3 Pakistani Soldiers killed in Encounter With Terrorists: पाकिस्तानी सेना आतंकवादियों के सामने बौनी साबित हो रही है। इस बार पाकिस्तान के अशांत खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में कम से कम 3 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए । सेना के एक बयान में यह जानकारी दी गई। पाकिस्तान सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के अनुसार, प्रांत के कुर्रम जिले में पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें दो आतंकवादी भी मारे गए।
इन सैनिकों की पहचान सूबेदार शुजा मुहम्मद (43), खुजदार नाइक मुहम्मद रमजान (32) और सुक्कुर सिपाही अब्दुल रहमान (30) के रूप में हुई है। बयान में कहा गया है कि दोनों तरफ से मुठभेड़ तब हुई जब सैनिकों ने अफगान सीमा के पास एक पूर्व आतंकवादी गढ़ में एक ठिकाने पर छापा मारा। बयान में कहा गया कि क्षेत्र से आतंकवादियों को खत्म करने के लिए छापेमारी की गई। पाकिस्तानी सेना आतंकवाद के खतरे को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और हमारे बहादुर सैनिकों के ऐसे बलिदान हमारे संकल्प को और मजबूत करते हैं।’’ यह घटना देश भर में आतंकवादी हमलों में वृद्धि के बीच हुई है, जिनमें ज्यादातर घटनाओं में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने अपना हाथ होने का दावा किया था। पिछले हफ्ते, एक पाकिस्तानी तालिबान लड़ाके ने इस्लामाबाद में एक कार बम विस्फोट किया था और वह कुर्रम से था। हमले का दावा अलकायदा के करीबी माने जाने वाले टीटीपी ने किया था, जो अफगान तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा करने के बाद फिर से सक्रिय हो गया है।
India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्शन
इस्लामबाद: पाकिस्तान के तानाशाह रहे और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का लंबी बीमारी के बाद दुबई में निधन हो गया। मुशर्रफ 79 साल के थे और पिछले काफी सालों से पाकिस्तान से बाहर रह रहे थे। मुशर्रफ वह शख्स थे जिनकी वजह से साल 1999 में भारत और पाकिस्तान कारगिल की जंग में आमने सामने थे। मुशर्रफ उस समय पाकिस्तान आर्मी के चीफ थे और करीब एक साल से जंग की तैयारी में लगे हुए थे। कारगिल वह युद्ध था जिसकी वजह से पाकिस्तान पर परमाणु हमले का खतरा बढ़ गया था। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के करीबी और सीआईए के पूर्व अधिकारी ब्रूस रीडिल ने दावा किया था कि अगर अमेरिका बीच में नहीं आता और पाकिस्तान को ना समझाता तो भारत परमाणु हमला कर देता।
मुशर्रफ का एक आदेश और आतंकियों दाखिल मुशर्रफ कारगिल की जंग के मास्टरमाइंड थे। मार्च 1999 से मई 1999 तक उन्होंने आतंकियों को कारगिल में घुसपैठ का आदेश दिया। पाकिस्तान की नॉर्दन लाइट इनफेंट्री ने कारगिल की कई चौंकियों पर कब्जा कर लिया था। ढाई महीने तक दोनों देशों की सेनाएं जंग कर रही थी। पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकियों ने जबरन भारतीय चौकियों पर कब्जा कर लिया था। ऊंचाई पर लड़ी जा रहा युद्ध रोज नई चुनौतियां लेकर आता। इस युद्ध ने अमेरिका का रुख भारत के लिए बदलकर रख दिया और पाकिस्तान को जमकर घुड़की दी। पांच जुलाई 1999 का दिन अमेरिका को भी कभी नहीं भुलता है।
पाकिस्तान से भारत था नाराज जंग के समय बिल क्लिंटन अमेरिका के राष्ट्रपति थे। ब्रुस रीडिल ने इस वाकये का एक जिक्र वॉशिंगटन पोस्ट के आर्टिकल में किया था। रीडिल ने लिखा था कि भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी काफी नाराज थे। वाजपेयी लगातार मांग कर रहे थे कि पाकिस्तान को अपनी सेनाओं को पीछे करना पड़ेगा। वाजपेयी की जिद के आगे तत्कालीन नाक पीएम नवाज ने हार मानी। रीडिल के मुताबिक भारत पूरी तरह से तैयार था कि वह पाकिस्तान पर परमाणु हमला कर देगा।
क्लिंटन ने दी वॉर्निंग 4 जुलाई 1999 को नवाज ने क्लिंटन से मुलाकात की। इसी मीटिंग में क्लिंटन ने नवाज को बताया कि वाजपेयी काफी नाराज हैं। क्लिंटन ने बताया कि वाजपेयी ने उनसे कहा है कि उन्हें मालूम है कि परमाणु हमले में भारत का भी 50 फीसदी हिस्सा खत्म हो जाएगा लेकिन पाकिस्तान का भी नामोनिशान मिट जाएगा। नवाज इस बात से काफी नाराज हुए। तीन जुलाई को शरीफ ने क्लिंटन से कहा कि वह मदद के लिए तुरंत वॉशिंगटन पहुंच रहे हैं। क्लिंटन ने भी उन्हें चेतावनी देते हुए कहा था कि वह तभी अमेरिका आएं तब सेनाओं की वापसी का फैसला लेने को तैयार हों।
