Petrol Diesel Price 31st Jan 2023: बजट डे से पहले रोजाना की तरह आज सुबह छह बजे सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने पेट्रोल-डीजल (Petrol Diesel Price) के नए रेट जारी कर दी हैं।
कच्चे तेल में नरमी: ब्लूमबर्ग एनर्जी के आंकड़ों के मुताबिक कच्चे तेल की कीमतें थोड़ी कम हुई हैं। डब्ल्यूटीआई का मार्च वायदा भाव 77.93 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 84.90 डॉलर प्रति बैरल पर है। इसमें दो फीसद से अधिक गिरावट दर्ज की गई है। इसके बावजूद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 254 वें दिन भी कोई बदलाव नहीं हुआ है।
राहत भरा मंगलवार
पेट्रोल-डीजल के रेट में स्थिर रहने की वजह से एक और मंगलवार राहत भरा साबित हुआ। आज जारी नए रेट के मुताबिक श्रीगंगानगर की तुलना में पोर्टब्लेयर में पेट्रोल 29.39 रुपये सस्ता है, वहीं डीजल भी 18.50 रुपये सस्ता है। अगर पटना और पोर्टब्लेयर में पेट्रोल के रेट की तुलना करें तों करीब 23 रुपये का अंतर है। आज भी देश में सबसे सस्ता पेट्रोल पोर्ट ब्लेयर में पेट्रोल 84.10 रुपये और डीजल ₹79.74 लीटर है। वहीं सबसे महंगा पेट्रोल राजस्थान के श्रीगंगानगर में है।
वैसे कुछ राज्यों में वैट में कटौती की वजह से पेट्रोल-डीजल के रेट में राहत मिली थी। केंद्र सरकार ने भी एक्साइज ड्यूटी कम किया था, लेकिन तेल के रेट में बदलाव की बात करें तो इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने छह अप्रैल, 2022 को अंतिम बार पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें संशोधित की थीं।
ऐसे चेक करें अपने शहर का रेट
आप भी अपने शहर के पेट्रोल-डीजल के दाम रोजाना SMS के जरिए भी चेक कर सकते है। इंडियन ऑयल (IOC) के उपभोक्ता RSP<डीलर कोड> लिखकर 9224992249 नंबर पर व एचपीसीएल (HPCL) के उपभोक्ता HPPRICE <डीलर कोड> लिखकर 9222201122 नंबर पर भेज सकते हैं। बीपीसीएल (BPCL) उपभोक्ता RSP<डीलर कोड> लिखकर 9223112222 नंबर पर भेज सकते हैं।
दिल्ली में कार हादसे का एक हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में एक तेज रफ्तार बेकाबू कार को सड़क पर घिसटते और कई बार पलटते देखा जा सकता है. पूरी घटना दक्षिणी दिल्ली के सीआर पार्क इलाके की है. इस घटना में एक 17 साल के स्कूली छात्र को मामूली चोटें आई हैं, उसे बाद में पास के एक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है. बेकाबू कार ने सामने खड़ी एक कैब को भी टक्कर मारी है. इस घटना में कैब चालक गौरव को भी चोटें आई हैं.
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पुलिस की जांच में पता चला है कि बेकाबू कार के पलटने के बाद वो सामने खड़ी एक कैब से जा टकराई. घटना के समय कैब चालक गौरव अपनी गाड़ी में अकेला था. पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो वहां बलेनो कार के साथ-साथ एक स्विफ्ट कार क्षतिग्रस्त स्थिति में दिखी.
कैब चालक गौरव ने पुलिस को बताया है कि बलेनो कार का चालक अपनी कार को काफी तेजी से चलाता हुई उसकी कार की तरफ बढ़ रहा था औऱ बाद में उसने उसकी कार को पीछे से टक्कर मार दी. इस मामले को लेकर पुलिस फिलहाल सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है, साथ ही घटना के समय आसपास मौजूद लोगों से भी पूछताछ की जा रही है.
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यूपी में नगर निकाय चुनाव का रास्ता साफ
यूपी निकाय चुनाव 2023: निकाय चुनाव का रास्ता अब साफ हो गया है। जातिगत आरक्षण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने की अधिसूचना जारी करने की अनुमति दे दी है। ओबीसी आरक्षण के मुद्दे की जांच के लिए गठित एक समर्पित आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी है, जिसके बाद कोर्ट ने सरकार को चुनाव कराने की अनुमति दी है। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अदालत के पिछले आदेश के आधार पर यूपी पिछड़ा वर्ग आयोग के लिए एक अधिसूचना जारी की है।
दो दिनों में जारी कर दी जाएगी अधिसूचना
न्यायालय की इस पीठ में शामिल जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जेबी पदीर्वाला की पीठ ने कहा कि आयोग का कार्यकाल छह महीने का था, इसे 31 मार्च, 2023 तक अपना कार्य पूरा करना था, जबकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि रिपोर्ट 9 मार्च को पेश की गई है। पीठ ने आगे कहा कि इसके बाद अब स्थानीय निकाय चुनावों की अधिसूचना दो दिनों में जारी कर दी जाएगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल जनवरी में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण दिए बिना शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर रोक लगा दी थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने तब अदालत के समक्ष तर्क दिया था कि उसने ओबीसी के प्रतिनिधित्व के लिए डेटा एकत्र करने के लिए पहले से ही एक समर्पित आयोग का गठन किया है।
हाई कोर्ट ने जारी कर दिया था आदेश
पिछले साल दिसंबर में उच्च न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित ट्रिपल टेस्ट फार्मूले का पालन किए बिना ओबीसी आरक्षण के मसौदे को तैयार करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आदेश पारित किया था। शीर्ष अदालत ने पिछले साल मई में ‘के. कृष्ण मूर्ति (डॉ.) और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य’ (2010) में संविधान पीठ के फैसले का हवाला दिया था, जिसमें कहा गया था कि ओबीसी आरक्षण के लिए पहले ‘ट्रिपल टेस्ट शर्तो’ को पूरा करना होगा।
इससे पहले इस साल मार्च में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह, जिन्होंने आयोग का नेतृत्व किया था और चार अन्य सदस्य – सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी चोब सिंह वर्मा, महेंद्र कुमार और पूर्व अतिरिक्त कानून सलाहकार संतोष कुमार विश्वकर्मा और ब्रजेश कुमार सोनी मिले थे। मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर जाकर शहरी विकास मंत्री ए.के. शर्मा और शहरी विकास विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में रिपोर्ट सौंपी।
अमृतपाल को लेकर भारत ने नेपाल को अलर्ट किया है। काठमांडू स्थित इंडियन एंबेसी ने नेपाल सरकार को आगाह किया है कि अमृतपाल सिंह फेक पासपोर्ट इस्तेमाल करते हुए वहां शरण ले सकता है। उसका हुलिया भी बताया है।