केंद्र ने सोमवार को हाईकोर्ट में तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ द्वारा राज्य सरकारों द्वारा पारित धर्मांतरण कानूनों के खिलाफ याचिका का विरोध करते हुए कहा कि वह धोखाधड़ी के एक मामले में आरोपी हैं और विभाजनकारी राजनीति करती हैं। गृह मंत्रालय ने एनजीओ ‘सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस’ द्वारा दायर एक याचिका के लिखित जवाब में कहा, “याचिकाकर्ता दंगा प्रभावित लोगों की पीड़ा का फायदा उठाने के लिए भारी धन इकट्ठा करने का दोषी है, जिसके लिए आपराधिक कार्यवाही की गई है। तीस्ता सीतलवाड़ और याचिकाकर्ता के अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ मामले चल रहे हैं।”
आगे कहा, “सार्वजनिक हित की सेवा की आड़ में याचिकाकर्ता जानबूझकर और गुप्त रूप से जासूसी करता है, समाज को धार्मिक और सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करने के प्रयास में विभाजनकारी राजनीति करता है। याचिकाकर्ता संगठन की इसी तरह की गतिविधियां असम सहित अन्य राज्यों में चल रही हैं।”
हलफनामे में कहा गया है कि ”याचिकाकर्ता यहां सार्वजनिक हित में कार्य करने का दावा करता है।”
आगे कहा गया है, “न्यायिक कार्यवाही की एक श्रृंखला से, अब यह स्थापित हो गया है कि याचिकाकर्ता नंबर 1 (एनजीओ) कुछ चुनिंदा राजनीतिक हित के इशारे पर अपने दो पदाधिकारियों के माध्यम से अपने नाम का उपयोग करने की अनुमति देता है और इस तरह की गतिविधि से कमाई भी करता है।
केंद्र ने याचिकाकर्ता के लोकस स्टैंडी पर सवाल उठाते हुए कहा कि तत्काल याचिका में की गई प्रार्थना अन्य याचिका में भी की गई है, जिसकी जांच इस अदालत द्वारा की जाएगी, जो सभी आवश्यक और प्रभावित पक्षों को सुनने के अधीन होगी।
एनजीओ ने उत्तर प्रदेश सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पारित कानूनों को चुनौती दी है। गुजरात और मध्य प्रदेश सरकारों ने अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं, जिसमें संबंधित उच्च न्यायालयों के धर्मातरण पर उनके कानून के कुछ प्रावधानों पर रोक लगाने के अंतरिम आदेशों को चुनौती दी गई है।
सोमवार को सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने दलील दी कि राज्य के कानूनों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर संबंधित जजों को सुनवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “मुझे इन याचिकाओं पर गंभीर आपत्ति है।”
वरिष्ठ अधिवक्ता सी.यू. एनजीओ सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस का प्रतिनिधित्व कर रहे सिंह ने कहा कि इन राज्य कानूनों के कारण लोग शादी नहीं कर सकते और स्थिति बहुत भयावह हो सकती है।
जमीयत उलमा-ए-हिंद ने भी मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के धर्मातरण विरोधी कानूनों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। मुस्लिम संगठन ने तर्क दिया कि ऐसे कानून अंतर्धार्मिक विवाह करने वाले दंपतियों को ‘परेशान’ करने और उन्हें आपराधिक मामलों में फंसाने के लिए बनाए गए हैं।
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने स्थानांतरण याचिका सहित सभी मामलों की सुनवाई शुक्रवार को तय की।
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक नया आवेदन दायर किया गया है, जिसमें आग्रह किया गया है कि कथित जबरन धर्मातरण से जुड़े मामलों को पांच न्यायाधीशों की एक बड़ी पीठ द्वारा उठाया जाए, क्योंकि वे संविधान की व्याख्या से जुड़े हैं। ताजा आवेदन अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर किया गया है, जो याचिकाकर्ताओं में से एक है।
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने सोमवार को एक प्रॉपर्टी डीलर से रंगदारी मांगने, मारपीट करने और अपहरण करने के मामले में माफिया पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके बेटे उमर अहमद की आरोप मुक्त करने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हिन्दुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर सोमवार को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा. शिंदे ने यह भी कहा कि शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी राज्य भर में ‘सावरकर गौरव यात्रा’ निकालेगी.
