ढाका: भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने मंगलवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात की और चट्टोग्राम में बांग्लादेश सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया। भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया कि दो दिवसीय यात्रा पर सोमवार को यहां पहुंचे जनरल पांडे ने प्रधानमंत्री हसीना से शिष्टाचार भेंट की। यह सेना प्रमुख के तौर पर बांग्लादेश का उनका दूसरा दौरा है। वह बांग्लादेश सैन्य अकादमी (बीएमए) भी गए और पासिंग आउट कोर्स के पुरस्कार विजेताओं को उनके अनुकरणीय प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया।अतिरिक्त महानिदेशालय, जन सूचना ने एक ट्वीट में कहा, “सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बांग्लादेश सैन्य अकादमी में बतौर मुख्य अतिथि पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया। शानदार परेड प्रदर्शन के लिये उन्होंने इसमें शामिल कैडेट की सराहना की।” भारतीय सेना प्रमुख ने कैडेट से बातचीत की और बीएमए से पासिंग आउट कोर्स के मित्र देशों के सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट के लिए स्थापित ‘बांग्लादेश भारत मैत्री ट्रॉफी’ प्रदान की। पहली ट्रॉफी इस वर्ष तंजानिया के कैडेट एवर्टन को प्रदान की गई। सेना ने एक बयान में कहा, यह ट्रॉफी दिसंबर 2021 में भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए), देहरादून में स्थापित ‘बांग्लादेश ट्रॉफी और पदक’ के बदले में है। सेना प्रमुख 10 जून को आईएमए, देहरादून में पासिंग आउट परेड का निरीक्षण करेंगे और ‘बांग्लादेश पदक और ट्रॉफी’ प्रदान करेंगे। जनरल पांडे ने सोमवार को यहां अपने बांग्लादेशी समकक्ष जनरल एस. एम. शफीउद्दीन अहमद से मुलाकात की तथा पारस्परिक हित के विभिन्न पहलुओं के साथ ही द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों को और विस्तार देने के तरीकों पर चर्चा की।
बांग्लादेश के सशस्त्र बलों की मीडिया इकाई ‘द इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन्स डायरेक्टरेट’ (आईएसपीआर) ने एक बयान में कहा कि दोनों सेना प्रमुखों ने दोनों देशों की प्रगति के लिए मौजूदा द्विपक्षीय संबंधों और भविष्य के सहयोग पर चर्चा की। इसमें कहा गया, “भारतीय सेना प्रमुख की यात्रा से बांग्लादेश और भारत के बीच संबंधों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण मदद मिलने की उम्मीद है।” भारतीय सेना प्रमुख ने शीर्ष पद का कार्यभार संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर पिछले साल जुलाई में बांग्लादेश का दौरा किया था।
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पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान-तहरीक-ए इंसाफ (पीटीआई) के लिए मंगलवार का दिन बेहद मंगल साबित हुआ है। हत्या के मामले में कोर्ट में पेश हुए इमरान खान को पहले कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी। इसके बाद शाम तक पीटीआई के लिए एक और खुशखबरी सामने आई, जब कोर्ट ने इमरान के करीबी और उनकी सरकार में पूर्व विदेश मंत्री रहे शाह महमूद कुरैशी को जेल से रिहा कर दिया। अदालत के आदेश के बाद कुरैशी को अदालत मंगलवार को रावलपिंडी जेल से रिहा कर दिया गया।
कुरैशी 9 मई के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद गिरफ्तार किए गए इमरान खान की पार्टी के कुछ शीर्ष नेताओं में शामिल थे। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के उपाध्यक्ष को गत महीने नौ मई को भ्रष्टाचार के एक मामले में पार्टी अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हिंसा भड़काने सहित कई आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। कुरैशी ने इमरान खान के शासन में 2018 से 2022 तक पाकिस्तान के विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया। लाहौर उच्च न्यायालय की रावलपिंडी पीठ ने मंगलवार को कुरैशी की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि पीटीआई नेता को तत्काल रिहा किया जाए।
