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भारत के बेटे के हाथ में अंग्रेजों की कमान, ब्रिटेन के 57वें प्रधानमंत्री बने ऋषि सुनक

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ऋषि सुनक और किंग चार्ल्स

लंदन: भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। बकिंघम पैलेस में आयोजित एक कार्यक्रम में ब्रिटिश महाराज चार्ल्स तृतीय ने सुनक को शपथ दिलाई। शपथग्रहण के बाद ऋषि सुनक ने ब्रिटिश महाराज के हाथों को चूमकर अपनी वफादारी की कसम खाई। इस मौके पर कुछ सार्वजनिक तस्वीरों के बाद महाराज चार्ल्स तृतीय और प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के बीच एक गुप्त बैठक भी हुई जिसका कोई भी रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है।

‘हम साथ मिलकर अविश्वसनीय चीजें हासिल कर सकते हैं’


ऋषि सुनक को किंग चार्ल्स III (King Charles III) ने सरकार बनाने के लिए कहा जिसके बाद वह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन गए हैं। पीएम नियुक्त होने के बाद ऋषि सुनक ने कहा कि हम साथ मिलकर अविश्वसनीय चीजें हासिल कर सकते हैं। यह सरकार हर स्तर पर ईमानदारी, व्यावसायिकता और जवाबदेही के बारे में होगी।

सुनक पहले भारतवंशी जो ब्रिटेन में इतने बड़े पद पर पहुंचे

ऋषि सुनक का पीएम बनना भारत के लिए गर्व की बात है। बता दें कि वह पहले ऐसे भारतवंशी हैं, जो ब्रिटेन में इतने बड़े पद पर पहुंचे हैं। पेनी मॉरडॉन्ट के नाम वापस लेने के बाद ऋषि का प्रधानमंत्री बनना तय हो गया था। सुनक को लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद सोमवार को कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता चुना गया था। लिज ट्रस ने अपनी आर्थिक नीतियों और कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफे को लेकर आलोचना झेल रही थीं। ऋषि सुनक एक साल के अंदर तीसरे ब्रिटिश प्रधानमंत्री हैं।

PM मोदी ने दी ऋषि सुनक को बधाई

पीएम मोदी ने भी ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को बधाई दी है। उन्होंने कहा, ‘ऋषि सुनक को हार्दिक बधाई। जैसे ही आप यूके के पीएम बनते हैं, मैं वैश्विक मुद्दों पर एक साथ मिलकर काम करने और रोडमैप 2030 को लागू करने के लिए तत्पर हूं। ब्रिटेन के भारतीयों के ‘जीवित पुल’ को विशेष दिवाली की शुभकामनाएं, क्योंकि हम अपने ऐतिहासिक संबंधों को आधुनिक साझेदारी में बदलते हैं।’

कौन हैं ऋषि सुनक

ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को ब्रिटेन के साउथम्पैटन में हुआ था। उनके पिता डॉक्टर और मां एक क्लीनिक चलाती थीं। ऋषि के दादा-दादी का जन्म पंजाब प्रांत (ब्रिटिश इंडिया) में हुआ था। इस लिहाज से ऋषि की जड़ें भारत से जुड़ी हुई हैं। ऋषि तीन बहन-भाई में सबसे बड़े हैं।

ऋषि के पिता का जन्म केन्या और मां तंजानिया से हैं। ऋषि ने राजनीतिक विज्ञान की पढ़ाई ब्रिटेन के विंचेस्टर कॉलेज से की है। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी चले गए थे। ऋषि ने फिलोसॉफी, इकॉनोमिक्स और एमबीए की पढ़ाई की है। पढ़ाई पूरी करने के बाद ऋषि सुनक गोल्डमैन सैक्स के साथ काम कर चुके हैं और फिर वह हेज फंड फर्म्स में पार्टनर बन गए। इसके बाद ऋषि ने एक ग्लोबल इन्वेस्टमेंट कंपनी की स्थापना की।

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वैज्ञानिकों ने खोजा सबसे विशालकाय ब्लैक होल, सूर्य से 33 अरब गुना बड़ा है आकार

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Image Source : NASA.GOV
विशालकाय ब्लैक होल की खोज

ब्रिटिश खगोलविदों ने एक विशालकाय ब्लैक होल की खोज की है। यह सूर्य के द्रव्यमान से 33 अरब गुना बड़ा है। यह अब तक खोजे गए सबसे विशालकाय ब्लैक होल्स में से एक है। खोज करने वाले वैज्ञानिकों की टीम का शोध बुधवार को  journal Monthly Notices of the Royal Astronomical Society में प्रकाशित हुआ है। शोध के लेखक और इग्लैंड स्थित डरहम यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स के डॉ जेम्स नाइटिंगेल ने कहा कि एक खगोलशास्त्री के रूप में भी मुझे यह समझना मुश्किल है कि यह चीज कितनी बड़ी है।”

‘ब्लैक होल इससे ज्यादा बड़े नहीं हो सकते’

जेम्स नाइटिंगेल ने कहा कि यह ब्लैक होल अब तक खोजे गए सबसे बड़े ब्लैक होल में से एक हो सकता है, क्योंकि भौतिकविदों को लगता है कि ब्लैक होल इससे ज्यादा बड़े नहीं हो सकते। उनका कहना है, टीम के लिए यह खोज बेहद रोमांचक है। इस तरह के कई विशालकाय ब्लैक होल ब्रह्मांड में फैले हुए हैं। ये सूर्य के द्रव्यमान से 10 अरब से 40 अरब गुना तक बड़े हैं।

