Connect with us

TRENDING

“देश में नीतियों और लोगों की कड़ी मेहनत दोनों में ‘ट्रस्ट सरप्लस’ झलकता है”: PM मोदी

Published

on



मोदी ने भारत की ‘विश्वास की कमी’ से ‘बेहद भरोसे’ तक की यात्रा के बारे में बात की. मोदी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि भारत ऐसा देश है जहां लोग अपनी सरकार पर बहुत ज्यादा भरोसा करते हैं. उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्षों में भारत के लोगों ने बड़े बदलाव संभव कर दिखाये हैं. मोदी ने कहा कि भारत के लोगों ने देश को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकमान्य तिलक स्वतंत्र प्रेस के महत्व को समझते थे. मोदी ने कहा, “उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम की दिशा बदल दी. अंग्रेज उन्हें भारतीय अशांति का जनक कहते थे.” मोदी ने कहा, आज देश हर क्षेत्र में खुद पर विश्वास कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि आज अगर किसी विदेशी आक्रमणकारी के नाम पर बनी सड़क का नाम बदल दिया जाता है तो कुछ लोग असहज हो जाते हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी रहे लोकमान्य तिलक के नाम पर पुरस्कार पाकर वह सम्मानित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तिलक के जीवन से हम अनेक चीजें सीख सकते हैं. मोदी ने कहा, ‘तिलक की भगवद गीता में बहुत आस्था थी. अंग्रेजों ने उन्हें मांडले जेल भेज दिया था, लेकिन वहां भी उन्होंने भगवद गीता का अपना अध्ययन जारी रखा और गीता रहस्य लिखा तथा लोगों को कर्म की शक्ति से परिचित कराया.’

उन्होंने कहा कि तिलक ने इस बात पर जोर दिया कि लोग खुद पर विश्वास करें. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘वह उन्हें खुद पर विश्वास दिलाते थे. उस समय जब लोगों ने यह मान लिया था कि गुलामी की जंजीरों को तोड़ना भारत के लिए असंभव है, तो उन्होंने लोगों को स्वतंत्रता का विश्वास दिलाया. उन्हें हमारी परंपराओं पर विश्वास था, उन्हें हमारे लोगों, श्रमिकों पर विश्वास था, उन्हें भारत के समार्थ्य पर विश्वास था.

मोदी ने कहा कि अविश्वास के माहौल में देश का विकास संभव नहीं है. उन्होंने कहा, ‘कल, मुझे मनोज पोचाट नामक व्यक्ति ने ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने मुझे 10 साल पहले की मेरी पुणे यात्रा की याद दिलाई. मैंने तब फर्ग्यूसन कॉलेज में विश्वास की कमी के बारे में बात की थी. आज, उन्होंने मुझसे विश्वास की कमी से विश्वास में बढ़ोतरी तक की यात्रा के बारे में बोलने का अनुरोध किया था.” प्रधानमंत्री ने कहा, ” आज भारत में बेहद भरोसा (ट्रस्ट सरप्लस) पॉलिसी में भी दिखाई देता है और देशवासियों के परिश्रम में भी झलकता है.”

उन्होंने कहा, ‘ बीते नौ वर्षों में भारत के लोगों ने बड़े-बड़े बदलावों की नींव रखी, बड़े-बड़े परिवर्तन करके दिखाए. यही कारण है कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया. ये भारत के लोग हैं जिन्होंने इसे संभव बनाया.’ उन्होंने कहा कि लोकमान्य तिलक में युवा प्रतिभा को पहचानने की अद्वितीय क्षमता थी और (दिवंगत हिंदुत्व विचारक) वीर सावरकर इसका एक उदाहरण हैं.

