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नेपाल: 12 मार्च को खत्म हो रहा है बिद्या देवी भंडारी का कार्यकाल, चुना जाएगा नया राष्ट्रपति

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नेपाल में 9 मार्च को होगा नए राष्ट्रपति के लिए मतदान

काठमांडू: नेपाल में नए राष्ट्रपति का चयन करने के लिए नौ मार्च को मतदान होगा। देश के निर्वाचन आयोग ने सोमवार को यह घोषणा की। नेपाल की मौजूदा राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी का कार्यकाल 12 मार्च को समाप्त हो रहा है। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक राष्ट्रपति के लिए मतदान नौ मार्च को होगा। आयोग ने 17 मार्च को उप राष्ट्रपति का चुनाव कराने का फैसला किया है। यह चुनाव मौजूदा उप राष्ट्रपति नंद बहादुर पुन के सेवानिवृत्त होने के दिन होगा। 

मतदाताओं की सूची 22 फरवरी को होगी जारी 

अधिसूचना के मुताबिक निर्वाचन आयोग राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदाताओं की सूची 22 फरवरी को जारी करेगा। राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए 25 फरवरी को नामांकन दाखिल किए जाएंगे। इसी प्रकार उप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए नामांकन दाखिल करने की तारीख 11 मार्च तय की गई है। दोनों पदों के लिए पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न तीन बजे तक मतदान होगा। नियमों के मुताबिक राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति का चुनाव पांच साल के कार्यकाल के लिए होता है। वर्ष 2015 में लागू संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचन मंडल करता है जिसमें संघीय संसद के दोनों सदन और सात प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्य होते हैं। संसद और विधानसभाओं के सदस्यों के मतों का मूल्य अलग-अलग होता है।

वहीं इस एपहले नेपाल के 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में मात्र 32 सीटें जीतकर भी पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ देश के नेए प्रधानमंत्री बन गए। उन्होंने 26 दिसंबर 2022 को नेपाल के नए प्रधानमंत्री पद की शपथ भी ले ली। उनसे पहले नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा के दोबारा प्रधानमंत्री बनने की संभावना थी। शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस पार्टी ने सबसे ज्यादा 89 सीटों पर जीत दर्ज की थी। मगर अपने ‘प्रचंड’ जुगाड़ से पुष्प कमल दहल ने शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री बनने की रेस में पीछे छोड़ दिया।

 

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अमेरिका के एक स्कूल में गोलीबारी, 6 लोगों की मौत, पुलिस ने महिला शूटर को भी मार गिराया

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सांकेतिक तस्वीर

एक बार फिर अमेरिका में गोलीबारी की खबर सामने आ रही है। मामला टेनेसी राज्य के एक स्कूल है जहां एक लड़की शूटर ने हमला किया है। इस दौरान 6 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं। वहीं पुलिस ने शूटर को भी मार गिराया गया है। संदिग्ध ने एक साइड दरवाजे से प्रवेश द्वार के माध्यम से इमारत में प्रवेश किया था। 


अधिकारियों ने कहा कि नैशविले के एक निजी ईसाई स्कूल में सोमवार को हुई गोलीबारी में संदिग्ध की मौत हो गई है। वहीं नैशविले अग्निशमन विभाग ने ट्विटर पर कहा कि कई मरीज हैं लेकिन उनकी स्थिति तत्काल स्पष्ट नहीं है। 

 आर्कन्सास राज्य में भी हुई थी फायरिंग

इससे पहले अमेरिका के आर्कन्सास राज्य की पुलिस ने कहा कि रविवार रात को गोलीबारी की दो अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गयी तथा पांच लोग घयल हो गए। लिटल रॉक पुलिस विभाग ने ट्विटर पर एक बयान में कहा कि आपात सेवाओं को रात नौ बजकर 25 मिनट पर गोलीबारी की सूचना मिली।

जांच में जुटी पुलिस

घटना में दो लोगों को चोटें आयीं, लेकिन वो जानलेवा नहीं थीं। पुलिस ने बताया कि कुछ देर बाद नजदीकी इलाके में गोलीबारी की दूसरी घटना हुई, जिसमें पांच अन्य लोगों को गोली मारी गई। इनमें से दो लोगों की मौत हो गयी। गोलीबारी की दोनों घटनाएं एशर एवेन्यू के पास स्थित इलाकों में हुईं, लेकिन पुलिस ने अभी इनके आपस में जुड़े होने कोई जानकारी नहीं दी है। पुलिस ने बताया कि दोनों घटनाओं की जांच की जा रही है।

