इस्लामाबाद/नई दिल्ली: मुंबई हमले के मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी साजिद मीर को पाकिस्तान ने एफएटीएफ के दबाव में आकर आखिरकार जेल भेज दिया है। अब इस पूरे मामले में खुलासा हुआ है कि भारत ने साजिद मीर समेत 30 खूंखार आतंकवादियों की लिस्ट सौंपी थी जिसमें 9 संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकी घोषित किए गए नाम शामिल थे। इसमें लश्कर का संस्थापक हाफिज सईद, लश्कर का ऑपरेशनल हेड जकिउर रहमान लखवी और जैश-ए- मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर का नाम शामिल था। पश्चिमी देशों ने भारत की इस लिस्ट का जोरदार तरीके से समर्थन किया और इससे मजबूर होकर पाकिस्तान को साजिद मीर के खिलाफ ऐक्शन लेना पड़ा। साजिद मीर वही आतंकी है जो कसाब समेत मुंबई पर हमला करने वाले सभी आतंकियों को फोन पर हमले करने के लिए निर्देश दे रहा था। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस ऐक्शन के बाद भी अभी तक पाकिस्तान की ओर से इस्लामाबाद में बैठे आतंकी साजिशकर्ता और मास्टरमाइंड को लेकर भारत की चिंताएं दूर नहीं हुई हैं। मुंबई हमले के एकमात्र जिंदा आतंकी अजमल आमिर कसाब ने साजिद मीर का नाम लिया था जो सीधे तौर पर इस हमले में शामिल था। वहीं पाकिस्तान ने अभी तक मुंबई हमले में शामिल होने के लिए हाफिज सईद का नाम चार्जशीट में शामिल नहीं किया है। साजिद मीर मर गया, देश में नहीं है… बहानेबाज पाकिस्तान ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड को अब पकड़ा, वजह जानें अमेरिका ने भारत की लिस्ट का किया खुलकर समर्थन, घिरा पाक यही नहीं साजिद मीर को भी मुंबई हमलों में शामिल होने के लिए जेल नहीं भेजा गया है। इसकी बजाय पाकिस्तान ने उसे आतंकवाद निरोधक कानून के तहत लश्कर का सदस्य होने, आतंकी संगठन के लिए पैसा जुटाने और हमले करने के लिए पैसा मुहैया कराने के लिए यह जेल की सजा दी है। संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकी घोषित किए गए नामों में हाफिज सईद, लखवी, मसूद अजहर, लश्कर का वित्तीय मामलों का प्रमुख मुहम्मद अशरफ, जमात-उद-दावा संस्थापक जफर इकबा और लश्कर से जुड़ा महमूद मोहम्मद अहमद बहजिक भी शामिल है।
इसके अलावा भारत की लिस्ट में शामिल 21 अन्य नामों में साजिद मीर, अब्दुल रऊफ अजहर, अब्दुल रहमान मक्की आदि शामिल हैं। हाल ही में चीन ने मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकी घोषित किए जाने से रोक दिया था। मक्की हाफिज सईद का रिश्तेदार है। भारत की लिस्ट में दाऊद इब्राहिम का भी नाम शामिल है। पाकिस्तान को लेकर आयोजित एफएटीएफ की बैठक में अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने भारत के 30 आतंकियों के खिलाफ ऐक्शन का जोरदार समर्थन किया। अमेरिका ने खासतौर पर साजिद मीर और मसूद अजहर का नाम लिया था। मीर को यह सजा तब दी गई जब पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने अमेरिकी विदेश मंत्री से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान ने वादा किया है कि वह एफएटीएफ के सदस्यों की यात्रा से पहले मसूद अजहर के खिलाफ भी ऐक्शन लेगा।
बॉलीवुड सेलिब्रिटी समेत कई बिजनेसमैन यहां पर घरों को एक निवेश के तौर पर भी देख रहे हैं। शिल्पा शेट्टी, शाहरुख खान और अक्षय कुमार का घर यहां पर है। इसके अलावा उद्योगपति मुकेश अंबानी और फुटबॉलर डेविड बैकहम का घर भी यहां है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मुकेश अंबानी के विला में 10 बेडरूम, एक प्राइवेट, इनडोर और आउटडोर पूल है। इसकी कीमत 8 करोड़ डॉलर है।
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चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाक पीएम शहबाज शरीफ
नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने साफ शब्दों में चीन से कह दिया है कि उसके लोग यहां बिजनेस करना बंद कर दें, अन्यथा उनकी जान जा सकती है। शरीफ ने पाकिस्तान में व्यापार कर रहे सभी चीनियों को तत्काल अपने कारोबार को समेटने के लिए कहा है। मगर आप सोच रहे होंगे कि पाकिस्तान और चीन तो दोस्त हैं, फिर आखिर ऐसा क्या हो गया कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने चीन को यह अल्टीमेटम दे डाला…तो आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला है क्या?
