Connect with us

International

पूर्व ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन को पुतिन ने दी थी जान से मारने की धमकी! रूस की ओर से आया यह जवाब

Published

on


Image Source : FILE
पूर्व ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन को पुतिन ने दी थी जान से मारने की धमकी!

Moscow: पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यह दावा करके सनसनी फैला दी थी कि पुतिन ने उनसे फोन पर काफी देर तक लंबी बात की थी। इसी दौरान उन्होंने मुझे मिसाइल हमले से मारने की धमकी दी थी। इस बात पर क्रेमलिन ने सोमवार को अपना पक्ष रखते हुए बोरिस जॉनसन के दावे को सरासर झूठा बताकर खारिज कर दिया है। 

क्रेमलिन ने सोमवार को ब्रिटिश के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने व्यक्तिगत रूप से उन्हें मिसाइल हमले की धमकी दी थी। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा, ‘जॉनसन ने जो कहा वह सच नहीं है। यह सरासर झूठ है।’ दिमित्री ने कहा कि हमें बोरिस जॉनसन से पूछना चाहिए कि इस झूठे दावे को करने के पीछे उनका मकसद क्या था। 

जानिए पूर्व ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने क्या किया था दावा? 

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पुतिन के ऊपर एक बड़ा आरोप लगाकर पूरी दुनिया में सनसनी फैला दी थी। पूर्व प्रधानमंत्री का दावा था कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन उन्हें वर्ष 2022 में मिसाइल हमले से उड़ा देना चाहते थे। जॉनसन ने इस बात का दावा किया था कि पुतिन ने उन्हें इसकी धमकी भी दी थी और यह धमकी यूक्रेन पर फरवरी में हुए रूस के हमले से पहले ही दी गई थी।

जॉनसन के इस दावे से दुनिया हैरान रह गई। उन्होंने यह दावा बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘पुतिन बनाम द वेस्ट’ में किया है। इसी दावे के बाद क्रेमलिन ने बोरिस जॉनसन के दावे को झूठा करार दिया है। बोरिस जॉनसन का दावा था कि पुतिन ने उनसे फोन पर काफी देर तक लंबी बात की थी और इसी दौरान उन्होंने मुझे मिसाइल हमले से मारने की धमकी दी थी। 

ये भी पढ़ें

चीनी घुसपैठ पर संसद में होगी चर्चा? जानिए केंद्र सरकार ने सुरक्षा से जुड़े इस मामले पर क्या दिया जवाब?

जम्मू कश्मीर में भारी बारिश, बर्फबारी और हिमस्खलन की चेतावनी, इन जिलों में खतरा ज्यादा 

दुश्मन देश ईरान पर इजरायल ने किया बड़ा हमला, घुसकर ड्रोन से मचाई तबाही, उड़ा दी फैक्टरी

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Europe News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन





Source link

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

International

भारत, पाकिस्तान को झुलसा देगी गर्मी, पानी को तरस रहा पड़ोसी, विशेषज्ञों की चेतावनी

Published

on

By


इस्लामाबाद : फरवरी का महीना आमतौर पर जाती हुई ठंड के साथ बीतता है। लेकिन इस बार लोगों ने पसीना पोंछते हुए फरवरी को विदा किया। जलवायु परिवर्तन से यह हाल सिर्फ भारत का नहीं बल्कि पूरी दुनिया का है। विशेषज्ञों ने आने वाले महीनों में भारत, पाकिस्तान और आसपास के क्षेत्रों में भयानक गर्मी पड़ने की चेतावनी दी है। पिछले साल अप्रैल में ही क्षेत्र के कुछ हिस्सों का तापमान 40 से 50 डिग्री तक पहुंच गया था। ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से साल दर साल हीटवेव अधिक भीषण होती जा रही है जिससे बड़ी संख्या में लोग जान गंवाते हैं। MEER.org के मुख्य रणनीति अधिकारी पीटर डायन्स ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘इस बार की गर्मी भारत को इंसान के जीवित रहने की सीमा तक धकेल सकती है। भारत में फरवरी के सबसे गर्म रिकॉर्ड के अनुभव के बाद आने वाले हफ्तों में तापमान बढ़ने का अनुमान है।’ पीटर भले भारत का जिक्र कर रहे हों लेकिन उनकी चेतावनी पूरे क्षेत्र के लिए है जिसमें भारत के पड़ोसी देश भी शामिल है। उन्होंने लिखा, ‘अगर वैश्विक तापमान में वृद्धि जारी रहती है तो इस क्षेत्र में वेट-बल्ब (wet-bulb) का गंभीर खतरा है।’

Pakistan Economic Crisis: बर्बादी की ओर पाकिस्तान, कार कंपनी ने बंद किया प्लांट

क्या होता है वेट-बल्ब तापमान?

