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बुरे फंसे पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान, 7 फरवरी को इस मामले में तय होंगे आरोप

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इमरान खान, पूर्व पीएम पाकिस्तान

नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें फिर से बढ़ गई हैं। तोशखाना (उपहार) मामले में उनपर पाकिस्तान की अदालत आगामी 7 फरवरी को आरोप तय कर सकती है। अदालत ने इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें आरोपी मान लिया है। अब आरोप तय होने के बाद मुकदमा शुरू हो जाएगा। ऐसे में इमरान खान की परेशानी बढ़ सकती है।

पाकिस्तान की एक अदालत ने मंगलवार सुनवाई के दौरान कहा कि तोशखाना रेफरेंस मामले में पीटीआइ प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर अभियोग लगाया जाएगा। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने कहा कि खान को 7 फरवरी को अभ्यारोपित किया जाएगा। फिलहाल इमरान खान ने कुछ माह पहले पैर में गोली लगने के कारण आज अदालत पहुंचने में असमर्थता जाहिर की थी। उन्होंने अदालत में याचिका देकर आज की सुनवाई में पेशी से छूट की मांग की थी। उन्हें 3 नवंबर को एक रैली के दौरान गोली लग गई थी।

इमरान को 20 हजार का बांड जमा कराने का आदेश


सुनवाई के दौरान न्यायाधीश इकबाल ने पीटीआई प्रमुख इमरान खान को 20,000 रुपये के जमानत बांड जमा करने का निर्देश दिया और अगली सुनवाई में अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इस बार पेश नहीं होने पर अदालत सख्त रुख अपना सकती है। पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने पिछले साल प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान विदेशी नेताओं से प्राप्त तोशखाना (उपहार) के बारे में अधिकारियों को गुमराह करने के आरोप में खान को अयोग्य घोषित कर दिया था। तब से वह संसद सदस्य भी नहीं रह गए हैं। 4 अगस्त, 2022 को खान के खिलाफ पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) द्वारा संदर्भ दिया गया था। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान मुकदमे को चलाने की अनुमति दे दी है।

 

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PoK India Pakistan: पीओके की सरकार ने अमित शाह के एक प्रस्‍ताव का किया समर्थन, जानिए इसके बारे में जिसने पाकिस्‍तान को दी टेंशन

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पिछले दिनों भारत के गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shan India) ने पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर यानी पीओके (PoK) को लेकर एक बड़ा बयान दिया था। उन्होने कहा था कि भारत सरकार करताररपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) की तर्ज पर एक पहल की कोशिश करेगी। अब पीओके की सरकार ने शाह के सुर में सुर मिलाया है।

 



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Palm Jumerah House: अंबानी, शाहरुख, डेविड बैकहम… धरती का स्वर्ग बन रहा दुबई, क्यों दिग्गजों की पहली पसंद

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बॉलीवुड सेलिब्रिटी समेत कई बिजनेसमैन यहां पर घरों को एक निवेश के तौर पर भी देख रहे हैं। शिल्पा शेट्टी, शाहरुख खान और अक्षय कुमार का घर यहां पर है। इसके अलावा उद्योगपति मुकेश अंबानी और फुटबॉलर डेविड बैकहम का घर भी यहां है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मुकेश अंबानी के विला में 10 बेडरूम, एक प्राइवेट, इनडोर और आउटडोर पूल है। इसकी कीमत 8 करोड़ डॉलर है।



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शहबाज शरीफ ने शी जिनपिंग को दिया ये अल्टीमेटम

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चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाक पीएम शहबाज शरीफ

नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने साफ शब्दों में चीन से कह दिया है कि उसके लोग यहां बिजनेस करना बंद कर दें, अन्यथा उनकी जान जा सकती है। शरीफ ने पाकिस्तान में व्यापार कर रहे सभी चीनियों को तत्काल अपने कारोबार को समेटने के लिए कहा है। मगर आप सोच रहे होंगे कि पाकिस्तान और चीन तो दोस्त हैं, फिर आखिर ऐसा क्या हो गया कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने चीन को यह अल्टीमेटम दे डाला…तो आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला है क्या?

पाकिस्तान की ओर से अचानक मिले इस अल्टीमेटम से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हैरान हो गए हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने चीन को यह अल्टीमेटम यूं ही नहीं दिया है, बल्कि पिछले कुछ महीनों में चीन के कई नागरिक उनके देश में मारे जा चुके हैं। इसमें चीन के कई इंजीनियर, डॉक्टर और व्यापारी समेत अन्य नागरिक शामिल हैं।

चीनी नागरिकों को कौन बना रहा निशाना


अब आपको बताते हैं कि चीन के इन नागरिकों को आखिर पाकिस्तान में निशाना कौन बना रहा है। पाकिस्तान की सरकार के अनुसार विभिन्न आतंकी गुटों के निशाने पर चीनी नागरिक हैं। वह उन्हें लगातार टारगेट कर रहे हैं और उनकी जान को सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है। इसलिए पाकिस्तान की सरकार ने चीनी नागरिकों को तत्काल अपने देश से कारोबार बंद करने को कहा है। आपको बता दें कि वर्ष 2022 में ग्वादर के दासू प्रोजेक्ट पर काम कर रहे चीनी इंजीनियरों की एक बस को आतंकियों ने निशाना बनाया था, जिसमें 10 चीनी इंजीनियरों की मौत हो गई थी।

इसके अलावा पाकिस्तान के पेशावर में भी कई चीनी नागरिकों को आतंकी निशाना बना चुके हैं। पाकिस्तान में चीनी नागरिकों को निशाना बनाए जाने के पीछे एक खास वजह भी है। दरअसल पाकिस्तान के आतंकी संगठनों को लगता है कि चीनी नागरिकों की बढ़ती मौजूदगी की वजह से उनके समुदाय और इलाकों को खतरा है। वह आतंकियों के कारोबार पर भी असर डाल रहे हैं। इसलिए आतंकी चीनी नागरिकों को चुन-चुन मार रहे हैं।

पाकिस्तान को चीन से मदद नहीं मिलने का डर

आतंकियों के निशाने पर चल रहे चीनी नागरिकों को बचाने में पाकिस्तान की सरकार नाकाम साबित हो रही है। इसलिए अब वह उन्हें कारोबार बंद करने और अपने देश लौटने के लिए कह रही है। पाकिस्तान को पता है कि अगर चीनी नागरिकों की लगातार मौत होती रही तो चीन उसकी मदद करना बंद कर देगा। फिलहाल आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज की जरूरत है, जिसे चीन की मदद के बगैर हासिल करना पाकिस्तान के लिए कतई संभव नहीं है।

अल्टीमेटम के बाद चिंता में पड़ा चीन

पाकिस्तान के इस अल्टीमेटम के बाद चीन खासी चिंता में पड़ गया है। इसकी वजह है कि चाइना पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर (सीपीईसी) में चीन ने करीब 60 अरब डालर का निवेश किया है। कई वर्षों से प्रोजेक्ट चल रहा है और इस पर दो तिहाई पैसा अब तक खर्च हो चुका है। इसके अलावा भी चीन के कई प्रोजेक्ट पाकिस्तान में चल रहे हैं। ऐसे में अगर चीनी नागरिकों को पाकिस्तान से वापस लौटना पड़ा तो उनके कई अहम प्रोजेक्ट भी खटाई में पड़ सकते हैं।

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