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बेहद हैंडसम हैं ‘कसौटी जिंदगी के’ की ‘कोमोलिका’ के बेटे सागर, तस्वीरें देख आप भी कहेंगे- ये तो टाइगर श्रॉफ से भी…

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उर्वशी ढोलकिया के बेटे सागर नहीं किसी एक्टर से कम

नई दिल्ली:

टेलीविजन डेली सोप कसौटी ज़िंदगी की में प्रेरणा की भूमिका निभाने वाली श्वेता तिवारी की बेटी पलक तिवारी भी एक बेहतरीन एक्ट्रेस बन चुकी हैं और अब इसी सीरियल में कोमोलिका का किरदार निभाने वाली उर्वशी ढोलकिया के बेटे भी उन्हीं के नक्शे कदम पर चलते हुए एक एक्टर बनने की राह पर हैं. कुछ समय पहले ही उर्वशी ढोलकिया के बेटे सागर ढोलकिया ने अपनी इच्छा जाहिर की थी कि मैं भी अपनी मां की तरह एक्टिंग में करियर बनाना चाहता हूं.

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आइए आज हम आपको मिलवाते उर्वशी ढोलकिया के बेटे सागर ढोलकिया से.

रोमांटिक हीरो बनना चाहते हैं सागर ढोलकिया 

एक इंटरव्यू के दौरान सागर ढोलकिया ने बताया था कि वो अपनी मां की तरह ही एक्टिंग में करियर बनाने की उम्मीद कर रहे हैं. हालांकि, सागर को टीवी नहीं बल्कि वेब सीरीज और फिल्मों में काम करने का शौक है. सागर ने बताया है कि वो एक रोमांटिक हीरो की भूमिका निभाना चाहते हैं और अगर मौका मिला तो ऑन स्क्रीन वो एक्शन भी करना चाहते हैं.

बेहद हैंडसम हैं उर्वशी ढोलकिया के बेटे सागर

उर्वशी ढोलकिया के छोटे बेटे सागर ढोलकिया बेहद ही हैंडसम हैं. सोशल मीडिया पर अक्सर वो अपनी डैशिंग तस्वीरें शेयर करते रहते हैं, अब इस तस्वीर में ही देख लीजिए जिसमें सागर स्टाइलिश पोज देते दिख रहे हैं. एक्टर बनने से पहले ही सागर ढोलकिया की सोशल मीडिया पर तगड़ी फैन फॉलोइंग है और उन्हें 37000 से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं.

17 साल की उम्र में ही दो बच्चों की मां बन गई थीं  उर्वशी ढोलकिया 

टेलीविजन की सबसे स्टाइलिश विलेन कोमोलिका उर्फ उर्वशी ढोलकिया अपनी पर्सनल लाइफ में काफी उतार-चढ़ाव देख चुकी हैं. दरअसल, 16 साल की उम्र में ही उनकी शादी हो गई थी और 17 साल की उम्र में वो जुड़वा बच्चों की मां बन गई, लेकिन उनकी शादी लंबे समय तक नहीं चल सकी और 2 साल बाद ही उनका तलाक हो गया.

इसके बाद उन्होंने सिंगल मदर बनकर अपने दोनों बच्चों का पालन पोषण किया और कभी भी दूसरी शादी करने के बारे में नहीं सोचा. उर्वशी अक्सर अपने दोनों बच्चों के साथ अपनी तस्वीर भी शेयर करती रहती हैं, जिसमें मां बेटों की जोड़ी को खूब पसंद किया जाता है. 





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चंद्रयान-3 के बाद अब भारत के पहले सूर्य मिशन से भी आई खुशखबरी, ISRO को मिली बड़ी सफलता

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Aditya L1 Mission: चंद्रयान-3 मिशन में मिली सफलता के बाद भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 को लेकर इसरो ने शनिवार को खुशखबरी दी है। अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया है कि अब उसका यान पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से सफलतापूर्वक बाहर जा चुका है। अब तक आदित्य-एल1 ने पृथ्वी से मिलाकर 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी पूरी कर ली है। बेंगलुरु मुख्यालय वाली राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने ‘एक्स’ पर एक बयान में कहा, ”आदित्य-एल1 पृथ्वी से 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है। अब यह सन-अर्थ लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) की ओर अपना रास्ता तलाश रहा है। यह दूसरी बार है जब इसरो किसी अंतरिक्ष यान को पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र के बाहर भेज सका। पहली बार मंगल ऑर्बिटर मिशन में भेजा था।