मोदी ने कहा कि तिलक को वीर सावरकर की क्षमता का एहसास हुआ और उन्होंने विदेश में उनकी शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने कहा, ‘जब किसी पुरस्कार का नाम लोकमान्य तिलक के नाम पर रखा जाता है, तो जिम्मेदारी बढ़ जाती है.’ मोदी ने कहा कि तिलक लोगों को संबोधित करने के लिए अहमदाबाद गए थे और 40,000 से ज्यादा लोग उन्हें सुनने आए थे.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘उनमें (सरदार वल्लभभाई) पटेल भी थे, जिन पर उनके भाषण का गहरा प्रभाव पड़ा. बाद में, पटेल अहमदाबाद नगर निगम के अध्यक्ष बने. उनकी सोच को देखिए. उन्होंने अहमदाबाद में तिलक की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया और इसके लिए विक्टोरिया गार्डन को चुना, जो महारानी विक्टोरिया की याद में बनाया गया था.”मोदी ने कहा कि पटेल को काफी विरोध का सामना करना पड़ा क्योंकि उन्हें रोकने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने संकल्प लिया कि अगर गार्डन में तिलक की प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति नहीं दी गई तो वह अपना पद छोड़ देंगे.

उन्होंने कहा, “अंततः प्रतिमा स्थापित की गई और 1929 में महात्मा गांधी ने तिलक की प्रतिमा का अनावरण किया. अहमदाबाद में रहते हुए मुझे कई बार इस प्रतिमा के दर्शन करने का अवसर मिला.” मोदी ने कहा कि कोई कल्पना कर सकता है कि गुलामी के समय में सरदार पटेल ने ‘देश के बेटे’ के लिए ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती दी थी. उन्होंने कहा, ‘आज के परिदृश्य में, अगर किसी विदेशी आक्रमणकारी के नाम पर बनी सड़क का नाम किसी भारतीय व्यक्तित्व के नाम पर रखा जाता है, तो कुछ लोग हल्ला मचाने लगते हैं, उनकी नींद खराब हो जाती है.’

मोदी ने कहा, ‘कोविड-19 महामारी के दौरान, भारत ने अपने वैज्ञानिकों पर विश्वास किया और उन्होंने एक भारतीय वैक्सीन बनाई और पुणे ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हम ‘आत्मनिर्भर भारत’ के बारे में बात कर रहे हैं क्योंकि हम जानते हैं कि भारत ऐसा कर सकता है.’मोदी ने कहा कि उन्होंने लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार के साथ मिले एक लाख रुपये नमामि गंगे परियोजना के लिए दे दिए हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा, “आज देश के आम आदमी को बिना गारंटी का मुद्रा लोन दे दिया जा रहा, क्योंकि हमें उसकी ईमानदारी पर, उसकी कर्तव्यशक्ति पर विश्वास है. पहले छोटे-छोटे कामों के लिए आम लोगों को परेशान होना पड़ता था. आज ज़्यादातर काम मोबाइल पर एक क्लिक पर हो रहे हैं.”उन्होंने कहा, “इससे देश में एक अलग माहौल बन रहा है, एक सकारात्मक वातावरण तैयार हो रहा है. और हम देख रहे हैं कि विश्वास से भरे हुए देश के लोग, देश के विकास के लिए कैसे खुद आगे बढ़कर काम कर रहे हैं. स्वच्छ भारत आंदोलन को इस जन विश्वास ने ही जन आंदोलन में बदला. बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को इस जन विश्वास ने ही जन आंदोलन में बदला.”

उन्होंने कहा, “आजादी के 75 वर्ष बाद, देश अपने अमृतकाल को कर्तव्यकाल के रूप में देख रहा है. हम देशवासी अपने-अपने स्तर से देश के सपनों और संकल्पों को ध्यान में रखकर काम कर रहे हैं. इसीलिए, आज विश्व भी भारत में भविष्य देख रहा है. हमारे प्रयास आज पूरी मानवता के लिए एक आश्वासन बन रहे हैं.”मोदी ने कहा कि लोकमान्य तिलक के आशीर्वाद से, उनके विचारों की ताकत से हम एक सशक्त और समृद्ध भारत के अपने सपने को जरूर साकार करेंगे.

इस अवसर पर पवार ने कहा कि भारत में पहली ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ छत्रपति शिवाजी के कार्यकाल में हुई थी. राकांपा नेता ने कहा कि देश ने दो युग देखे हैं- एक तिलक का और दूसरा महात्मा गांधी का. मंच पर पवार के अलावा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और कांग्रेस के नेता सुशील कुमार शिंदे भी मौजूद थे.

ये भी पढ़ें- :

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Featured Video Of The Day

हम भारत के लोग: गोलियां चली, फेंके पत्थर…नूंह में हुई हिंसा का जिम्मेदार कौन?



Source link

TRENDING

BJP ने नफरत का इनाम दिया, कम से कम थोड़ी मर्यादा तो…; बिधूड़ी को जिम्मेदारी मिलने पर भड़के दानिश अली

Published

on

By



अली के अनुसार, भाजपा के लोग समझते हैं कि इस कदम से वे बहुसंख्यक समाज के मतों को एकजुट कर लेंगे, ऐसा नहीं होगा क्योंकि देश के आम लोग इस तरह की भाषा को कभी स्वीकार नहीं करते।



Source link

Continue Reading

TRENDING

महाराष्ट्र में गणेश विसर्जन की धूम, भक्तों की लगी भीड़

Published

on

By


Image Source : INDIA TV
महाराष्ट्र में गणेश विसर्जन की धूम

महाराष्ट्र: पूरे देश में बड़े ही धूम-धाम के साथ गणेश विसर्जन का त्योहार मनाया जा रहा है। महाराष्ट्र की सड़कों पर भी भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। विसर्जन के दौरान अभिनेता और नेता से लेकर आम आदमी, हर कोई धूम-धाम के साथ अपने प्यारे गणपति को विदाई देता है और उनसे अगले साल फिर से आने के लिए आग्रह करता है।

मुंबई में विसर्जन की धूम

आज अनंत चतुर्दशी है और ऐसे पावन मौके पर पूरे महाराष्ट्र में गणपति बप्पा को विदाई देने के लिए लोग अपने घरों से निकलकर चौपाटी पहुंच रहे हैं। इस दौरान लोग बड़े मंडलों समेत ङर घर में विराजे गणपति बप्पा की मूर्तियां लेकर चौपाटी में विसर्जन के लिए पहुंच रहे हैं। इस दौरान चौपाटी पर भक्तों की काफी भारी भीड़ देखने को मिल रही है।

चौपाटी पर भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस ने एंट्रेंस पर बैरिकेंडिंग कर दी है। इसके अलावा पुलिस ने दादर चौपाटी पर नजर रखने के लिए एक वाच टावर भी बनाया है। मूर्तियों के विसर्जन के लिए चौपाटी पर लाइफ गार्ड और वालंटियर मौजूद हैं। 

महाराष्ट्र के पूर्व CM भी विसर्जन करने पहुंचे

गणपति बप्पा को विदाई देने के लिए हर कोई चौपाटी पहुंच रहा है। इस दौरान महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चौहान भी अपने परिवार के साथ गणपति बप्पा का विसर्जन करने पहुंचे। अशोक चौहान ने अपने परिवार के साथ गणपति बप्पा के जयकारे लगाते हुए उन्हें विदाई दी।

आपको बता दें कि गणपति बप्पा को विदाई देने के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि, बप्पा को विदाई देते समय काफी दुख हो रहा है।

नागपुर में विसर्जन शुरू

नागपुर शहर में प्रशासन ने गणपति विसर्जन के लिए लोगों को 2 बजे का समय दिया था। 2 बजते ही पूरे शहर में गाना और बाजे के साथ सभी भक्त भगवान गणेश की विदाई के लिए निकल गए। 

इस साल नागपुर में करीब 3 लाख घरों में भगवान गणेश विराजमान थे। इसके अलावा करीब 1212 सार्वजनिक मंडलों में भगवान गणेश की स्थापना की गई थी। 

नागपुर के राजा रेशम बाग से विसर्जन के लिए निकले

जिस तरह एक राजा शहर का भ्रमण करने के लिए निकलता है और उसे देखने के लिए जनता सड़क किनारे खड़ी रहती है, कुछ इसी तरह का दृश्य दिखा जब रेशम बाग के पंडाल से नागपुर के राजा विसर्जन के लिए निकलें। 1 बजे शुरू हुई इस यात्रा के दौरान नागपुर के राजा करीब 22 किमी की यात्रा तय कर विसर्जन के लिए जाएंगे।

आपको बता दें कि नागपुर के राजा की विशेषता यह है कि हर साल उनकी ऊंचाई एक इंच बढ़ा दी जाती है। यह उनका 26वां वर्ष है। नागपुर के राजा का स्वर्ण आभूषणों से श्रृंगार किया जाता है और अगले बरस तू जल्दी आ के नारों के साथ लोग हाथ जोड़कर उन्हें विदाई देते हैं।

ये भी पढ़ें-

मुंबई में मराठी महिला को घर न देने पर बवाल, संजय राउत ने सीएम शिंदे से पूछा- इतनी हिम्मत कहां से आई

महाराष्ट्र में सरकारी कर्मचारियों को पांच दिन का अवकाश, जानिए क्या है इसकी वजह

 





Source link

Continue Reading

TRENDING

First Aid for Heart Attack | हार्ट अटैक आने पर ऐसे करें फस्ट एड | हार्ट अटैक का प्राथमिक उपचार क्या है?

Published

on

By



दिल का दौरा पड़ने पर 15 मिनट या इससे ज्यादा देर तक चेस्ट पेन हो सकता है. कुछ लोगों को यह दर्द हल्का होता है जबकि कुछ लोग तेज दर्द महसूस करते हैं. यह असहजता आम तौर पर लोगों को दिल पर दबाव या भारीपन के रूप में महसूस होती है. हालांकि कुछ लोगों को इस तरह के कोई लक्षण महसूस नहीं होते हैं. औरतों में लक्षण और भी अलग किस्म के जैसे उल्टी या बैक पेन के रूप में सामने आते हैं.

Read this also: World Heart Day 2023: दिल की बीमारी के क्या हैं संकेत? जानिए कारण और बचाव के उपाय

क्या होता है जब हार्ट अटैक आता है (Symptoms of Heart attack)


किसी को जब दिल का दौरा (Heart attack) पड़ता है तो सामान्य तौर पर छाती में दर्द, दबाव, टाइटनेस या छाती के सेंटर में भिंचे जाने या तेज दर्द का अनुभव होता है. दर्द और डिसकफंर्टनेस कंधों, बाहें पीठ, गर्दन, जबड़े, दांतों और कभी कभी पेट के ऊपरी भाग में फैलता महसूस होता है. उलटी, अपच, हार्ट में जलन या पेट में दर्द महसूस हो सकता है. सांस उखड़ने लगती है. पसीना आने लगता है और चक्कर या बेहोशी महसूस होती है.

Read this also: World Heart Day 2023: कब है वर्ल्ड हार्ट डे, जानिए इतिहास, इस साल की थीम और महत्व

क्या करें जब किसी को दिल का दौरा पड़े (First Aid for Heart attack)

1. आपातकालीन नंबर पर कॉल करें (Call Emergency Number)

अगर आप में या किसी और में हार्ट अटैक लक्षण नजर आएं तो उनकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए, सबसे पहले आपातकालीन नंबर पर कॉल कर मेडिकल सेवा या एंबुलेंस बुलानी चाहिए. ऐसी सुविधा नहीं न तो तो किसी दोस्त, परिचित या पड़ोसी की मदद से तत्काल नजदीकी अस्पताल पहुंचने की व्यवस्था करें

2. एस्प्रिन चबाएं और निगल लें (Chew Aspirin)

आपातकालीन सेवा के आप तक पहुंचने तक  एस्प्रिन ब्लड को क्लॉट होने से रोकने में मदद कर सकती है. यह हार्ट अटैक के डैमेज को कम कर सकती है. हालांकि एस्प्रिन से एलर्जी होने के मामले में इसे नहीं लेना चाहिए.

3. नाइट्रोग्लिसरीन लें (Take Nitroglycerin)

अगर आपको लगता है कि आपको हार्ट अटैक आया है और आपके डॉक्टर ने आपको नाइट्रोग्लिसरीन प्रिस्क्राइब किया है तो तत्काल नाइट्रोग्लिसरीन लें.

4. अगर पीड़ित बेहोश है तो सीपीआर दें (Being CPR if person is unconscious)

अगर पीड़ित बेहोश् हो गया हो, सांस नहीं ले पा रहा हो या उसकी पल्स नहीं चल रही हो तो तो उसे सीपीआर देना चाहिए.

5. एइडी का उपयोग( Use AED)

अगर एइडी उपलब्ध हो तो डिवाइस के इंस्ट्रक्शन को फॉलो करते हुए उसे उपयोग करना चाहिए.

Gym से पहले कर लिया ये काम, तो कोसों दूर रहेगा Heart Attack | Dr Vikas Thakran (Cardiology), Watch Video- 

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)



Source link

Continue Reading