एक-दूसरे पर दोष क्लिंटन ने 4 जुलाई को शरीफ से बातचीत शुरू की और उन्हें शिकागो ट्रिब्यून का एक कार्टून पकड़ाया। इस कार्टून में पाकिस्तान और भारत को आपस में परमाणु बम से लड़ते हुए दिखाया गया था। अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव में पाकिस्तान को झुकना पड़ा। नवाज शरीफ को मजबूर होना पड़ा कि वह अपनी सेनाओं को वापस बुलाएं। 1999 में मुशर्रफ का प्लेन पाकिस्तान में लैंड करने ही वाला था कि नवाज ने उन्हें आर्मी चीफ के पद से हटा दिया। मुशर्रफ इस जंग के लिए नवाज को दोष देते रहे और नवाज इसे मुशर्रफ के दिमाग की खुराफात बताते रहे।
Image Source : PTI
कारिगल जंग के जिम्मेदार थे मुशर्रफ
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का दुबई के अस्पताल निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार थे। उन पर काफी लंबे समय से मुकदमा चल रहा था। राजद्रोह के मामले में उन्हें एक विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। वे लंबे समय से पाकिस्तान से बाहर ही रह रहे थे। लेकिन पिछले कुछ अरसे से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। ये विडंबना है कि वे पाकिस्तान के पहले ऐसे सैन्य शासक रहे, जिन्हें अब तक के इतिहास में मौत की सजा सुनाई गई थी।
भारत के खिलाफ कारगिल की जंग के लिए उन्हें कसूरवार माना जाता है। 1999 में जब कारगिल युद्ध हुआ, तब वे पाकिस्तान के सेना प्रमुख थे। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने करगिल युद्ध के बारे में तत्कालीन प्रधानमंत्री मियां नवाज शरीफ को भी अंधेरे में रखा था।
कारगिल जंग पर नवाज शरीफ को अंधेरे में रखा
नवाब शरीफ और तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री के बीच रिश्तों की बर्फ पिघल रही थी, अटलजी शांति की बस में सवार होकर लाहौर गए थे। लेकिन 1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ ने सैन्य तख्तापलट करके नवाज शरीफ को सत्ता से बेदखल कर दिया। उस समय नवाज शरीफ को पता ही नहीं चला, क्योंकि वे श्रीलंका में थे। इसके बाद मुशर्रफ ने कारगिल युद्ध शुरू कर दिया। हालांकि भारत ने मुशर्रफ के इरादों को नेस्तनाबूत कर दिया और कारगिल पर जीत हासिल कर ली थी।
नवाज शरीफ को हटाकर परवेज मुशर्रफ ने संभाली थी कमान
जनरल परवेज मुशर्रफ श्रीलंका में थे तो नवाज शरीफ ने शक के आधार पर सेनाध्यक्ष के पद से हटा दिया। शरीफ ने मुशर्रफ के स्थान पर जनरल अजीज को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बनाया। नवाज यहीं गलती कर बैठे और यह नहीं समझ पाए कि जनरल अजीज भी परवेज मुशर्रफ के ही वफादार हैं। आखिरकार शरीफ जिस सैन्य तख्तापलट की आशंका से घिरे थे वह हो ही गया।
India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्शन
Image Source : ANI
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया है। वे पिछले काफी समय से दुबई के एक अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें दिल व उम्र संबंधी समेत कई बीमारियां थीं। उन्होंने ही साल 1999 में भारत के खिलाफ कारगिल युद्ध की साजिश रची थी। मुशर्रफ ने सेना प्रमुख रहते हुए पाकिस्तान में तख्तापलट करते हुए मार्शल लॉ भी घोषित किया था।
भारत में जन्मे थे कारगिल की जंग छेड़ने वाले मुशर्रफ
79 वर्षीय जनरल परवेज मुशर्रफ पिछले काफी समय से कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे। मार्च 2016 से ही दुबई में उनका इलाज चल रहा था। पिछले काफी समय से वे वेंटिलेटर पर थे। इससे पहले भी कई बार उनकी मौत ही अफवाह उड़ चुकी थी। बता दें कि परवेज मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त 1943 को भारत की राजधानी दिल्ली में हुआ था। उन्हें 19 अप्रैल 1961 को पाकिस्तान सैन्य अकादमी काकुल से कमीशन मिला था। परवेज मुशर्रफ को 1998 में जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया और सेना प्रमुख (सीओएएस) के रूप में पदभार संभाला था।
नवाज शरीफ को हटाकर परवेज मुशर्रफ ने संभाली थी कमान
जनरल परवेज मुशर्रफ श्रीलंका में थे तो नवाज शरीफ ने शक के आधार पर सेनाध्यक्ष के पद से हटा दिया। शरीफ ने मुशर्रफ के स्थान पर जनरल अजीज को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बनाया। नवाज यहीं गलती कर बैठे और यह नहीं समझ पाए कि जनरल अजीज भी परवेज मुशर्रफ के ही वफादार हैं। आखिरकार शरीफ जिस सैन्य तख्तापलट की आशंका से घिरे थे वह हो ही गया।
India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्शन