जियो टीवी के अनुसार, अडियाला जेल से रिहा होने पर कुरैशी ने कहा कि वह बुधवार को पीटीआई प्रमुख खान से लाहौर में जमान पार्क स्थित उनके आवास पर मुलाकात करेंगे और देश में मौजूदा राजनीतिक उथल-पुथल पर चर्चा करेंगे। रिहाई के बाद स्थानीय मीडिया ने उनके हवाले से कहा, ‘‘मैं पीटीआई कार्यकर्ताओं को बताना चाहता हूं कि ‘न्याय का झंडा’ मेरे हाथ में है और मैं अभी भी इस आंदोलन का हिस्सा हूं। पीटीआई समर्थकों को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री ने कहा, “यह एक कठिन समय है, लेकिन उम्मीद मत खोइए क्योंकि हर रात के बाद एक सवेरा होता है।” डॉन अखबार ने कुरैशी के हवाले से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि विभिन्न जेलों में अनगिनत निर्दोष लोग हैं जिन्हें रिहा किया जाना चाहिए।
कुरैशी ने कहा-काफी निर्दोष लोगों को जेल में रखा गया है
कुरैशी ने कहा कि जेल में काफी संख्या में निर्दोष लोगों को भी रखा गया है। मैं कोशिश करूंगा, और हम अपनी कानूनी टीम से परामर्श के बाद उनके मामलों को आगे बढ़ाएंगे।” गत 18 मई को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने पूर्व विदेश मंत्री की रिहाई का आदेश दिया था। हालांकि, “अनियंत्रित” विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने से बचने संबंधी हलफनामा देने के बारे में उनकी अनिच्छा के कारण रिहाई में देरी हुई। नौ मई को इस्लामाबाद में अर्धसैनिक रेंजरों द्वारा खान को गिरफ्तार किए जाने के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़क उठे थे। उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित 20 से अधिक सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी भवनों में तोड़फोड़ की थी। खान को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जून को अपनी आगामी अमेरिका यात्रा के दौरान यूएस सीनेट को संबोधित करने के प्रस्ताव को स्वीकार लिया है। उन्होंने अमेरिकी संसद को संबोधित करने के लिए अपनी उत्सुकता भी जाहिर की है। साथ ही भारत-अमेरिका के बीच प्रगाढ़ होते संबंधों के महत्व को भी बताया है। पीएम मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत को अमेरिका के साथ अपनी व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी पर गर्व है जो साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, लोगों के बीच परस्पर मजबूत संबंधों और वैश्विक शांति एवं समृद्धि के प्रति अटूट प्रतिबद्धता की नींव पर बनी है। उन्होंने इस महीने के अंत में होने वाली अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के निमंत्रण के लिए प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष कैविन मैक्कार्थी, सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर, सीनेट रिपब्लिकन नेता मिच मैककॉनेल और प्रतिनिधि सभा के डेमोक्रेटिक नेता हकीम जेफरीज को धन्यवाद देते हुए एक ट्वीट में यह टिप्पणी की।
प्रधानमंत्री ने कहा, “कैविन मैक्कार्थी, मिच मैककॉनेल, चक शूमर और हकीम जेफरीज को इस निमंत्रण के लिए धन्यवाद। मैं इसे स्वीकार करने के लिए सम्मानित महसूस कर रहा हूं और एक बार फिर कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के लिए उत्सुक हूं।” उन्होंने कहा, “हमें अमेरिका के साथ अपनी व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी पर गर्व है, जो साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, लोगों के बीच परस्पर मजबूत संबंधों और वैश्विक शांति एवं समृद्धि के प्रति अटूट प्रतिबद्धता की नींव पर बनी है।” मोदी 22 जून को अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे।
दूसरी बार अमेरिकी संसद को संबोधित करने वाले देश के पहले पीएम होंगी मोदी
अमेरिकी संसद को दूसरी बार संबोधित करने वाले देश के पहले मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री होंगे। अमेरिकी कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि मोदी भारत के भविष्य के बारे में अपना दृष्टिकोण साझा करेंगे और दोनों देशों के सामने मौजूद वैश्विक चुनौतियों पर बोलेंगे। राष्ट्रपति जो बाइडन 22 जून को प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका की आधिकारिक राजकीय यात्रा की मेजबानी करेंगे, जिसमें राजकीय रात्रिभोज भी शामिल होगा। अमेरिकी कांग्रेस के नेताओं ने एक बयान में कहा था, ”अमेरिकी प्रतिनिधि सभा और अमेरिकी सीनेट के द्विदलीय नेतृत्व की ओर से आपको (प्रधानमंत्री मोदी को) बृहस्पतिवार 22 जून को कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के लिए आमंत्रित करना हमारे लिए सम्मान की बात है।” जून 2016 के बाद यह दूसरा मौका होगा जब मोदी अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे।