Zim Afro T10 League: जिम्बाब्वे में एफ्रो टी10 लीग की शुरुआत हो चुकी है। इस लीग में भारत समेत दुनियाभर के कई दिग्गज खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। इस टूर्नामेंट में जोहानिसबर्ग बफेलोज और बुलावायो ब्रेवस के बीच शुक्रवार को एक तगड़ा मैच देखने को मिला। इस मुकाबले में पाकिस्तान के मोहम्मद हफीज ने एक बड़ा कमाल कर दिया है। पिछले साल क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने वाले 42 साल के इस खिलाड़ी ने सिर्फ 2 ओवर में ही 6 विकेट चटका दिए।
पहली बार टी10 में हुआ ऐसा
टी10 क्रिकेट के इतिहास में कभी भी कोई गेंदबाज 6 विकेट एक मैच में नहीं ले पाया था लेकिन हफीज ने ऐसा करके इतिहास रच दिया है। बता दें कि इस मैच में हफीज जोबर्ग बफेलोज की कप्तानी कर रहे थे। हफीज ने इस मुकाबले में 2 ओवरों में 4 रन देकर 6 विकेट हासिल किए। उन्होंने अपने पहले ओवर की पहली दो गेंदों पर विकेट हासिल किए। इसके बाद इसी ओवर की 5वीं गेंद पर उन्हें विकेट मिला। इसके बाद हफीज ने अपने दूसरे ओवर में तीन और विकेट लेकर कुल 6 विकेट लेकर इतिहास रच दिया।
भारतीय भी ले रहे टूर्नामेंट में हिस्सा
बता दें कि लीग में कई भारतीय भी हिस्सा ले रहे हैं। रॉबिन उथप्पा, इरफान पठान, एस श्रीसंत और यूसुफ पठान जैसे अन्य खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे हैं। उथप्पा, इरफान और श्रीसंत हरिकेंस टीम का हिस्सा हैं।
टूर्नामेंट का फॉर्मेट
टूर्नामेंट में एक ही ग्रुप में पांच टीमें शामिल हैं। बुलावायो ब्रेव्स, हरारे हरिकेंस, सैंप आर्मी, डरबन कलंदर्स और जोहान्सबर्ग बफेलोज हिस्सा लेने वाली पांच टीमें हैं। ग्रुप चरण डबल राउंड-रॉबिन फॉर्मेट होगा जहां सभी टीमें एक-दूसरे के खिलाफ दो बार खेलेंगी। नॉकआउट चरण में एलिमिनेटर के साथ क्वालीफायर 1 और 2 होंगे और विजेताओं को फाइनल में जगह मिलेगी। पूरा टूर्नामेंट हरारे में आयोजित किया जा रहा है।
India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Cricket News in Hindi के लिए क्लिक करें खेल सेक्शन
खुदकुशी करने वाले शख्स की पहचान सुदर्शन देवराय के रूप में की है। देवराय ने नांदेड़ जिले की हिमायतनगर तहसील में रविवार आधी रात के बाद कथित तौर पर खुदकुशी कर ली।
कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक रिश्ते बुरे दौर में जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत पर अनर्गल आरोपों के बाद कनाडा ने भारतीय राजनयिक को बर्खास्त कर दिया था। अब इस कदम के जवाब में भारत सरकार ने भी कनाडा के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। भारत सरकार ने भी एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को बर्खास्त कर दिया है और उन्हें 5 दिनों में देश छोड़ने का आदेश दिया है।
उच्चायुक्त तलब
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के भारत विरोधी कदमों के बाद भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने विरोध जताने के लिए भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैकेई को तलब किया था। ऐसा माना जा रहा था कि कनाडा को जवाब देने के लिए भारत सरकार भी कड़ा कदम उठा सकती है।
विदेश मंत्रालय का बयान
भारतीय विदेश मंत्रालय ने जारी किए गए बयान में कहा है कि भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैकेई को आज तलब किया गया। उन्हें भारत में रह रहे एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के भारत सरकार के फैसले के बारे में सूचित किया गया। संबंधित राजनयिक को अगले पांच दिनों के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।
क्यों तल्ख हुए रिश्ते?
G-20 समिट में फटकार खाने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत विरोधी कदमों में जुट गए हैं। ट्रू़डो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का कनेक्शन भारत से जोड़ते हुए भारत के एक राजनयिक को निकाल दिया था। हालांकि, भारत सरकार ने कनाडाई पीएम के आरोपों को बेबुनियाद और आधारहीन करार दिया है। भारत ने साथ ही कनाडा से आतंकी तत्वों पर कार्रवाई करने की मांग की है। भारत ने कहा है कि इस तरह के बयान खालिस्तानियों से ध्यान हटाने के लिए दिए गए हैं।
India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्शन
महिला आरक्षण बिल को लेकर स्थिति लगभग साफ होती नजर आ रही है। खबर है कि सरकार मंगलवार को ही संसद में बिल पेश कर सकती है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। सोमवार को कैबिनेट बैठक में विधेयक पर मुहर लगा दी गई थी। इधर, महिला आरक्षण का श्रेय लेने के लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में होड़ लगती नजर आ रही है।
खास बात है कि मंगलवार से ही विशेष सत्र नए संसद भवन में पहुंच रहा है। ऐसे में अगर सरकार महिला आरक्षण बिल आज पेश कर देती है, तो नई संसद में पेश होने वाला यह पहला बिल होगा। हालांकि, यह बिल करीब 27 सालों से लंबित है और कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार ने साल 2010 में इसे राज्यसभा में पास करा लिया था।