मॉस्को : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के दो क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है। पुतिन की ओर से गुरुवार देर रात जारी किए गए आदेशों में यह खुलासा हुआ है। आदेश के अनुसार, पुतिन ने जापोरिजिया और खेरासॉन क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है। कुछ दिनों पहले रूसी कब्जे वाले यूक्रेनी इलाकों में भेजे गए क्रेमलिन अधिकारियों ने ‘जनमत संग्रह’ की पांच दिनों की वोटिंग में बहुमत का दावा किया था। इस वोटिंग की कीव और उसके सहयोगियों ने अवैध और ढोंग करार देते हुए निंदा की है। यह वोटिंग डोनेट्स्क, लुहांस्क, जापोरिजिया और खेरसॉन में करवाई गई थी। पुतिन ने अपने आदेश में कहा कि ‘मैं दक्षिणी यूक्रेन के जापोरिजिया और खेरसॉन की संप्रभुता और स्वतंत्रता की मान्यता का आदेश देता हूं।’ रूस शुक्रवार को जापोरिजिया और खेरसॉन के अलावा डोनेट्स्क और लुहांस्क के विलय को औपचारिक रूप देने की तैयारी कर रहा है। मॉस्को शुक्रवार को क्रेमलिन में एक भव्य समारोह में सभी क्षेत्रों को रूस में मिला सकता है। क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि समारोह में क्षेत्रों के विलय को औपचारिक रूप दिया जाएगा और पुतिन एक प्रमुख भाषण देंगे।
यूक्रेन पर परमाणु बम गिराने की योजना बना रहे हैं पुतिन, पश्चिमी देशों के नेताओं को सता रहा बड़ा डर रक्षा के लिए परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का वादा रूसी राष्ट्रपति इन यूक्रेनी इलाकों की रक्षा के लिए परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की भी बात कह चुके हैं। इन धमकियों के बावजूद यूक्रेनी के जवाबी हमले रुके नहीं हैं। पिछले दिनों यूक्रेन ने कहा था कि वह पूर्व में रूसी सैनिकों को पीछे धकेल रहा है। यूक्रेन के चार इलाकों में रूसी ‘जनमत संग्रह’ के बाद न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक सत्र का आयोजन किया था। वोलोडिमिर जेलेंस्की ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि पूरी दुनिया की आंखों के सामने रूस यूक्रेन के कब्जे वाले इलाकों में कथित जनमत संग्रह करवा रहा है।
बढ़ने वाला है ‘खतरा’? संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने गुरुवार को कहा कि अगर रूस यूक्रेन के चार इलाकों के विलय की अपनी योजनाओं के साथ आगे बढ़ता है तो ‘खतरा और ज्यादा’ बढ़ जाएगा। यह क्षेत्र में शांति की संभावनाओं को भी खतरे में डाल देगा। जनमत संग्रह में जीत का दावा करने के बाद रूस अब यूक्रेनी इलाकों को अपने हिस्से के रूप में देख रहा है। डोनेट्स्क, लुहांस्क, जापोरिजिया और खेरसॉन मिलकर 15 फीसदी यूक्रेनी क्षेत्र बनाते हैं।
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कारिगल जंग के जिम्मेदार थे मुशर्रफ
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का दुबई के अस्पताल निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार थे। उन पर काफी लंबे समय से मुकदमा चल रहा था। राजद्रोह के मामले में उन्हें एक विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। वे लंबे समय से पाकिस्तान से बाहर ही रह रहे थे। लेकिन पिछले कुछ अरसे से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। ये विडंबना है कि वे पाकिस्तान के पहले ऐसे सैन्य शासक रहे, जिन्हें अब तक के इतिहास में मौत की सजा सुनाई गई थी।
भारत के खिलाफ कारगिल की जंग के लिए उन्हें कसूरवार माना जाता है। 1999 में जब कारगिल युद्ध हुआ, तब वे पाकिस्तान के सेना प्रमुख थे। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने करगिल युद्ध के बारे में तत्कालीन प्रधानमंत्री मियां नवाज शरीफ को भी अंधेरे में रखा था।
कारगिल जंग पर नवाज शरीफ को अंधेरे में रखा
नवाब शरीफ और तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री के बीच रिश्तों की बर्फ पिघल रही थी, अटलजी शांति की बस में सवार होकर लाहौर गए थे। लेकिन 1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ ने सैन्य तख्तापलट करके नवाज शरीफ को सत्ता से बेदखल कर दिया। उस समय नवाज शरीफ को पता ही नहीं चला, क्योंकि वे श्रीलंका में थे। इसके बाद मुशर्रफ ने कारगिल युद्ध शुरू कर दिया। हालांकि भारत ने मुशर्रफ के इरादों को नेस्तनाबूत कर दिया और कारगिल पर जीत हासिल कर ली थी।
नवाज शरीफ को हटाकर परवेज मुशर्रफ ने संभाली थी कमान
जनरल परवेज मुशर्रफ श्रीलंका में थे तो नवाज शरीफ ने शक के आधार पर सेनाध्यक्ष के पद से हटा दिया। शरीफ ने मुशर्रफ के स्थान पर जनरल अजीज को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बनाया। नवाज यहीं गलती कर बैठे और यह नहीं समझ पाए कि जनरल अजीज भी परवेज मुशर्रफ के ही वफादार हैं। आखिरकार शरीफ जिस सैन्य तख्तापलट की आशंका से घिरे थे वह हो ही गया।
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Pervez Musharraf Death: पाकिस्तान के सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ का दुबई में निधन हो गया है। मुशर्रफ करगिल युद्ध के वक्त पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख थे। उन्होंने ही सरकार को बिना बताए इस युद्ध की प्लानिंग की थी। बाद में मुशरर्फ को देश निकाला दिया गया और वह दुबई में जाकर बस गए थे।
अमेरिका ने चीनी जासूसी गुब्बारे को लड़ाकू विमान से मार गिराया है। इस घटना को दक्षिण कैरोलिना के नजदीक अटलांटिक महासागर में अंजाम दिया गया। चीनी जासूसी गुब्बारे का मलबा सात वर्ग मील के इलाके में फैला है। इसे इकट्ठा करने के लिए अमेरिकी नौसेना के कई युद्धपोत उस इलाके में पहले से ही मौजूद हैं।