शाब के रास्ते शरीर से विषैल पदार्थ बाहर निकलते हैं, कई बार लोगों में पेशाब में रुकावट आने की समस्या होने लगती है। शरीर में यूरिनरी डिजीज होने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन इसका आयुर्वेद में आसान इलाज है, जिसे अपनाकर आप पेशाब से जुड़ी कई समस्याओं से राहत पा सकते हैं। पेशाब के जुड़ी बीमारियों यानी मूत्र रोग में चंपा के फूल का इस्तेमाल किया जाता है। चंपा के फूल न सिर्फ खुशबू देते हैं बल्कि इनमें कई औषधीय गुण (benefits of champa flower) भी हैं।
पेशाब में रुकावट का इलाज (treatment of urinary obstruction)
मूत्र रोग (Urinary Disease) होने पर व्यक्ति को पेशाब में दर्द होना, पेशाब रुक-रुक कर आने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसका इसके इलाज में चंपा के फूल कारगर साबित होते हैं। चंपा के फूल मानसून के मौसम में आपको आसानी से सड़क के किनारे या पार्क में दिख जाएंगे। चंपा के फूल सफेद और हल्के पीले रंग के होते हैं और इनमें खुशबू भी होती है। पेशाब से जुड़ी बीमारियों के इलाज में चंपा के फूल का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए आप चम्पा के 5-10 फूलों को पीसकर ठंढई की तरह पिएं। इससे पेशाब से जुड़ी समस्याों के साथ गुर्दे के रोगों का भी उपचार होता है।
चंपा के फायदे (champa benefits)
चंपा के फूल के साथ साथ इसके पत्ते, लकड़ी और जड़ का इस्तेमाल भी औषधीय तरीके से किया जाता है। पथरी की समस्या में चंपा के 500 मिलीग्राम जड़ और फूल को बकरी के दूध के साथ पीसकर लेने से छोटी पथरी पेशाब के रास्ते निकल जाती है।
पेट में कीड़े होने की समस्या में चंपा के ताजा पत्तों को पीसकर 5-10 मिली रस निकालें, फिर इसमें शहद मिलाकर खाने से पीने से पेट के कीड़े निकल जाते हैं।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
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खुदकुशी करने वाले शख्स की पहचान सुदर्शन देवराय के रूप में की है। देवराय ने नांदेड़ जिले की हिमायतनगर तहसील में रविवार आधी रात के बाद कथित तौर पर खुदकुशी कर ली।
कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक रिश्ते बुरे दौर में जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत पर अनर्गल आरोपों के बाद कनाडा ने भारतीय राजनयिक को बर्खास्त कर दिया था। अब इस कदम के जवाब में भारत सरकार ने भी कनाडा के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। भारत सरकार ने भी एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को बर्खास्त कर दिया है और उन्हें 5 दिनों में देश छोड़ने का आदेश दिया है।
उच्चायुक्त तलब
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के भारत विरोधी कदमों के बाद भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने विरोध जताने के लिए भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैकेई को तलब किया था। ऐसा माना जा रहा था कि कनाडा को जवाब देने के लिए भारत सरकार भी कड़ा कदम उठा सकती है।
विदेश मंत्रालय का बयान
भारतीय विदेश मंत्रालय ने जारी किए गए बयान में कहा है कि भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैकेई को आज तलब किया गया। उन्हें भारत में रह रहे एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के भारत सरकार के फैसले के बारे में सूचित किया गया। संबंधित राजनयिक को अगले पांच दिनों के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।
क्यों तल्ख हुए रिश्ते?
G-20 समिट में फटकार खाने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत विरोधी कदमों में जुट गए हैं। ट्रू़डो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का कनेक्शन भारत से जोड़ते हुए भारत के एक राजनयिक को निकाल दिया था। हालांकि, भारत सरकार ने कनाडाई पीएम के आरोपों को बेबुनियाद और आधारहीन करार दिया है। भारत ने साथ ही कनाडा से आतंकी तत्वों पर कार्रवाई करने की मांग की है। भारत ने कहा है कि इस तरह के बयान खालिस्तानियों से ध्यान हटाने के लिए दिए गए हैं।
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महिला आरक्षण बिल को लेकर स्थिति लगभग साफ होती नजर आ रही है। खबर है कि सरकार मंगलवार को ही संसद में बिल पेश कर सकती है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। सोमवार को कैबिनेट बैठक में विधेयक पर मुहर लगा दी गई थी। इधर, महिला आरक्षण का श्रेय लेने के लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में होड़ लगती नजर आ रही है।
खास बात है कि मंगलवार से ही विशेष सत्र नए संसद भवन में पहुंच रहा है। ऐसे में अगर सरकार महिला आरक्षण बिल आज पेश कर देती है, तो नई संसद में पेश होने वाला यह पहला बिल होगा। हालांकि, यह बिल करीब 27 सालों से लंबित है और कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार ने साल 2010 में इसे राज्यसभा में पास करा लिया था।