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बिपाशा बसु के घर में शुरू हुईं रस्में, मां बनने से पहले परिवार ने उतारी नजर

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बिपाशा बसु के घर में शुरू हुईं रस्में

नई दिल्ली :

बिपाशा बसु मां बनने जा रही हैं. कुछ समय पहले ही उन्होंने अपनी मां बनने की खबरे अपने फैन्स के साथ साझा की थी. वहीं पिछले दिनों उनके प्रेगनेंसी फोटोशुट्स भी लाइमलाइट में आए थे. जिसे लेकर वे जमकर ट्रोल भी हुई थीं. वहीं हाल ही में उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब पसंद किया जा रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि होने वाली मम्मी की कुछ रस्में होती दिखाई दे रही हैं. इस दौरान बिपाशा भी साड़ी पहने काफी खूबसूरत दिख रही हैं. 

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बॉलीवुड क्वीन बिपाशा बसु इन दिनों अपने जीवन के नए एक्सपीरियंस को जी रही हैं. ये पल उनके लिए बेहद खास है. वे अपने हर बड़े छोटे लम्हें अपने फैन्स के साथ साझा करती हैं. वहीं हाल ही में उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब पसंद किया जा रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि उनके परिवार के लोग बिपाशा की आरती करते दिख रहे हैं. वीडियो को देख अंदाजा लग रहा है जैसे कि उनकी गोद भराई की रस्में होने लगी हैं.

बता दें कि बिपाशा के इस वीडियो पर फैन्स के जमकर कमेंट आ रहे हैं एक फैन ने कमेंट करते हुए कहा क्या बात है आप काफी सुंदर दिख रही हैं. तो वहीं दूसरे फैन ने कमेंट करते हुए कहा मां बनते ही पूरी लाइफ बदल जाती है. बता दें कि एक्ट्रेस ने अपनी शादी के 6 साल बाद अपनी प्रेगनेंसी अनाउंस की थी. बिपाशा और करण सिंह ग्रोवर की शादी 30 अप्रैल साल 2016 में हुई थी. ये करण की तीसरी शादी थी. 

VIDEO: मुंबई एयरपोर्ट पर सुबह- सुबह दिखीं एक्ट्रेस काजोल





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सरकारी अधिकारी शेयर बाजार में करते हैं कितना निवेश, केंद्र ने मांगा IAS, IPS, IFS से हिसाब-किताब

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Photo:PTI केंद्र ने अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों से शेयर बाजार में निवेश की जानकारी मांगी

शेयर बाजार से मुनाफा कमाने के लिए आम लोग मार्केट में निवेश करते हैं। लेकिन देश में नीतियों को बनाने वाले और क्रियान्वित करते वाले अधिकारी भी क्या अपना पैसा शेयर बाजार में लगाकर मुनाफा कूट रहे हैं? केंद्र सरकार ने अब इसी की पड़ताल शुरू कर दी है। केंद्र की मोदी सरकार ने अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों से कहा है कि यदि शेयर बाजार, शेयर या अन्य निवेश में उनका कुल लेनदेन कैलेंडर वर्ष के दौरान उनके छह महीने के मूल वेतन से अधिक होता है तो वे इसकी जानकारी मुहैया करवाएं। 

क्या है सरकार का आदेश 

कार्मिक मंत्रालय ने इस बाबत हाल में एक आदेश जारी किया है। यह जानकारी अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमावली, 1968 के नियम 16(4) के तहत उनके द्वारा दी जाने वाली इसी प्रकार की जानकारी से अतिरिक्त होगी। ये नियम अखिल भारतीय सेवाओं- भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के सदस्यों पर लागू होंगे। यह आदेश केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों के सचिवों को जारी किया गया है।

बताना होगा कहां से आया पैसा

अभी तक अधिकारियों से उनके निवेश के बारे में जानकारी प्राप्त करने का कोई तरीका नहीं था। हाल के समय में केंद्र के पास कई रिपोर्ट आ रही थीं, जिसमें लाल बत्ती में चलने वाले अधिकारियों का शेयर बाजार में एक्सपोजर के संकेत मिल रहे थे। अब सरकार ने खुद ही अधिकारियों से पूछा है कि वे अपने निवेश के बारे में उसे सूचित करें। यहां पर सरकार ने 6 महीने के बेसिक वेतन की भी शर्त लागू की है। 

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अब तक नहीं लौटा जहांगीरपुरी का चैन, रामनवमी पर शोभायात्रा बैन; भारी फोर्स की तैनाती

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दिल्ली की जहांगीरपुर में पिछले साल हुए दंगे का दंश अब तक लोगों को झेलना पड़ रहा है। पिछले साल हुए उपद्रव की वजह से पुलिस ने एहतियात के तौर पर इस बार शोभायात्रा की इजाजत नहीं दी है।



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म्यूचुअल फंड के प्रायोजक बन सकेंगे निजी इक्विटी कोष : सेबी

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नई दिल्ली:

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निजी इक्विटी कोषों को एक म्यूचुअल फंड कंपनी के प्रायोजन की अनुमति देने का फैसला करते हुए कहा कि ये कोष उद्योग को गति देने के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन एवं प्रतिभा ला सकते हैं. सेबी का यह फैसला आईडीएफसी म्यूचुअल फंड का बंधन फाइनेंशियल होल्डिंग्स लिमिटेड, जीआईसी और निजी इक्विटी कोष क्रिसकैपिटल के एक गठजोड़ द्वारा किए गए अधिग्रहण की पृष्ठभूमि में आया है.

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इसके साथ सेबी के निदेशक मंडल ने ‘स्व-प्रायोजित परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों’ (एएमसी) को म्यूचुअल फंड कारोबार जारी रखने की मंजूरी दे दी. हालांकि, एएमसी को यह छूट कुछ शर्तें पूरी करने पर ही मिलेगी. इसके अलावा सेबी ने एएमसी के निदेशक मंडल द्वारा ‘यूनिट धारक संरक्षण समिति’ (यूएचपीसी) बनाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दे दी. यह कदम यूनिट धारकों के हितों को संरक्षित करने के लिए उठाया गया है.

बाजार नियामक ने म्यूचुअल फंड के ट्रस्टी की भूमिका एवं जवाबदेही बढ़ाने के लिए एक मसौदे को भी मंजूरी दी है. इसके अलावा वैकल्पिक निवेश कोष के तौर पर कॉरपोरेट ऋण बाजार विकास कोष के गठन का फैसला भी किया गया है. यह कोष बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति में कॉरपोरेट कर्ज प्रतिभूतियों की खरीद के लिए वित्त जुटा सकता है.

सेबी ने विदेशी बाजारों में निवेश करने वाली म्यूचुअल फंड योजनाओं के शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) की जानकारी देने के लिए बुधवार को नई समयसीमा भी तय की. म्यूचुअल फंड (एमएफ) के लिए एक दी गई समयसीमा के भीतर सभी योजनाओं के एनएवी का खुलासा करना होता है.

लेकिन विदेशी बाजारों में निवेश करने वाली एमएफ कंपनियों को अलग-अलग समय क्षेत्र (टाइम जोन) में कारोबार करने से एनएवी की गणना में मुश्किल होती है. इसी समस्या को दूर करने के लिए नई समयसीमा तय की गई है.

 



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