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पाकिस्तान की फिर इंटरनेशनल बेइज्जती, यूएई के राष्ट्रपति ने रद्द किया दौरा
कर्ज के लिए कटोरा लेकर भीख मांगने वाले पाकिस्तान की एक बार फिर इंटरनेशनल बेइज्जती हो गई है। पूरी दुनिया जानती है कि जिन देशों से कर्ज लेता है, उनके लिए किसी भी हद क पाकिस्तान जा सकता है। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ के बुलावे पर 30 जनवरी सोमवार को संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान पाकिस्तान आने वाले थे। लेकिन उन्होंने शहबाज शरीफ को बड़ा झटका दिया है। शेख मोहम्मद ने अपना पाकिस्तान का आज होने वाला दौरा रद कर दिया है। इसका दोष खराब मौसम पर मढ़ दिया गया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के कार्यालय ने एक बयान जारी करके कहा कि ‘खराब मौसम’ की वजह से यूएई के राष्ट्रपति ने अपना इस्लामाबाद का दौरा रद्द किया है। यूएई के इस फैसले से पाकिस्तान की इंटरनेशन बेइज्जती हो गई है। दरअसल, पाकिस्तान ने यूएई के राष्ट्रपति के आगमन के उपलक्ष्य में पाकिस्तान ने यूएई के राष्ट्रपति के स्वागत में इस्लामाबाद के स्कूलों और शहर के काफी हिस्सों को बंद कर दिया था। स्कूल और कॉलेज बंद रहे लेकिन राष्ट्रपति नहीं आए।
फाइटर जेट से स्वागत करने का था प्लान, नहीं आए नहयान
यही नहीं पाकिस्तानी सरकार ने शेख मोहम्मद को खुश करने के लिए जेएफ-17 फाइटर जेट के साथ उनका स्वागत करने का फैसला किया था। शहबाज सरकार का प्लान रखा का रखा गया। यूएई के इस फैसले से पाकिस्तानी सोशल मीडिया में बहस छिड़ गई है। पाकिस्तानी विश्लेषकों का कहना है कि जिस यूएई के लिए पाकिस्तान सरकार जमीन पर बिछ गई, उसने पाकिस्तान को झटका दे दिया है। पाकिस्तानी अखबार डॉन में पत्रकार बकिर सज्जाद कहते हैं कि दुनिया में कौन सा ऐसा देश होगा जिसमें किसी विदेशी नेता के आने पर शहर बंद कर दिया जाता है। यह शर्मनाक है।
शहबाज ने यूएई से मांगी थी कर्ज की भीख
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ जब कुछ दिनों पहले UAE गए थे तो उन्होंने कर्ज की भीख मांगी थी। उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ था। जाहिर है कि पाकिस्तान की इकोनॉमी रसातल में जाती हुई दिख रही है। रही सही कसर हाल के समय में आई बाढ़ ने पूरी कर दी। पाकिस्तान इस समय बुरी तरह कर्जे में डूबा है। देश चलाने के लिए भी पैसा नहीं है। हालात यह हो गए हैं कि कर्ज चुकाने के लिए भी बड़े कर्ज की जरूरत है।
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पिछले दिनों भारत के गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shan India) ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके (PoK) को लेकर एक बड़ा बयान दिया था। उन्होने कहा था कि भारत सरकार करताररपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) की तर्ज पर एक पहल की कोशिश करेगी। अब पीओके की सरकार ने शाह के सुर में सुर मिलाया है।
बॉलीवुड सेलिब्रिटी समेत कई बिजनेसमैन यहां पर घरों को एक निवेश के तौर पर भी देख रहे हैं। शिल्पा शेट्टी, शाहरुख खान और अक्षय कुमार का घर यहां पर है। इसके अलावा उद्योगपति मुकेश अंबानी और फुटबॉलर डेविड बैकहम का घर भी यहां है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मुकेश अंबानी के विला में 10 बेडरूम, एक प्राइवेट, इनडोर और आउटडोर पूल है। इसकी कीमत 8 करोड़ डॉलर है।
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चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाक पीएम शहबाज शरीफ
नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने साफ शब्दों में चीन से कह दिया है कि उसके लोग यहां बिजनेस करना बंद कर दें, अन्यथा उनकी जान जा सकती है। शरीफ ने पाकिस्तान में व्यापार कर रहे सभी चीनियों को तत्काल अपने कारोबार को समेटने के लिए कहा है। मगर आप सोच रहे होंगे कि पाकिस्तान और चीन तो दोस्त हैं, फिर आखिर ऐसा क्या हो गया कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने चीन को यह अल्टीमेटम दे डाला…तो आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला है क्या?
