पश्चिम बंगाल: बंगाल के मालदा जिले में पुलिस ने शनिवार को दो महिलाओं को पीटने और अर्धनग्न कर घुमाने के मामले में पांच लोगों को हिरासत में लिया। चोरी का आरोप लगाने के बाद स्थानीय दुकानदारों ने दो महिलाओं को कथित तौर पर पीटा और अर्धनग्न कर घुमाया। पुलिस फिलहाल एक कथित वीडियो की जांच कर रही है। जिला पुलिस अधीक्षक ने शनिवार को स्वीकार किया कि दो महिलाओं की प्रताड़ना का वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और यह घटना मालदा के बामनगोला के पाकुआहाट में हुई है।
मालदा एसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि इस घटना में कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं, इनमें से कोई भी टीएमसी या बीजेपी से नहीं है।
अबतक पांच आरोपी गिरफ्तार
पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार यादव ने भी बताया कि इस घटना में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है हालांकि, उन्होंने कहा कि कुछ अन्य लोगों की तलाश जारी है। पुलिस अधीक्षक के मुताबिक बामनगोला थाने के आईसी को पता चला कि पीड़ित दोनों महिलाएं कुछ दिन पहले नालागोला चौकी में हुई तोड़फोड़ में शामिल थीं। उसके आधार पर दोनों महिलाओं को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
लापरवाही करने वाले पुलिसकर्मियों पर होगी कार्रवाई
पुलिस ने बताया कि दोनों पीड़ित महिलाएं अनुसूचित जाति की हैं और उन पर हमला करने वाले मुख्यतः अनुसूचित जनजाति के हैं। जिला पुलिस अधीक्षक ने यह भी कहा कि इस घटना में अगर पुलिस कर्मियों की कोई लापरवाही होगी तो उचित कार्रवाई की जायेगी। लेकिन पुलिस ने दोनों प्रभावित महिलाओं को गिरफ्तार क्यों किया? इस सवाल के जवाब में पुलिस अधीक्षक ने कहा, ”बामनगोला थाने के आईसी को एक घटना में दोनों महिलाओं के शामिल होने के सबूत मिले हैं।”
अधीक्षक ने बताया कि दोनों महिलाएं नालागोला चौकी में तोड़फोड़ में शामिल थीं इसके बाद उन्होंने दोनों महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज कर कोर्ट में दाखिल किया गया है। हम इस मामले की भी जांच कर रहे हैं।”
पश्चिम बंगाल से सुजित दास की रिपोर्ट
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खुदकुशी करने वाले शख्स की पहचान सुदर्शन देवराय के रूप में की है। देवराय ने नांदेड़ जिले की हिमायतनगर तहसील में रविवार आधी रात के बाद कथित तौर पर खुदकुशी कर ली।
कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक रिश्ते बुरे दौर में जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत पर अनर्गल आरोपों के बाद कनाडा ने भारतीय राजनयिक को बर्खास्त कर दिया था। अब इस कदम के जवाब में भारत सरकार ने भी कनाडा के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। भारत सरकार ने भी एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को बर्खास्त कर दिया है और उन्हें 5 दिनों में देश छोड़ने का आदेश दिया है।
उच्चायुक्त तलब
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के भारत विरोधी कदमों के बाद भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने विरोध जताने के लिए भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैकेई को तलब किया था। ऐसा माना जा रहा था कि कनाडा को जवाब देने के लिए भारत सरकार भी कड़ा कदम उठा सकती है।
विदेश मंत्रालय का बयान
भारतीय विदेश मंत्रालय ने जारी किए गए बयान में कहा है कि भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैकेई को आज तलब किया गया। उन्हें भारत में रह रहे एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के भारत सरकार के फैसले के बारे में सूचित किया गया। संबंधित राजनयिक को अगले पांच दिनों के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।
क्यों तल्ख हुए रिश्ते?
G-20 समिट में फटकार खाने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत विरोधी कदमों में जुट गए हैं। ट्रू़डो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का कनेक्शन भारत से जोड़ते हुए भारत के एक राजनयिक को निकाल दिया था। हालांकि, भारत सरकार ने कनाडाई पीएम के आरोपों को बेबुनियाद और आधारहीन करार दिया है। भारत ने साथ ही कनाडा से आतंकी तत्वों पर कार्रवाई करने की मांग की है। भारत ने कहा है कि इस तरह के बयान खालिस्तानियों से ध्यान हटाने के लिए दिए गए हैं।
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महिला आरक्षण बिल को लेकर स्थिति लगभग साफ होती नजर आ रही है। खबर है कि सरकार मंगलवार को ही संसद में बिल पेश कर सकती है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। सोमवार को कैबिनेट बैठक में विधेयक पर मुहर लगा दी गई थी। इधर, महिला आरक्षण का श्रेय लेने के लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में होड़ लगती नजर आ रही है।
खास बात है कि मंगलवार से ही विशेष सत्र नए संसद भवन में पहुंच रहा है। ऐसे में अगर सरकार महिला आरक्षण बिल आज पेश कर देती है, तो नई संसद में पेश होने वाला यह पहला बिल होगा। हालांकि, यह बिल करीब 27 सालों से लंबित है और कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार ने साल 2010 में इसे राज्यसभा में पास करा लिया था।