टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा है कि भारत अगले साल तेजी से इकोनॉमिक ग्रोथ हासिल करने वाली बड़ी इकोनॉमी बने रहने के लिये बेहतर पोज़िशन में है।
उन्होंने साथ ही कहा कि विश्व की इकोनॉमिक ग्रोथ की दर महामारी और ग्लोबल वित्तीय संकट को छोड़कर इस सदी की शुरूआत से सबसे नीचे रह सकती है।
चंद्रशेखरन ने टाटा समूह के करीब 9.35 लाख करोड़ कर्मचारियों को नये साल के संदेश में कहा कि मांग में वृद्धि, उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ना और इन्वेस्टमेंट में तेजी से भारत की ग्रोथ को समर्थन मिलेगा। हालांकि, ग्लोबल स्थिति के स्तर पर कई रिस्क है। इसमें यूरोप में ऊर्जा संकट, रिसेशन (मंदी) को रोकने के लिये महंगाई को काबू में लाने का संघर्ष तथा वैश्विक स्तर पर जारी तनाव शामिल हैं।
उन्होंने अपने संदेश में लिखा है, ‘‘महामारी के बाद भारत में चीजें बेहतर हुई हैं और पिछले एक साल में हमारा रोजाना जीवन सामान्य रास्ते पर लौट आया है…हमारी कई कंपनियों के लिये कारोबारी गति मजबूत बनी हुई है।’’
चंद्रशेखरन ने कहा कि अगले साल महंगाई के धीरे-धीरे नरम पड़ने की उम्मीद है। भारत बेहतर स्थिति में है और मांग तथा निवेश में तेजी तथा ग्राहकों के बीच भरोसा बढ़ने से देश तेजी से इकोनॉमिक ग्रोथ हासिल करने वाली बड़ी इकोनॉमी बना रहेगा।’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, सुस्त पड़ती ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ….उत्पादन पर दबाव के रूप में काम कर सकती है। लेकिन ग्लोबल मैन्युफेक्चरिंग में हमारी बढ़ती हिस्सेदारी कुछ राहत प्रदान कर सकती है।’’
चंद्रशेखरन ने कहा, ‘‘महामारी और ग्लोबल फाइनेंशियल संकट को छोड़ दिया जाए तो अगले साल ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ की दर इस सदी की शुरुआत से सबसे कम होगी। हमें जिंसों (Commodities) के दाम में तेजी पर नजर रखने की जरूरत होगी।’’
समूह के प्रदर्शन के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘यह एक गतिविधियों वाला वर्ष रहा। हमने वर्ष के दौरान महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं। इसमें एयर इंडिया का समूह में वापस आना, टाटा न्यू पेश करना तथा टाटा मोटर्स की यात्री कारों की संख्या एक साल में 5,00,000 के पार पहुंचना शामिल है। इसमें इलेक्ट्रिक वाहन (EV) का हिस्सा 10 फीसदी रहा।’’
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