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उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ संवाददाताओं को संबोधित कर रहे मुख्यमंत्री शिंदे ने इन टिप्पणियों का विरोध करने के लिए ठाकरे से ‘हिम्मत’ दिखाने को कहा.
शिंदे ने कहा कि ठाकरे नीत पार्टी ने पिछले सप्ताह लोकसभा सदस्य के रूप में राहुल गांधी को अयोग्य ठहराए जाने के विरोध में कांग्रेस का समर्थन करने के साथ ही सारी सीमाएं लांघ दीं.
गौरतलब है कि 2019 में चुनावी रैली के दौरान की गई एक टिप्पणी को लेकर दायर मानहानि के फौजदारी मुकदमे में गुजरात के सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को 23 मार्च को दो साल कैद की सजा सुनाई थी. अगले ही दिन उन्हें सजा सुनाए जाने के दिन से लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया.
शिंदे ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ऐसे में जब आप (ठाकरे) कहते हैं कि सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे, आप क्या करने वाले हैं. आपको हिम्मत दिखाने की जरूरत है.”
शिंदे ने कहा कि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने 2004 में सावरकर के खिलाफ तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के बयान पर उनके खिलाफ ‘जोडा मारा अभियान ‘(चप्पल मारो अभियान) चलाया था.
शिंदे ने आरोप लगाया, ‘‘जो हिन्दुत्व की बात करते हैं, उनके विधायक कह रहे हैं कि सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे, वह राजनीति और महा विकास आघाड़ी के लिए चुप हैं. यह दोहरा मानदंड है.” रविवार को एक रैली में ठाकरे ने कहा था कि वह सावरकर को अपना ‘‘आदर्श” मानते हैं और गांधी से उनका ‘अपमान’ करने से बचने को कहा.
Tendua Ka Video: बिगड़ती लाइफ स्टाइल और बिजी शेड्यूल के चलते आज के समय में ज्यादातर लोग खुद के लिए भी समय नहीं निकाल पाते. ऐसे में इसका सीधा असर उनके बॉडी पर आसानी से देखने को मिल जाता है. सुबह उठकर रोजाना रूटीन से योग और एक्सरसाइज करना आपके शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बेहद जरूरी है. यूं तो सोशल मीडिया पर योग और एक्सरसाइज के कई तरह के वीडियोज आए दिन देखने को मिलते रहते हैं, जो आपके लिए काफी कारगर भी साबित हो सकते हैं. हाल ही में सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही वीडियो सामने आ रहा है, जिसमें एक तेंदुआ कुछ मूव्स करता नजर आ रहा है, जिसे देखकर ऐसा लग रहा है, मानो वो सुबह की शुरुआत एक्सरसाइज से कर रहा हो.
हाल ही में वायरल तेंदुए का यह वीडियो सोशल मीडिया पर हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है. इस वीडियो को देखकर ऐसा लग रहा है, मानो तेंदुआ कसरत कर रहा हो. वहीं कुछ यूजर्स ये तुक्का लगा रहे हैं कि, शिकार से पहले खुद को लचीला बनाने के लिए तेंदुआ स्ट्रेचिंग कर रहा है. तेंदुए के इस वीडियो को देखकर यूजर्स भी हक्के बक्के रह गए हैं. यूं तो इंटरनेट पर तेंदुए से जुड़े कई वीडियोज आए दिन देखने को मिलते रहते हैं, लेकिन इस वीडियो को देखकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे.
महज 27 सेकंड के इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर इस वीडियो को @TheFigen_ नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है, जिसे खूब देखा और पसंद किया जा रहा है. इस वीडियो को अब तक 147.9K व्यूज मिल चुके हैं, जबकि 4 हजार से ज्यादा लोग इस वीडियो को लाइक कर चुके हैं. वीडियो को देख यूजर्स तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, ‘वर्कआउट और काम के लंबे दिन से पहले स्ट्रेचिंग जरूरी है, तेंदुए को यह आश्चर्यजनक रूप से कैसे पता है.’