Image Source : FACEBOOK.COM/BILAWALBHUTTOZARDARIPK
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी।
Bilawal Bhutto in USA: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के संबंधों को पर बड़ा बयान दिया है। भुट्टो ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर भारत और पाकिस्तान को साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वॉर्मिंग के असर के चलते पाकिस्तान में विनाशकारी बाढ़ देखने को मिली। भुट्टो ने एक तरफ जहां क्लाइमेट चेंज के मुद्दे पर भारत के साथ काम करने की बात कही, वहीं यह भी कहा कि उनका देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का विरोध करता रहेगा।
‘जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर मिलकर काम करें दोनों देश’
बता दें कि बिलावल भुट्टो इस समय कई द्विपक्षीय बैठकें करने के लिए वॉशिंगटन में हैं। उन्होंने शुक्रवार को पाकिस्तानी मीडिया के एक ग्रुप को बताया कि उनके देश में बाढ़ के चलते जो हालात पैदा हुए हैं, उसे देखते हुए ‘वक्त आ गया है कि भारत और पाकिस्तान दोनों साथ मिलकर जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर काम करें।’ बिलावल ने कहा, ‘हमारे देश का एक तिहाई हिस्सा जलमग्न है। हर सात में से एक व्यक्ति बाढ़ से पीड़ित है। अगर हम जलवायु परिवर्तन से लड़ने की बात कर रहे हैं तो अमेरिका और चीन को साथ मिलकर काम करना चाहिए।’
Image Source : AP
बिलावल भुट्टो समय-समय पर कश्मीर का राग भी अलापते रहते हैं।
‘पाकिस्तान UNSC में वीटो को खत्म कर देने के पक्ष में है’ भुट्टो ने आगे कहा, ‘हमें जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान को साथ मिलकर काम करने के बारे में विचार करना चाहिए।’ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के मुद्दे पर एक अन्य प्रश्न के जवाब में बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान भारत की स्थायी सदस्यता की उम्मीदवारी का विरोध करता रहेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद वीटो को खत्म करने के पक्ष में है। बता दें कि बिलावल भुट्टो ने कई मौकों पर और कई मुद्दों को लेकर कहा है कि भारत और पाकिस्तान को साथ मिलकर काम करना चाहिए हालांकि साथ ही वह कश्मीर का राग भी अलापते रहते हैं।
भारत के साथ संबंध बहाली की वकालत करते रहते हैं भुट्टो बता दें कि इससे पहले जून में बिलावल ने भारत के साथ संबंध बहाली की जोरदार वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान दुनिया में पहले ही अलग-थलग पड़ा हुआ है, ऐसे में भारत के साथ रिश्ते तोड़ना मुल्क के लिए कहीं से फायदेमंद नहीं होगा। देश की राजधानी इस्लामाबाद में सामरिक अध्ययन संस्थान के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए बिलावल ने तब कहा था कि कुछ हालिया घटनाओं की वजह से भारत के साथ जुड़ाव नामुमकिन भले ही न हो, लेकिन मुश्किल जरूर है। हालांकि तब भी उन्होंने कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खात्मे का जिक्र किया था।
Image Source : FILE
UNSC में शामिल हुआ दक्षिण कोरिया, चीन और उत्तर कोरिया को लगेगी मिर्ची
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद UNSC के 2024-25 के कार्यकाल के लिए दक्षिण कोरिया को अस्थाई सदस्य चुना गया है। दक्षिण कोरिया का यूएनएससी में सदस्यता के लिए चयन ऐसे समय में हुआ है जब उत्तर कोरिया ने हाल ही में अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों के विकास में तेजी लाई है। उत्तर कोरिया की सैन्य हरकतों और इलाके में चीन की ताकतवर गतिविधियों के बीच दक्षिण कोरिया को अब ये मौका मिल सकेगा कि वह अपनी आवाज सुरक्षा परिषद में ताकत के साथ उठा सके।
इससे दक्षिण कोरिया को फायदा यह होगा कि उसे उत्तर कोरियाई मुद्दे और अन्य वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों को वैश्विक मंच पर उठाने के लिए अपनी पैठ बढ़ाने का अवसर मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एशिया में एकमात्र उम्मीदवार राष्ट्र के रूप में दक्षिण कोरिया को मंगलवार को यूएनएससी में हुई वोटिंग में चुना गया। उसे इससे पहले 2013-14 में यूएनएससी में जगह मिली थी।
फिलहाल 5 है स्थाई सदस्यों की संख्या
संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान 192 सदस्य देशों में से 180 ने उसके पक्ष में मत दिया। यूएनएससी में पांच स्थायी सदस्य अमेरिका, चीन, फ्रांस, यूके और रूस हैं। वहीं 10 अस्थायी सदस्य शामिल होते हैं जिनका चयन दो-दो साल के लिए होता है।
ये हैं अस्थाई सदस्य
वर्तमान में अस्थायी सदस्य अल्बानिया, ब्राजील, गैबॉन, घाना, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), स्विट्जरलैंड, इक्वाडोर, जापान, माल्टा और मोजाम्बिक हैं। अल्जीरिया, गुयाना, सिएरा लियोन और स्लोवेनिया सहित पांच नव-निर्वाचित देश जनवरी 2024 में अल्बानिया, ब्राजील, गैबॉन, घाना और यूएई के स्थान पर यूएनएससी में शामिल होंगे।
उत्तर कोरिया के बढ़ते उकसावे के बीच दक्षिण कोरिया के लिए यह सदस्यता अहम
एक नए अस्थायी सदस्य के रूप में, दक्षिण कोरिया से प्योंगयांग के बढ़ते उकसावे के मद्देनजर अपनी आवाज बुलंद करने और अमेरिका और जापान के साथ अपने त्रिपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की उम्मीद है, हालांकि इसकी सीमाएं हो सकती हैं क्योंकि इसके पास कोई वीटो शक्ति नहीं है। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया कि दक्षिण कोरिया के अगले साल जून में परिषद का अध्यक्ष बनने की संभावना है। यह दक्षिण कोरिया तीसरी बार यूएनएससी का अस्थायी सदस्य चुना गया है। पहली बार उसे 1996-97 की अवधि के दौरान चुना गया था।
Curated by Richa Bajpai | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 7 Jun 2023, 2:42 pm
US India News: अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन पिछले दिनों भारत आए और उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहन से लेकर जीई-414 इंजन और प्रीडेटर ड्रोन पर खास चर्चा हुई।
Canada India News: कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) ने एक बड़ा ही अजीबो-गरीब बयान दिय। उन्होंने भारत पर तो आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप का आरोप लगा दिया है मगर अपने देश के हालातों पर खामोश है। कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाया है।