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धूल प्रदूषण नियंत्रित करने दिल्ली सरकार ने उतारी 150 मोबाइल एंटी स्मॉग गन |
बीएस संवाददाता / नई दिल्ली 10 25, 2022 |
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दिल्ली में इस दीवाली भी प्रदूषण की मार पड़ी है और प्रदूषण स्तर बहुत खराब श्रेणी में रहा। हालांकि राहत की बात ये रही कि प्रदूषण का स्तर पिछली दीवाली से कम रहा। दीवाली के अगले दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बीते 5 साल के दौरान सबसे कम रहा। दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आज से 150 मोबाइल एंटी स्मॉग गन चलाने की शुरुआत कर दी है। इस बीच, बीते डेढ़ माह के दौरान पराली जलाने की घटनाओं में कमी दर्ज की गई है।
आग लगने की घटनाएं बढ़ी
दीवाली पर इस बार आग लगने की घटनाएं ज्यादा हुई। जानकारों के मुताबिक इस साल दीवाली पर पिछले साल की तुलना में कम पटाखे चलने के साथ हवा चलने के कारण प्रदूषण स्तर में कमी आई है। हालांकि आतिशबाजी पर प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली के कई हिस्सों में लोगों ने पटाखे चलाए, लेकिन पिछले दो वर्षों की तुलना में इसकी तीव्रता कम दिखाई दी।
दीवाली की अगली सुबह 5 साल में सबसे कम प्रदूषित
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि इस साल दीवाली की अगली सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बीते 5 साल में सबसे कम रहा है। पिछली दीवाली की तुलना में इस सूचकांक में करीब 30 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। दिल्ली में इस साल दीवाली की अगली सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक 326 दर्ज किया गया। वर्ष 2021 में दीवाली की अगली यह सूचकांक 462, वर्ष 2020 में 435, 2019 में 367 और वर्ष 2018 में 390 था।
पड़ोसी शहरों का AQI बहुत खराब श्रेणी में रहा
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली का AQI दोपहर 12:30 बजे 317 था। पडोसी शहरों में इस समय गाजियाबाद का यह सूचकांक 270, नोएडा का 305, गुरुग्राम का 307 और फरीदाबाद का 305 था। पड़ोसी शहरों के वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब से बहुत खराब श्रेणी के दायरे में रहे हैं। शून्य से 50 के बीच AQI को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ तथा 401 और 500 के बीच AQI को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।
CPCB के मुताबिक सोमवार को दीवाली पर दिल्ली का AQI 4 साल में सबसे अच्छा था और इस त्योहार की तारीख के लिए 7 साल में दूसरा सबसे अच्छा था। हवा की गुणवत्ता रात में गिर गई जब राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में पाबंदी के बावजूद पटाखे चलाए गए। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के अनुसार आधी रात को दिल्ली का एक्यूआई 365 के साथ बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया। दिल्ली में पिछली दीवाली पर एक्यूआई 382 दर्ज किया, जो ‘गंभीर’ से कुछ ही कम था। सीपीसीबी के अनुसार 2020 में एक्यूआई 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 दर्ज किया गया था।
मोबाइल एंटी स्मॉग गन रोकेंगी धूल प्रदूषण
दिल्ली सरकार ने सर्दियों में बढ़ने वाले खासकर धूल प्रदूषण को कम करने के लिए आज से मोबाइल एंटी स्मॉग गन चलाने की शुरुआत की है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि पिछले साल सर्दियों में धूल प्रदूषण को रोकने के लिए 10 मोबाइल एंटी स्मॉग गन चलाए गए थे। जिसके अच्छे परिणाम सामने आए। इसलिए दिल्ली सरकार ने इस साल सभी 70 विधानसभाओं में ये गन चलाने का निर्णय लिया है और आज से दिल्ली में धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 150 मोबाइल एंटी स्मॉग गन की शुरुआत की गई है। ये मोबाइल एंटी स्मॉग गन पानी का छिड़काव कर धूल प्रदूषण के कारण बढ़ने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद करेंगे। मोबाइल एंटी स्मॉग गन वाली गाड़ियों में 7,000 लीटर पानी भंडारण की क्षमता है। राय ने कहा कि ये गाडियां सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे चलेंगी। ज्यादा प्रदूषण वाले स्थानों पर अतिरिक्त मोबाइल एंटी स्मॉग गन की व्यवस्था की गई है।
पराली जलने की घटनाओं में आई कमी
इस बार पराली जलने की घटनाओं में कमी देखी जा रही है। प्रदूषण बढ़ने में पराली जलना भी एक महत्वपूर्ण कारक है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा धान के अवशेष जलाने की घटनाओं की वास्तविक समय की निगरानी के अनुसार धान उगाने वाले 6 राज्यों मसलन पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली में 15 सितंबर से 25 अक्टूबर के बीच 7,842 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गईं। पिछले साल इसी अवधि के दौरान 8,762 पराली जलने के मामले दर्ज किए गए थे। जाहिर है इस अवधि में पराली जलने के मामलों में करीब 10 फीसदी गिरावट आई है।
सोमवार को पंजाब ने एक ही दिन में सीजन के सबसे अधिक पराली जलाने के 10,19 मामले दर्ज किए गए। हालांकि ये मामले पिछले साल दीवाली के दिन से काफी कम है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के मुताबिक दीवाली पर पंजाब में कम पराली जली, जबकि हरियाणा और उत्तर प्रदेश में ज्यादा जली। पंजाब में इस दीवाली 1,019 पराली जलने की घटनाएं दर्ज की गई, जबकि पिछली दीवाली पर 3,032 घटनाएं हुई थी। इस अवधि में हरियाणा में पराली जलने की घटनाएं 123 से बढ़कर 215 और उत्तर प्रदेश में 228 से 250 हो गई।
इस दीवाली 32 प्रतिशत बढ़ी आग की दुर्घटनाएं
दिल्ली में इस दीवाली पर आग लगने की घटनाएं पिछली दीवाली से अधिक दर्ज की गई दिल्ली अग्निशमन विभाग को दीवाली के अवसर पर आग लगने की घटनाओं से संबंधित 201 कॉल मिलीं, जो पिछले साल की तुलना में 32 प्रतिशत अधिक हैं। विभाग को 2021 में 152, 2020 में 205, 2019 में 245, 2018 में 271, 2017 में 204, 2016 में 243 और 2015 में 290 कॉल मिलीं थीं। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार शाम पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर इलाके में एक कपड़ा फैक्टरी में भी आग लग गई। कारखाने की तीसरी मंजिल से चार लोगों को बचाया गया, जबकि आग बुझाने के अभियान में एक दमकलकर्मी को मामूली चोटें आईं हैं। उत्तर पश्चिमी दिल्ली के प्रशांत विहार इलाके में एक रेस्तरां में भी आग लग गई।