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नरेंद्र मोदी की एग्रेसिव कैंपेनिंग से बदलेगा रिजल्ट?

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव का ओपिनियन पोल

India TV CNX opinion poll: 2023 का सबसे रोमांचक चुनाव, जिसके बारे में पहले कहा गया कि इसे कांग्रेस ही जीतेगी। कर्नाटक से राहुल गांधी के एक और रिलॉन्च का स्टेज सेट होने लगा। मोदी विरोधी पार्टियां 2024 के लिए अलायंस फाइनल करने से पहले कर्नाटक के रिजल्ट का इंतजार कर रही हैं। उसी कर्नाटक में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मैदान में आए तो लगने लगा कि ये चुनाव भी बीजेपी ही जीतेगी। मोदी ने आज कर्नाटक चुनाव में फाइनल रोड शो किया। बीजेपी को सबसे ज्यादा अगर किसी से उम्मीद है तो वो मोदी ही हैं। बीजेपी को लगता है कि मोदी ने कर्नाटक की हवा का रुख मोड़ दिया है। कांग्रेस के पंजे से कर्नाटक को छीन लाए हैं। यह बीजेपी मानती है, मगर कर्नाटक के वोटर क्या मानते हैं? कौन जीतेगा कर्नाटक? मुख्यमंत्री कौन बनेगा? क्या कर्नाटक से राहुल गांधी रिलॉन्च होंगे या दक्षिण के भगवा दुर्ग में मोदी की एक और विजय होगी? इंडिया टीवी-CNX ने ये जानने के लिए सबसे बड़ा, सबसे ऑथेंटिक ओपिनियन पोल किया।

सबसे बड़ा ओपिनियन पोल

कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों पर चुनाव के लिए 10 मई को मतदान किया जाना है। इस बीच इंडिया टीवी CNX ने ओपिनियन पोल के सर्वे के लिए कुल 11,200 लोगों से बात की। इस सर्वे के दौरान 5620 पुरुष वोटरों से बात की गई। वहीं  5580 महिला वोटरों से बात की गई। 

क्या पीएम मोदी की कैंपेनिंग से बदलेगा रिजल्ट

कर्नाटक में सबसे ज्यादा चर्चा नरेंद्र मोदी की है। मोदी ने आखिरी 10 दिनों में एग्रेसिव प्रचार किया। प्रधानमंत्री ने 22 से ज्यादा रैलियां और रोड शो किए। नरेंद्र मोदी की एग्रेसिव कैंपेनिंग से रिजल्ट बदलेगा या नहीं इस बाबत जब सर्वे किया गया तो 35 फीसदी लोगों ने कहा कि हां पीएम मोदी की रैली से रिजल्ट में बदलाव होगा। वहीं 21 फीसदी लोगों ने कहा कि थोड़ा बदलाव होगा। 30 फीसदी लोगों ने कहा कि पीएम की रैली से कुछ बदलाव नहीं होगा। वहीं 14 फीसदी लोगों ने कहा कि इस बाबत कुछ कहा नहीं जा सकता है। 

पीएम मोदी के कैंपेन की खास बात

नरेंद्र मोदी की पूरी कैंपेनिंग को देखें तो उन्होंने 2 प्वाइंट पर सबसे ज्यादा जोर दिया। पहला जहरीला सांप और दूसरा बजरंगबली। कांग्रेस ने गलती की तो मोदी ने भुनाने में देर नहीं की। कर्नाटक चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में बस बजरंगबली-बजरंगबली चला। इससे कांग्रेस को कितना नुकसान होगा अब यह देखना दिलचस्प होगा। 

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मनीष सिसोदिया को याद कर भावुक हुए अरविंद केजरीवाल, कार्यक्रम में रो पड़े

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Image Source : इंडिया टीवी
अरविंद केजरीवाल, सीएम, दिल्ली

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक कार्यक्रम के दौरान मनीष सिसोदिया को याद कर भावुक हो गए। सिसोदिया को याद करते हुए वे बीच कार्यक्रम में रो पड़े। दरअसल, दिल्ली के दरियापुर में अरविंद केजरीवाल स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सेलेंस की शुरुआत करने पहुंचे थे। इसी बीच अपने संबोधन के दौरान अरविंद केजरीवाल मनीष सियोदिया को याद करते हुए भावुक हो गए और रोने लगे।

