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दिल्ली हाईकोर्ट ने डीएमडी, हंटर सिंड्रोम जैसे रोगों के मुफ्त इलाज की मांग पर एम्स से मांगा जवाब

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AIIMS Delhi

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी), हंटर सिंड्रोम जैसी दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित बच्चों के मुफ्त इलाज से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई की और ऐसी बीमारियों का इलाज बहुत महंगा होने के कारण अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से एक हलफनामा दाखिल करने को कहा। पिछले साल 22 दिसंबर को न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की एकल-न्यायाधीश पीठ ने केंद्र को तुरंत 5.35 करोड़ रुपये जारी करने का निर्देश दिया था, ताकि ऐसी दुर्लभ बीमारियों के इलाज में मदद करने वाली दवाओं के लिए नैदानिक परीक्षण सक्षम किया जा सके।

चौंकाने वाला जवाब है: न्यायमूर्ति सिंह

उन्होंने कहा था, “अदालत का मानना है कि दुर्लभ बीमारियों वाले बच्चों के इलाज को ‘राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण परियोजना’ माना जाना चाहिए, क्योंकि पीड़ित बच्चों के सामने बड़ी समस्या है।” एम्स की डॉ. कनिका ने कोर्ट को बताया कि टेंडर दे दिया गया है और राशि सितंबर 2023 में जारी कर दी जाएगी। इस पर, न्यायमूर्ति सिंह ने टिप्पणी की, “यह चौंकाने वाला जवाब है, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि एम्स इस तरह का व्यवहार कर रहा है।”

अदालत ने तब डॉक्टर को सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया और मामले को 10 दिनों के बाद समीक्षा के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

MOU पर हस्ताक्षर किए गए थे

याचिकाकर्ता, जिसने डीएमडी और हंटर सिंड्रोम जैसी दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित बच्चों को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने के लिए दिशा-निर्देश मांगा था, ने पहले जस्टिस सिंह को सूचित किया था कि दुर्लभ बीमारियों के इलाज के स्वदेशी विकास के संबंध में जनवरी 2021 में बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल और हनुगेन थेराप्यूटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे।

क्या हुआ था समझौता?

समझौता ज्ञापन के अनुसार, हनुगेन द्वारा डीएमडी रोगियों के संबंध में चिकित्सीय मूल्यांकन के लिए एक बहुकेंद्रित अध्ययन किया जाएगा। हालांकि, हाईकोर्ट ने कहा था कि समझौते के अनुसार, अध्ययन का 50 प्रतिशत केंद्र द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा, जबकि शेष कंपनी से आएगा।

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‘हिना’ से सुपरस्टार बनी पाकिस्तानी एक्ट्रेस जेबा बख्तियार अब दिखती हैं ऐसीं, पहचानना होगा मुश्किल

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साल 1991 में आई फिल्म ‘हिना’ में लीड रोल निभाने वाली एक्ट्रेस जेबा बख्तियार तो आपको याद ही होंगी. बेहद मासूम सा चेहरा, खूबसूरत सी मुस्कान और काले घुंघराले बाल जेबा की बेपनाह सुंदरता को देख हर कोई उनका फैन बन गया था. फिल्म में ऋषि कपूर के साथ नजर आईं इस एक्ट्रेस का नाता पाकिस्तान से रहा है. ‘हिना’ इस पाकिस्तानी एक्ट्रेस की पहली फिल्म थी. इसके बाद भी उन्होंने कई एक फिल्मों में काम किया. क्या आप जानते हैं कि ये अभिनेत्री आज कहां है और अब कैसी दिखती हैं, चलिए आपको बताते हैं.

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जेबा बख्तियार के पिता याहया बख्तियार एक पाकिस्तानी वकील होने के साथ-साथ राजनेता भी थे. 5 नवंबर 1965 को पाकिस्तान में जन्मीं जेबा का असल नाम शाहीन है. जेबा ने पाकिस्तान के टीवी सीरियल अनारकली से अभिनय की दुनिया में कदम रखा.

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रणधीर कपूर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘हिना’ ने जेबा को खूब शोहरत और नाम दिया. इस फिल्म से सुपरस्टार बन चुकीं जेबा ने इसके बाद भी बॉलीवुड की कई फिल्में कीं, लेकिन उन्हें वो सफलता दोबारा नहीं मिली.