गर्मी और आर्द्रता की वह चरम सीमा जिसके आगे इंसान उच्च तापमान को सहन नहीं कर पाता, ‘वेट-बल्ब तापमान’ कहलाती है। पीटर ने लिखा, ‘सबसे खतरनाक वेट बल्ब घटनाओं में से एक वास्तव में शिकागो में हुई थी। 700 से अधिक लोग गर्मी और उमस की चपेट में आए थे जिसमें ज्यादातर बुजुर्ग और गरीब थे। 1995 की गर्मी की लहर अमेरिकी इतिहास में सबसे घातक जलवायु आपदाओं में से एक थी जिसमें संयुक्त रूप से सैंडी और हार्वे तूफान से 3 गुना ज्यादा लोग मारे गए थे।’

नक्शे में देखें कहां गर्मी का प्रकोप

पीटर ने गर्मी की भीषणता को दिखाने के लिए एक नक्शा शेयर किया है। इसमें दक्षिण-पश्चिम भारत का एक बड़ा हिस्सा भयानक गर्मी की चपेट में देखा जा सकता है। पाकिस्तान का पूर्वी हिस्सा और कराची, लरकाना, मुल्तान जैसे शहर भी गर्मी से बचते नहीं दिख रहे हैं। पाकिस्तानी अखबार डॉन की खबर के अनुसार देश ‘पानी की भारी कमी’ की ओर बढ़ रहा है। इसका सबसे बड़ा असर पाकिस्तान की कृषि पर पड़ेगा जो पिछले साल आई बाढ़ के बाद पहले ही संकटों से जूझ रही है।



Source link

Continue Reading

International

आटा खत्‍म, अब ईरान से खाने की तस्‍करी कर रहे पाकिस्‍तानी, रमजान में चोरी को मजबूर जिन्‍ना का देश

Published

on

By


इस्‍लामाबाद: पाकिस्‍तान में कंगाली और रेकॉर्ड तोड़ महंगाई से बुरा हाल है और देश की जनता अब खाने की तस्‍करी करने को मजबूर हो गई है। रमजान के महीने में पाकिस्‍तानी जनता को ईरान से सस्‍ते खाने की तस्‍करी करने को मजबूर होना पड़ा है। पाकिस्‍तान में शहरी इलाकों में वार्षिक खाद्यान महंगाई 41.9 प्रतिशत और ग्रामीण इलाकों में 47 प्रतिशत पहुंच गई है। यह पिछले साल से क्रमश: 14.3 और 14.6 प्रतिशत अधिक है। आलम यह है कि सभी सब्जियों के दाम तीन अंक में पहुंच गए हैं। डॉलर के लिए तरस रहे पाकिस्‍तान के लोग अब ‘बढ़‍िया खाना’ ईरान से तस्‍करी कर रहे हैं। यह खाना अब रावलपिंडी और इस्‍लामाबाद जैसे शहरों में थोड़ा कम दाम में उपल‍ब्‍ध है। रावलपिंडी और इस्‍लामाबाद में कई वेंडरों ने इन ईरानी खानों के लिए एक खास स्‍थान तैयार कर दिया है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक इनमें तेल और चीज भी शामिल हैं। इस ईरानी खाने के लिए अगर कोई मोलभाव करना चाहता है तो उसके लिए पेशावर का साप्‍ताहिक बाजार शानदार जगह है।

पाकिस्‍तान में खाने का दाम आसमान छू रहा

डॉन ने बताया कि ग्रामीण पाकिस्‍तान में एक परिवार को इस साल फरवरी में जिस खाने के लिए 14700 पाकिस्‍तानी रुपया खर्च करना पड़ रहा था, उसके लिए उन्‍हें पिछले साल मात्र 10 हजार रुपये देने पड़ रहे थे। यही नहीं शहरी इलाके में इसी खाने को अब 14,190 रुपये में खरीदना पड़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्‍तान में यह हालात अभी लंबे समय तक चल सकते हैं क्‍योंकि पिछले साल देश को भयानक बाढ़ से जूझना पड़ा था और इसमें काफी फसलें तबाह हो गई थीं।

इसके अलावा कमजोर होता पाकिस्‍तानी रुपया और रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनिया में जरूरी सामानों की कीमतें बहुत बढ़ गई हैं। यही नहीं पाकिस्‍तान में राजनीतिक हालात बहुत खराब हैं जिससे आईएमएफ समेत दुनिया के अन्‍य देश कर्ज देने से कतरा रहे हैं। इसके अलावा कई जमाखोर भी संकट में सक्रिय हो गए हैं और वे खाद्यान को जमा कर रहे हैं। साथ इन खाद्यान की पड़ोसी अफगानिस्‍तान में तस्‍करी भी पाकिस्‍तान के लिए चिंता का सबब बन गई है। देश में खाने की बढ़ती कीमतों को देखते हुए अब पाकिस्‍तानी ईरान से तस्‍करी करने को मजबूर हो गए हैं।