दिल्ली में शिक्षा की व्यवस्था बेहतर-केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन में दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने में कोई कसर नहीं रहने दी। केजरीवाल ने कहा कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा हिसार में हुई थी और जिस तरह के स्कूल में उनकी पढ़ाई हुई थी उससे भी बेहतर स्कूल दिल्ली में लोगों को मिल रहा है। केजरीवाल ने कहा कि यह हमारी पीढ़ी का दायित्व है कि हम अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराएं।

सिसोदिया के योगदान को याद कर भावुक हुए केजरीवाल

इसी दौरान उन्होंने दिल्ली के अंदर शिक्षा में सुधार को लेकर मनीष सिसोदिया के योगदान को याद किया और भावुक हो गए। इस दौरान केजरीवाल की आंखें भर आईं और आंसू छलक पड़े। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि कुछ लोग नहीं चाहते हैं कि दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त हो इसलिए मनीष सिसोदिया को फंसाकर जेल भे दिया गया। 

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औरंगजेब पर वॉट्सऐप स्टेटस से कोल्हापुर में बिगड़े हालात, पथराव और हिंसा के बाद लाठीचार्ज

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महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में मुगल शासक औरंगजेब को लेकर बवाल मच गया है। कुछ लड़कों ने औरंगजेब के समर्थन में वॉट्सऐप स्टेट्स लगाए थे और उस पर आपत्तिजनक बातें भी लिखी थीं। इससे तनाव फैल गया है।



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मणिपुर हिंसा : बेटे को अस्‍पताल ले जा रही थी मां, भीड़ ने एम्बुलेंस में लगाई आग, मां-बेटे सहित 3 की मौत

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भीड़ ने एक एम्बुलेंस को रास्ते में रोक उसमें आग लगा दी (प्रतीकात्‍मक फोटो)

इंफाल :

मणिपुर में अभी हालात सामान्‍य नहीं हुए हैं. पश्चिम इंफाल जिले में भीड़ ने एक एम्बुलेंस को रास्ते में रोक उसमें आग लगा दी, जिससे उसमें सवार आठ वर्षीय बच्चे, उसकी मां और एक अन्य रिश्तेदार की मौत हो गई. अधिकारी ने बताया कि यह घटना रविवार शाम को इरोइसेम्बा में हुई. उन्होंने कहा कि गोलीबारी की एक घटना के दौरान बच्चे के सिर में गोली लग गई थी और उसकी मां तथा एक रिश्तेदार उसे इंफाल स्थित अस्पताल ले जा रहे थे. अधिकारियों के मुताबिक, भीड़ के हमले में मारे गए तीनों लोगों की पहचान तोंसिंग हैंगिंग (8), उसकी मां मीना हैंगिंग (45) और रिश्तेदार लिदिया लोरेम्बम (37) के तौर पर हुई है.

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असम राइफल्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने घटना की पुष्टि की और बताया कि घटनास्थल और उसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है. सूत्रों ने बताया कि एक आदिवासी का बेटा तोंसिंग और मेइती जाति की उसकी मां कंग्चुप में असम राइफल्स के राहत शिविर में रह रहे थे. चार जून को शाम के समय इलाके में गोलीबारी शुरू हो गई और शिविर में होने के बावजूद बच्चे को गोली लग गई.

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सूत्रों ने कहा, “असम राइफल्स के वरिष्ठ अधिकारी ने तुरंत इंफाल में पुलिस से बात की और एम्बुलेंस की व्यवस्था की. मां बहुसंख्यक समुदाय से थी, इसलिए बच्चे को सड़क मार्ग से इंफाल के ‘रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज’ ले जाने का फैसला किया गया.” कुछ किलोमीटर तक असम राइफल्स की सुरक्षा में एम्बुलेंस को ले गया गया और उसके बाद स्थानीय पुलिस ने मोर्चा संभाला.

एक सूत्र ने कहा, “शाम करीब साढ़े छह बजे इरोइसेम्बा में कुछ लोगों ने एम्बुलेंस को रोका और उसमें आग लगा दी. वाहन में सवार तीनों लोगों की मौत हो गई. हमें अभी तक नहीं पता कि शव कहां हैं.” काकचिंग क्षेत्र में कुकी समुदाय के कई गांव हैं और यह कांगपोकपी जिले की पश्चिमी इंफाल से लगी सीमा पर मेइती समुदाय के गांव फायेंग के पास है. इस क्षेत्र में 27 मई से गोलीबारी की कई घटनाएं हो चुकी हैं.

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बता दें कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं. मणिपुर में 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है. आदिवासियों-नगा और कुकी समुदाय की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में बसती है.

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