 

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कंगाल पाकिस्तान पर चौतरफा मार, अब जीवन रक्षक दवाओं की कमी से जूझ रहा जिन्ना का देश

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कंगाल पाकिस्तान पर चौतरफा मार, अब जीवन रक्षक दवाओं की कमी से जूझ रहा जिन्ना का देश

कराचीः कंगाल पाकिस्तान में खाने से लेकर पेट्रोल, बिजली और हर जरूरत की वस्तुओं की किल्लत बनी हुई है। पाकिस्तान का सरकारी खजाना खाली हो चुका है।  अब तो हालत यह हो गई है। जिन्ना के इस कंगाल देश में जीवन रक्षक दवाओं की भी कमी हो गई है। 

पाकिस्तान की दवा नियमितता प्राधिकरण (डीआरएपी) की मूल्य निर्धारण नीति और रुपये में गिरावट के कारण पाकिस्तान में अधिकांश आयातित और महत्वपूर्ण दवाओं की अत्यधिक कमी हो गई है, मीडिया रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी दी गई। द न्यूज ने बताया, फार्मासिस्ट और जैविक उत्पादों के आयातक अब्दुल मन्नान ने कहा- डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी मुद्रा के अत्यधिक मूल्यह्रास और पाकिस्तान की ड्रग रेगुलरिटी अथॉरिटी (डीआरएपी) की विवादास्पद दवा मूल्य निर्धारण नीति के कारण, उनकी कीमतें कई गुना बढ़ गई हैं और आयातकों के लिए उन्हें डीआरएपी द्वारा दी गई मौजूदा कीमतों पर लाना आर्थिक रूप से अव्यवहारिक हो गया है।

दवाओं के आपूर्तिकर्ताओं और अधिकारियों ने कहा कि सार्वजनिक और निजी दोनों स्वास्थ्य सुविधाओं को आयातित टीकों, कैंसर उपचारों, प्रजनन दवाओं और एनेस्थीसिया गैसों की कमी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि विक्रेताओं ने डॉलर-रुपये की असमानता के कारण अपनी आपूर्ति बंद कर दी है।

द न्यूज ने बताया कि फिलहाल, सबसे महत्वपूर्ण दवा जो स्वास्थ्य सुविधाओं को नहीं मिल रही है, वह हेपरिन है, जो कुछ हृदय संबंधी प्रक्रियाओं के बाद इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह, विभिन्न प्रकार के कैंसर के उपचार के लिए आइसोफ्लुरेन, सेवोफ्लुरेन के साथ-साथ मोनोक्लोनल एंटीबॉडी जैसी कुछ महत्वपूर्ण संवेदनाहारी गैसों के साथ-साथ मानव क्रोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) और मानव रजोनिवृत्ति संबंधी गोनाडोट्रोपिन (एचएमजी) जैसे प्रजनन उत्पादों को भी डॉलर-रुपये की असमानता और डीआरएपी की मूल्य निर्धारण नीति के कारण स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही है।

हालांकि अधिकांश ओरल दवाएं जिनमें सिरप, टैबलेट और इंजेक्शन शामिल हैं, स्थानीय रूप से उत्पादित की जाती हैं, लेकिन भारत, चीन, रूस, यूरोपीय देशों के साथ-साथ अमेरिका और तुर्की से पाकिस्तान सभी टीकों, कैंसर रोधी दवाओं और उपचारों, हार्माेन, प्रजनन दवाओं के साथ-साथ अन्य उत्पादों सहित अधिकांश जैविक उत्पादों का आयात करता है।

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इजरायल में विवादित न्यायिक सुधार कानून निलंबित, आखिर नेतन्याहू को झुकना ही पड़ा

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बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायल के विवादित न्यायिक सुधार कानून को निलंबित कर दिया है। इसे अब इजरायली संसद में दोबारा चर्चा के लिए पेश किया जाएगा। इस कानून के विरोध में इजरायल में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। रिजर्व सैनिक और इजरायली दूतावासों ने भी विरोध में हड़ताल की है।

 



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