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जैकी श्रॉफ के साथ जेबा फिल्म ‘स्टंटमैन’ में और संजय दत्त के साथ ‘जय विक्रांता’ में नजर आईं, लेकिन उन्हें इन फिल्मों में वह पॉपुलैरिटी नहीं हासिल हुई, जो हिना में मिली थी.

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जेबा की पर्सनल लाइफ भी काफी चर्चा में रही थी. जेबा ने चार शादियां की. जेबा ने सलमान वलियानी से तलाक लेकर सिंगर अदनान सामी से शादी की. अदनान और जेबा का एक बेटा भी है, अजान शामी. इसके बाद जेबा ने जावेद जाफरी से शादी की और साल भर के अंदर की उनका तलाक हो गया.  

बॉलीवुड में करियर खत्म हो जाने के बाद वह पाकिस्तान चली गई और वहां सोहेल खान लेगानी नाम के शख्स से शादी की. जेबा इन दिनों पाकिस्तान में टीवी सीरियल डायरेक्ट कर रही हैं.





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White House एलन मस्क को नहीं करेगा पेमेंट, Twitter Blue Tick के लिए भुगतान करने से किया मना

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Image Source : फाइल फोटो
इस संबंध में ह्वाइट हाउस की तरफ से कर्मचारियों को एक मेल भी किया गया है।

Twitter Blue Tick: ट्विटर आज 1 अप्रैल से लीगेसी वेरिफाइड ब्लू चेक मार्क को हटाने को तैयार है लेकिन, व्हाइट हाउस ने अपने कर्मचारियों के आधिकारिक ट्विटर प्रोफाइल को वेरिफाई करने के लिए भुगतान न करने की बात कही है। एक्सियोस की एक रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस के डिजिटल रणनीति के निदेशक, रॉब फ्लेहर्टी ने ई-मेल से कर्मचारियों को इस संबंध में मेल भी किया है।

ई-मेल में लिखा है, हम समझते हैं कि ट्विटर ब्लू सेवा के रूप में स्तरीय सत्यापन प्रदान नहीं करता है। जरूरी नहीं है कि मार्गदर्शन सरकारी एजेंसियों पर लागू हो, लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक यह भविष्य में कुछ एजेंसियों और विभागों को मार्गदर्शन भेज सकता है।

व्हाइट हाउस के कुछ अधिकारी, जैसे राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति, ग्रे चेकमार्क के साथ वेरिफाई होते रहेंगे। अपने ईमेल में, फ्लेहर्टी ने कहा कि ट्विटर की नीतियों के अनुसार, यह अब उन फेडरल एजेंसी खातों के सत्यापन की गारंटी नहीं दे पाएगा, जो इसकी नई पात्रता आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते हैं।

ट्विटर ने ऑर्गनाइजेशन वेरिफिकेशन की घोषणा की

इस बीच, माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर ने शुक्रवार को घोषणा की कि उसकी ‘ऑर्गनाइजेशन वेरिफिकेशन सर्विस ग्लोबल स्तर पर उपलब्ध है। कंपनी के अनुसार, वेरिफाई ऑर्गनाइजेशन, संगठनों और उनके सहयोगियों के लिए माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर खुद को अलग करने का एक नया तरीका है।

खाते, जो संगठन से संबद्ध हैं, को व्यवसाय के लोगो के साथ उनकी प्रोफाइल पर एक संबद्ध बैज प्राप्त होगा, और उनका कनेक्शन दिखाते हुए ऑर्गनाइजेशन की ट्विटर प्रोफाइल पर भी प्रदर्शित किया जाएगा। कंपनी ने कहा, सत्यापित संगठनों में शामिल होने से पहले सभी संगठनों की जांच की जाती है।

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जयपुर ब्लास्ट केस: सचिन पायलट के तेवर से हिल गई गहलोत सरकार? बैकफुट पर गृह विभाग

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राजस्थान की गहलोत सरकार 2008 के जयपुर सीरियल ब्लास्ट मामले में बरी हुए आरोपियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर करेगी। सचिन पायलट के तेवर दिखाने के बाद गृह विभाग हिल गया।



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