डिफॉल्‍ट होने की कगार पर पाकिस्‍तान

तस्‍करी करके लाए गए इस ईरानी खाने के प्रति पाकिस्‍तानी लोग अच्‍छी रुचि दिखा रहे हैं। यह खाना कई बार तो पाकिस्‍तान में उपलब्‍ध उसी फूड आइटम से 50 फीसदी सस्‍ता है। डॉन ने बताया कि इस खाने को ईरान से आधिकारिक रूप से नहीं मंगाया जा रहा है, बल्कि बलूचिस्‍तान बॉर्डर और अफगानिस्‍तान के रास्‍ते तस्‍करी करके लाया जा रहा है। पाकिस्‍तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और देश के डिफॉल्‍ट होने का खतरा है।



Source link

Continue Reading

International

डोकलाम को सुलझाने में चीन की भी समान भूमिका, ड्रैगन के सुर में सुर मिला रहे भूटानी PM

Published

on

By


थिंपू : भूटान के प्रधानमंत्री इन दिनों चीन के सुर में सुर मिला रहे हैं। एक इंटरव्यू में भूटानी पीएम लोटे शेरिंग ने कहा कि डोकलाम विवाद को हल करने में चीन की भी समान भूमिका है। उनके हालिया बयान इस विवादित और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र पर भूटान के बदलते पक्ष को दिखाते हैं। इससे पहले भूटान ने दावा किया था कि चीन ने उसकी सीमा में कोई गांव नहीं बसाया है। डोकलाम भारत, चीन और भूटान तीनों देशों को जोड़ने वाला केंद्र बिंदु है। साल 2017 के डोकलाम गतिरोध के बाद से यह तीनों देशों के बीच तनाव का प्रमुख कारण रहा है।

बेल्जियन अखबार La Libre को दिए एक हालिया इंटरव्यू में शेरिंग ने कहा, ‘समस्या को हल करना अकेले भूटान के हाथ में नहीं है। हम तीन देश हैं। कोई मुल्क बड़ा या छोटा नहीं है, तीनों समान हैं, प्रत्येक की गिनती एक तिहाई के रूप में होती है।’ चीन ने डोकलाम के पास भूटान के क्षेत्र में गांवों और सड़कों का निर्माण किया है जो क्षेत्र में भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं। भारत डोकलाम में चीन के विस्तार का विरोध करता है और अपने रणनीतिक सिलीगुड़ी कॉरिडोर के लिए इसे सबसे बड़ा खतरा मानता है।

Bhutan PM on China: डोकलाम पर भूटान के पीएम का बयान भारत के लिए चिंता की बात क्यों? समझें इसके रणनीतिक मायने

ट्राई-जंक्शन को शिफ्ट करना चाहता है चीन

शेरिंग का बयान दिखाता है कि भूटान भारत और चीन के साथ डोकलाम की स्थिति पर बातचीत करने और विवाद को हल करने में इच्छुक है। चीन का लक्ष्य ट्राई-जंक्शन को दक्षिण की ओर शिफ्ट करना है जिससे पूरा डोकलाम कानूनी रूप से चीन का हिस्सा बन जाएगा। भारत इस कदम का विरोध करता है। एक तरफ भूटानी पीएम दावा कर रहे हैं कि चीन उनकी सीमा में नहीं घुसा है तो वहीं सैटेलाइट तस्वीरें बताती हैं कि चीन ने भूटान के क्षेत्र में 10 गांव बसा लिए हैं।

Indian Army News: जानिए कौन हैं कर्नल गीता राणा? जो चीन सीमा के पास तैनात होने वाली पहली महिला अर्मी अफसर बनीं

‘सिलीगुड़ी कॉरिडोर’ तक पहुंचना चाहता है चीन

साल 2017 में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच दो महीने से अधिक समय तक तनावपूर्ण गतिरोध चला था। भारतीय सैनिकों ने डोकलाम पठार में प्रवेश किया था ताकि चीन को माउंट जिपमोची और आसपास के झम्फेरी रिज की ओर अवैध रूप से निर्मित सड़क का विस्तार करने से रोका जा सके। भारतीय सेना का दावा है कि चीनी सेना को झम्फेरी तक पहुंचने दिया गया तो उन्हें सिलीगुड़ी कॉरिडोर के लिए एक ‘साफ रास्ता’ मिल जाएगा।



Source link

Continue Reading