह थे।
Image Source : FILE
मलबे से जिंदा निकले घाना के क्रिश्चियन एत्सु, फुटबॉलर (फाइल)
नई दिल्ली। तुर्की और सीरिया में भूकंप से हुई तबाही की दास्तान जिसने भी सुना या देखा उसकी रूह कांप गई। मिनटों और सेकेंडों में मौत इतनी रफ्तार में आई कि संभलने का मौका ही नहीं दिया। एक ही झटके में मौत ने बहुतों को निगल लिया, लेकिन बहुत से सौभाग्यशाली ऐसे भी रहे, जिन्होंने मौत को मात देकर जिंदगी की जंग में आगे निकलने का गौरव हासिल किया। इस भूकंप की भयावहता इतनी डरावनी है कि तस्वीरें देखकर ही कलेजा फटा जा रहा है। मलबे में दबे लोगों को अब भी राहत और बचाव दलों द्वारा निकाला जा रहा है। हम आपको इस भीषण भूकंप में मौत के करीब पहुंचे एक ऐसे ही खिलाड़ी की दास्तां बताने जा रहे हैं, जिसकी कहानी को जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
घाना के अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर क्रिश्चियन एत्सु (31 वर्ष) उस वक्त तुर्की में ही मौजूद थे, जब भूकंप ने सेकंडों में सैकड़ों इमारतों को जमींदोज कर दिया। एत्सु भी एक मलबे के नीचे दब गए थे और मौत उनके बेहद करीब थी। इधर घाना के राष्ट्रपति से लेकर अन्य लोग एत्सु के ठीक होने की दुआएं कर रहे थे। जिंदगी और मौत के बीच महज कुछ सेकंड का ही फासला रहा होगा। एत्सु को भी शायद अंदाजा नहीं रहा होगा कि वह मौत से जंग जीत पाएंगे। फुटबाल के मैदान में किक मारकर गोल करने वाले एत्सु के सामने आज मौत से मैच जीतना था। आखिरकार किस्मत ने उनका साथ दिया और एत्सु मौत को किक मारकर मलबे से बाहर निकलने में कामयाब हो गए। उन्होंने मलबे से निकलने के बाद बताया कि मौत उनके बेहद करीब से गुजरी, लेकिन वह किस्मत वाले रहे कि बच गए।
एत्सु के जीवित निकलने पर हैरान रह गए लोग
मलबे में मौत से संघर्ष करके जीवित निकले फुटबॉलर एत्सु को देखकर लोग भी हैरान रह गए। घाना निवासी क्रिश्चियन एत्सु तुर्की के हेटास्पोर क्लब के लिए खेलते हैं। वह एक इमारत के नीचे मलबे में दब गए थे। एत्सु के मैनेजर मुस्तफा ओजट ने बताया कि उन्हें घायल अवस्था में मलबे के नीचे से जीवित निकाल लिया गया है। उन्होंने बताया कि क्लब के खेल निदेशक तानेर सावत भी मलबे में दबे हैं। तुर्की में घाना के राजदूत ने आज कहा कि घाना के राष्ट्रीय खिलाड़ी और पूर्व न्यूकैसल मिडफील्डर क्रिश्चियन एत्सु भूकंप के मलबे में जीवित पाए गए हैं, जिसमें तुर्की और पड़ोसी सीरिया में 5000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
एत्सु सितंबर में तुर्की के सुपर लिग साइड हैटेस्पोर में शामिल हो गए थे। वह सोमवार को भूकंप के उपरिकेंद्र हटे के दक्षिणी प्रांत में थे। जहां बड़े पैमाने पर भूकंप ने तबाही मचाई है। घाना के एक स्थानीय समुदाय संघ का जिक्र करते हुए फ्रांसिस्का एशिएटी-ओडुनटन ने अकरा स्थित असासे रेडियो को बताया, “मेरे पास अच्छी खबर आ रही है। मुझे घाना संघ के अध्यक्ष से जानकारी मिल रही है कि ईसाई अत्सु हटे में सुरक्षित पाया गया है।”