एक विशालकाय ब्लैक होल हो गया था गायब

पिछले साल 2022 में मैसाचुसेट्स के हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स और मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी के वैज्ञानिकों ने एक बड़े ब्लैक होल की खोज की थी, जो पृथ्वी से 1,560 प्रकाश वर्ष दूर है। दो साल पहले एक विशालकाय ब्लैक होल गायब हो गया था, जो सूर्य से करीब 100 अरब गुना ज्यादा बड़ा था। नासा के वैज्ञानिक इसे अब तक खोज नहीं पाए हैं। नासा इस गायब हुए ब्लैक होल को खोजने के लिए NASA की चंद्र एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी और हबल स्पेस टेलिस्कोप का इस्तेमाल कर रही है, लेकिन अभी तक इसका कोई अता-पता नहीं है। 

बता दें कि ब्लैक होल अंतरिक्ष में वो जगह है, जहां भौतिक विज्ञान का कोई नियम काम नहीं करता। इसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र इतना शक्तिशाली होता है कि इसके खिंचाव से कुछ भी नहीं बच सकता। यहां तक कि प्रकाश भी इसमें जाने के बाद बाहर नहीं निकल सकता।

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Coronal Holes: सूरज पर बने कुएं से निकल चुकी है सौर आंधी, धरती से टकराई तो क्या मचेगी तबाही?

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अत्यधिक पराबैंगनी प्रकाश में देखे जाने पर कोरोनल होल काले दिखाई देते हैं। कभी-कभी सौर हवा पृथ्वी पर ऊंचाई वाले स्थानों पर अरोरा पैदा कर सकती हैं। अमेरिकी स्पेस एजेंसी के अनुसार जब कोरोनल मास इजेक्शन (सौर तूफान) पृथ्वी से टकराते हैं, तो वे भू-चुंबकीय तूफान पैदा कर सकते हैं, अरोराओं को ट्रिगर कर सकते हैं, रेडियो तरंगों के साथ-साथ जीपीएस और इलेक्ट्रिकल सिस्टम को बाधित कर सकते हैं।



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Russia Vs US: पहले यार्स मिसाइल का अभ्‍यास, अब न्‍यूक्लियर बम का डेटा देना बंद… नाटो की परमाणु टेंशन बढ़ा रहे पुतिन

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मास्‍को: रूस अब अमेरिका के साथ परमाणु बमों की सूचना को शेयर नहीं करेगा। रूस के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने इसका ऐलान कर दिया है। इससे पहले नई स्‍टार्ट संधि के तहत अमेरिका और रूस एक-दूसरे को परमाणु बमों का डेटा शेयर करते थे। रूस ने यह ऐलान ऐसे समय पर किया है जब साइबेरिया में पुतिन की सेना ने यार्स अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों के साथ अभ्‍यास शुरू किया है। यह मिसाइल अमेरिका तक तबाही मचाने में सक्षम है। यूक्रेन युद्ध के बीच रूस के इस ऐलान से अमेरिका के साथ उसका तनाव काफी बढ़ गया है।

रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने बुधवार को कहा कि मास्‍को ने वॉशिंगटन के साथ सभी सूचनाओं का आदान-प्रदान करना बंद कर दिया है। इससे पहले पिछले महीने रूस ने नई स्‍टार्ट परमाणु हथियार संधि से खुद को अलग कर लिया था। यह पूछे जाने पर कि क्‍या अब रूस मिसाइलों के परीक्षण से पहले सूचना देगा, इस पर रयाबकोव ने कहा, ‘इस संबंध में कोई भी नोटिफ‍िकेशन नहीं जारी किया जाएगा।’ उन्‍होंने कहा कि इस संधि के अब किसी प्रावधान को लागू नहीं किया जाएगा।
Nuclear Weapons Report: दुनिया में कितने परमाणु हथियार लॉन्च के लिए तैयार? आ गई न्यूक्लियर वेपन्स की ताजा लिस्ट

नाटो के ऐलान से भड़का हुआ है रूस

इससे पहले मंगलवार को अमेरिका ने कहा था कि वह पुतिन के नई स्‍टार्ट संधि के रद करने के बाद रूस को परमाणु हथियारों के जखीरे को लेकर आंकड़ा देना बंद करेगा। अमेरिका के राष्‍ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्‍ता जॉन किर्बी ने कहा, ‘रूस पूरी तरह से नियमों को नहीं मान रहा है और उसने डेटा देना भी बंद कर दिया है जिस पर नई स्‍टार्ट संधि के तहत सहमति बनी थी।’ उन्‍होंने कहा कि चूंकि रूस आंकड़े नहीं दे रहा है, इसलिए वह भी अब रूस को यह आंकड़ा नहीं दे रहे हैं।

रूस और अमेरिका दोनों ही हर साल एक-दूसरे को अपने परमाणु हथियारों की संख्‍या और परमाणु बम गिराने में सक्षम बॉम्‍बर की तैनाती के बारे में बताते रहते हैं। इसे नई स्‍टार्ट संधि के तहत शुरू किया गया था। पिछले महीने पुतिन ने इस संधि से हटने का ऐलान किया था। उन्‍होंने यह ऐलान तब किया था जब अमेरिका और उसके सहयोगी नाटो देशों ने खुलकर कहा था कि यूक्रेन में रूसी सेना की हार उनका लक्ष्‍य है। रूस ने कहा है कि वह अपने मिसाइल परीक्षण की योजना के बारे में सूचना देता रहेगा।



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