पाकिस्तान की ओर से अचानक मिले इस अल्टीमेटम से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हैरान हो गए हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने चीन को यह अल्टीमेटम यूं ही नहीं दिया है, बल्कि पिछले कुछ महीनों में चीन के कई नागरिक उनके देश में मारे जा चुके हैं। इसमें चीन के कई इंजीनियर, डॉक्टर और व्यापारी समेत अन्य नागरिक शामिल हैं।
चीनी नागरिकों को कौन बना रहा निशाना
अब आपको बताते हैं कि चीन के इन नागरिकों को आखिर पाकिस्तान में निशाना कौन बना रहा है। पाकिस्तान की सरकार के अनुसार विभिन्न आतंकी गुटों के निशाने पर चीनी नागरिक हैं। वह उन्हें लगातार टारगेट कर रहे हैं और उनकी जान को सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है। इसलिए पाकिस्तान की सरकार ने चीनी नागरिकों को तत्काल अपने देश से कारोबार बंद करने को कहा है। आपको बता दें कि वर्ष 2022 में ग्वादर के दासू प्रोजेक्ट पर काम कर रहे चीनी इंजीनियरों की एक बस को आतंकियों ने निशाना बनाया था, जिसमें 10 चीनी इंजीनियरों की मौत हो गई थी।
इसके अलावा पाकिस्तान के पेशावर में भी कई चीनी नागरिकों को आतंकी निशाना बना चुके हैं। पाकिस्तान में चीनी नागरिकों को निशाना बनाए जाने के पीछे एक खास वजह भी है। दरअसल पाकिस्तान के आतंकी संगठनों को लगता है कि चीनी नागरिकों की बढ़ती मौजूदगी की वजह से उनके समुदाय और इलाकों को खतरा है। वह आतंकियों के कारोबार पर भी असर डाल रहे हैं। इसलिए आतंकी चीनी नागरिकों को चुन-चुन मार रहे हैं।
पाकिस्तान को चीन से मदद नहीं मिलने का डर
आतंकियों के निशाने पर चल रहे चीनी नागरिकों को बचाने में पाकिस्तान की सरकार नाकाम साबित हो रही है। इसलिए अब वह उन्हें कारोबार बंद करने और अपने देश लौटने के लिए कह रही है। पाकिस्तान को पता है कि अगर चीनी नागरिकों की लगातार मौत होती रही तो चीन उसकी मदद करना बंद कर देगा। फिलहाल आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज की जरूरत है, जिसे चीन की मदद के बगैर हासिल करना पाकिस्तान के लिए कतई संभव नहीं है।
अल्टीमेटम के बाद चिंता में पड़ा चीन
पाकिस्तान के इस अल्टीमेटम के बाद चीन खासी चिंता में पड़ गया है। इसकी वजह है कि चाइना पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर (सीपीईसी) में चीन ने करीब 60 अरब डालर का निवेश किया है। कई वर्षों से प्रोजेक्ट चल रहा है और इस पर दो तिहाई पैसा अब तक खर्च हो चुका है। इसके अलावा भी चीन के कई प्रोजेक्ट पाकिस्तान में चल रहे हैं। ऐसे में अगर चीनी नागरिकों को पाकिस्तान से वापस लौटना पड़ा तो उनके कई अहम प्रोजेक्ट भी खटाई में पड़ सकते हैं।
एक तरफ आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की तरफ से कर्ज का इंतजार है तो दूसरी ओर वह दूसरे देशों को कर्ज देकर उसके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रहा है। आईएमएफ ने ताजा घटनाक्रम में अर्जेंटीना (Argentina) के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया है।