पाकिस्तान की ओर से अचानक मिले इस अल्टीमेटम से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हैरान हो गए हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने चीन को यह अल्टीमेटम यूं ही नहीं दिया है, बल्कि पिछले कुछ महीनों में चीन के कई नागरिक उनके देश में मारे जा चुके हैं। इसमें चीन के कई इंजीनियर, डॉक्टर और व्यापारी समेत अन्य नागरिक शामिल हैं।
चीनी नागरिकों को कौन बना रहा निशाना
अब आपको बताते हैं कि चीन के इन नागरिकों को आखिर पाकिस्तान में निशाना कौन बना रहा है। पाकिस्तान की सरकार के अनुसार विभिन्न आतंकी गुटों के निशाने पर चीनी नागरिक हैं। वह उन्हें लगातार टारगेट कर रहे हैं और उनकी जान को सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है। इसलिए पाकिस्तान की सरकार ने चीनी नागरिकों को तत्काल अपने देश से कारोबार बंद करने को कहा है। आपको बता दें कि वर्ष 2022 में ग्वादर के दासू प्रोजेक्ट पर काम कर रहे चीनी इंजीनियरों की एक बस को आतंकियों ने निशाना बनाया था, जिसमें 10 चीनी इंजीनियरों की मौत हो गई थी।
इसके अलावा पाकिस्तान के पेशावर में भी कई चीनी नागरिकों को आतंकी निशाना बना चुके हैं। पाकिस्तान में चीनी नागरिकों को निशाना बनाए जाने के पीछे एक खास वजह भी है। दरअसल पाकिस्तान के आतंकी संगठनों को लगता है कि चीनी नागरिकों की बढ़ती मौजूदगी की वजह से उनके समुदाय और इलाकों को खतरा है। वह आतंकियों के कारोबार पर भी असर डाल रहे हैं। इसलिए आतंकी चीनी नागरिकों को चुन-चुन मार रहे हैं।
पाकिस्तान को चीन से मदद नहीं मिलने का डर
आतंकियों के निशाने पर चल रहे चीनी नागरिकों को बचाने में पाकिस्तान की सरकार नाकाम साबित हो रही है। इसलिए अब वह उन्हें कारोबार बंद करने और अपने देश लौटने के लिए कह रही है। पाकिस्तान को पता है कि अगर चीनी नागरिकों की लगातार मौत होती रही तो चीन उसकी मदद करना बंद कर देगा। फिलहाल आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज की जरूरत है, जिसे चीन की मदद के बगैर हासिल करना पाकिस्तान के लिए कतई संभव नहीं है।
अल्टीमेटम के बाद चिंता में पड़ा चीन
पाकिस्तान के इस अल्टीमेटम के बाद चीन खासी चिंता में पड़ गया है। इसकी वजह है कि चाइना पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर (सीपीईसी) में चीन ने करीब 60 अरब डालर का निवेश किया है। कई वर्षों से प्रोजेक्ट चल रहा है और इस पर दो तिहाई पैसा अब तक खर्च हो चुका है। इसके अलावा भी चीन के कई प्रोजेक्ट पाकिस्तान में चल रहे हैं। ऐसे में अगर चीनी नागरिकों को पाकिस्तान से वापस लौटना पड़ा तो उनके कई अहम प्रोजेक्ट भी खटाई में पड़ सकते हैं।