इसरो ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि आदित्य-एल1 सौर मिशन अंतरिक्ष यान ने डेटा एकत्र करना शुरू कर दिया है जो वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आसपास के कणों के व्यवहार का विश्लेषण करने में मदद करेगा। इसमें कहा गया है कि एल1 के आसपास एकत्र किया गया डेटा सौर हवा और अंतरिक्ष मौसम की घटनाओं की उत्पत्ति, अनिसोट्रॉपी में अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।  पीएसएलवी-सी57 रॉकेट द्वारा आदित्य-एल1 का प्रक्षेपण 2 सितंबर को इसरो द्वारा सफलतापूर्वक पूरा किया गया था। आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान सूर्य का अध्ययन करने के लिए कुल सात अलग-अलग पेलोड ले गया है। 

इसमें से चार सूर्य से प्रकाश का निरीक्षण करेंगे और शेष तीन प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के इन-सीटू मापदंडों को मापेंगे। बता दें कि आदित्य एल1 में दो मुख्य पेलोड हैं, विजिबल एमिशन लाइन कोरोनोग्राफी (वीईएलसी) और सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (एसयूआईटी)। लैग्रेंज प्वाइंट पर पहुंचने के बाद, वीईएलसी पेलोड रोजाना 1,440 तस्वीरें भेजेगा। इसलिए इस पेलोड को आदित्य-एल1 का काफी अहम पेलोड माना जा रहा है। आदित्य-एल1 को लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यह सूर्य के चारों ओर उसी सापेक्ष स्थिति में चक्कर लगाएगा और इसलिए लगातार सूर्य को देख सकता है। 



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मणिपुर हिंसा का फायदा उठाकर राष्ट्र विरोधी षडयंत्र रचने के आरोपी को NIA ने किया गिरफ्तार

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली :

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश के मामले में शनिवार को सेमिनलुन गंगटे को गिरफ्तार कर लिया. उसे एनआईए ने मणिपुर (Manipur) के चुराचांदपुर जिले से गिरफ्तार किया. उस पर आरोप है कि वह म्यांमार और बांग्लादेश के आतंकी संगठनों के नेतृत्व में रची गई एक अंतरराष्ट्रीय साजिश में शामिल है. मणिपुर में मौजूदा जातीय अशांति का फायदा उठाकर यह साजिश रची गई थी. एनआईए ने 19 जुलाई को स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली में यह मामला दर्ज किया था.

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एनआईए को जांच से पता चला कि, म्यांमार और बांग्लादेश के उग्रवादी गुटों ने मणिपुर में विभिन्न जातीय समूहों के बीच दरार पैदा करने के इरादे से हिंसा की घटनाओं में शामिल होने के लिए भारत में उग्रवादी नेताओं के एक वर्ग के साथ साजिश रची. 

एनआईए को पता चला है कि इन गुटों का उद्देश्य भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना है. इसके लिए इन समूहों का नेतृत्व हथियार, गोला-बारूद और आतंकवाद के लिए उपयोग किए जाने वाले अन्य प्रकार के सामान की खरीद के लिए धन मुहैया करा रहा है. यह सामान सीमा पार से और साथ ही भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में सक्रिय अन्य आतंकवादी संगठनों से हासिल किए जा रहे हैं. 

आरोपी सेमिनलुन गंगटे को गिरफ्तारी के बाद नई दिल्ली लाया गया है. उसे यहां अदालत में पेश किया जाएगा. मामले में आगे की जांच जारी है.

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कांग्रेस की रैली में सिद्धू मूसेवाला को RPG से उड़ाए जाने का था प्लान, लॉरेंस बिश्नोई का सनसनीखेज खुलासा

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बिश्नोई ने बताया कि मूसेवाला कांग्रेस में शामिल हो गया था और वह अक्सर कांग्रेस की रैलियों में भी जाता था। प्लान बनाया गया कि मूसेवाला पर आरपीजी हमला तब किया जाए, जब वह किसी रैली में हो।



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