दक्षिण कोरिया की सेना ने सोमवार को देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने वाले कई उत्तर कोरियाई ड्रोन पर हमले के लिए लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया और चेतावनी देते हुए गोलीबारी की। दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। पांच साल में यह पहली बार है, जब उत्तर कोरिया के मानवरहित विमानों (ड्रोन) ने दक्षिण कोरिया के हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया है। दक्षिण कोरिया के सैन्य अधिकारियों ने कहा कि दक्षिण कोरियाई सेना ने उत्तर कोरिया से सीमा पार कर आए पांच ड्रोन का पता लगाया, जिनमें से एक राजधानी क्षेत्र के उत्तरी हिस्से तक जा पहुंचा।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, उत्तर कोरिया के ड्रोन को मार गिराने के लिए दक्षिण कोरिया की सेना ने चेतावनी देते हुए गोलीबारी की और लड़ाकू विमान और हमलावर हेलीकॉप्टर भेजे। हमलावर हेलीकॉप्टरों से 100 गोलियां दागी गईं। हालांकि, यह तुरंत स्पष्ट नहीं है कि किसी उत्तर कोरियाई ड्रोन को मार गिराया गया या नहीं। मंत्रालय ने कहा कि जमीन पर आम लोगों को किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
एक हल्का लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त
रक्षा अधिकारियों ने कहा कि एक हल्का लड़ाकू विमान केए-1 उड़ान भरने के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, लेकिन इसके दोनों पायलट सुरक्षित बाहर निकल आए। उन्होंने कहा कि सियोल और इसके आसपास असैन्य हवाई अड्डों से अस्थायी रूप से उड़ान परिचालन रोकने को कहा गया है।
उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को कम दूरी की दो बैलिस्टिक मिसाइल दागी थीं। ऐसा 2017 के बाद पहली बार हुआ है, जब उत्तर कोरिया के ड्रोन दक्षिण कोरिया के हवाई क्षेत्र में घुसे हैं। इससे पहले 2017 में उत्तर कोरियाई ड्रोन दक्षिण कोरिया के हवाई क्षेत्र में घुस गए थे।
दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने पहले कहा था कि उत्तर कोरिया के पास लगभग 300 ड्रोन हैं। कई संदिग्ध उत्तर कोरियाई ड्रोन 2014 में दक्षिण कोरिया के सीमा क्षेत्र में देखे गए थे।
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कारिगल जंग के जिम्मेदार थे मुशर्रफ
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का दुबई के अस्पताल निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार थे। उन पर काफी लंबे समय से मुकदमा चल रहा था। राजद्रोह के मामले में उन्हें एक विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। वे लंबे समय से पाकिस्तान से बाहर ही रह रहे थे। लेकिन पिछले कुछ अरसे से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। ये विडंबना है कि वे पाकिस्तान के पहले ऐसे सैन्य शासक रहे, जिन्हें अब तक के इतिहास में मौत की सजा सुनाई गई थी।
भारत के खिलाफ कारगिल की जंग के लिए उन्हें कसूरवार माना जाता है। 1999 में जब कारगिल युद्ध हुआ, तब वे पाकिस्तान के सेना प्रमुख थे। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने करगिल युद्ध के बारे में तत्कालीन प्रधानमंत्री मियां नवाज शरीफ को भी अंधेरे में रखा था।
कारगिल जंग पर नवाज शरीफ को अंधेरे में रखा
नवाब शरीफ और तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री के बीच रिश्तों की बर्फ पिघल रही थी, अटलजी शांति की बस में सवार होकर लाहौर गए थे। लेकिन 1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ ने सैन्य तख्तापलट करके नवाज शरीफ को सत्ता से बेदखल कर दिया। उस समय नवाज शरीफ को पता ही नहीं चला, क्योंकि वे श्रीलंका में थे। इसके बाद मुशर्रफ ने कारगिल युद्ध शुरू कर दिया। हालांकि भारत ने मुशर्रफ के इरादों को नेस्तनाबूत कर दिया और कारगिल पर जीत हासिल कर ली थी।
नवाज शरीफ को हटाकर परवेज मुशर्रफ ने संभाली थी कमान
जनरल परवेज मुशर्रफ श्रीलंका में थे तो नवाज शरीफ ने शक के आधार पर सेनाध्यक्ष के पद से हटा दिया। शरीफ ने मुशर्रफ के स्थान पर जनरल अजीज को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बनाया। नवाज यहीं गलती कर बैठे और यह नहीं समझ पाए कि जनरल अजीज भी परवेज मुशर्रफ के ही वफादार हैं। आखिरकार शरीफ जिस सैन्य तख्तापलट की आशंका से घिरे थे वह हो ही गया।
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Pervez Musharraf Death: पाकिस्तान के सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ का दुबई में निधन हो गया है। मुशर्रफ करगिल युद्ध के वक्त पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख थे। उन्होंने ही सरकार को बिना बताए इस युद्ध की प्लानिंग की थी। बाद में मुशरर्फ को देश निकाला दिया गया और वह दुबई में जाकर बस गए थे।
अमेरिका ने चीनी जासूसी गुब्बारे को लड़ाकू विमान से मार गिराया है। इस घटना को दक्षिण कैरोलिना के नजदीक अटलांटिक महासागर में अंजाम दिया गया। चीनी जासूसी गुब्बारे का मलबा सात वर्ग मील के इलाके में फैला है। इसे इकट्ठा करने के लिए अमेरिकी नौसेना के कई युद्धपोत उस इलाके में पहले से ही मौजूद हैं।