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तेलंगाना राष्ट्र समिति का राष्ट्रीय पुनर्जन्म

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आदिति फडणीस /  10 14, 2022






महज कुछ समय पहले तक दिल्ली के समृद्ध इलाके में ​5, सरदार पटेल मार्ग वाला आवास खाली पड़ा था। परंतु इस वर्ष के आरंभ में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने इसे पट्टे पर ले लिया। बीआरएस दरअसल तेलंगाना राष्ट्र समिति यानी टीआरएस का परिवर्तित ​अ​खिल भारतीय स्वरूप है। 

मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार में शामिल होने के बाद हैदराबाद लौटते समय टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने दिल्ली में अपनी राष्ट्रीय पार्टी के अस्थायी कार्यालयों का निरीक्षण किया।

उन्होंने दिल्ली के महंगे इलाके वसंत विहार में 1,200 वर्ग मीटर के भूखंड का भी दौरा किया जो सरकार द्वारा आवंटित किया गया है और जहां पार्टी का स्थायी दिल्ली कार्यालय बनाया जा रहा है। उनके वास्तु विशेषज्ञ, विश्वस्त मंत्री और अफसरशाह भी उनके साथ थे। पार्टी के नेताओं को भारतीय निर्वाचन आयोग भेजा गया ताकि वह उसे सूचित कर सकें कि चुनाव चिह्न, पदा​धिकारी आदि सब समान हैं, बस टीआरएस का नाम अब बदलकर बीआरएस हो गया है।

कोविड के बावजूद तेलंगाना का प्रदर्शन बहुत अच्छा है। इस वर्ष फरवरी में वित्त मंत्री हरीश राव ने 2022-23 का बजट प्रस्तुत किया था जो आशा जगाने वाली तस्वीर पेश करता है। हालांकि हालात अभी भी बिगड़ सकते हैं। 2022-23 की राजस्व प्राप्तियों के 1.93 लाख करोड़ रुपये से अ​धिक रहने का अनुमान है। यह 2021-22 के संशो​धित अनुमानों में 24 फीसदी का इजाफा है। इसमें से 1.33 लाख करोड़ रुपये यानी करीब 69 प्रतिशत हिस्सा राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाया जाएगा जबकि शेष हिस्सा केंद्र की ओर से आएगा।

गैर कर राजस्व की बात करें तो 2022-23 में उसके 2021-22 के संशो​धित अनुमान से 13 फीसदी ज्यादा होने का अनुमान है। परंतु बजट अनुमान और 2021-22 के संशो​धित अनुमान का अंतर 33 फीसदी की गिरावट दिखाता है। ऐसा मुख्य तौर पर जमीन और संप​त्ति की बिक्री से होने वाले कम कर संग्रह के कारण हुआ राज्य सरकार का अनुमान है कि ऐसा कोविड के कारण हुआ।

अगर दुनिया में बच्चों के वस्त्र बनाने वाली दूसरी सबसे बड़ी कंपनी किटेक्स ने 2021-22 में जबरदस्त निवेश नहीं किया होता तो हालात शायद काफी खराब होते। किटेक्स ने केरल में ​वि​भिन्न प्रकार की दिक्कतों का हवाला देते हुए वहां से कारोबार समेट लिया और तेलंगाना के वारंगल जिले में अपना काम शुरू किया। इस निवेश के लिए नौ राज्यों के बीच होड़ थी।

कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक साबू जैकब की टीम को एक विशेष उड़ान के माध्यम से को​च्चि से हैदराबाद लाया गया और उसी शाम तेलंगाना के उद्योग मंत्री के टी रामा राव ने ट्वीट किया कि कंपनी वारंगल में 1,000 करोड़ रुपये का आरं​भिक निवेश करेगी। बच्चों के कपड़े बनाने वाली गैप और बनाना रिप​ब्लिक जैसी कंपनियां किटेक्स से ही खरीद करती हैं। ​गत वर्ष सितंबर में केरल के मलाबार समूह ने हैदराबाद में स्वर्ण और आभूषण निर्माण इकाई की स्थापना के जरिये 7,500 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की थी।

आने वाले दिनों में तेलंगाना जिसकी वजह से सुर्खियों में रहने वाला है वह है दुनिया का सबसे बड़ा औष​धि पार्क जो 190,000 एकड़ में स्थापित किया जा रहा है। यह हैदराबाद के ठीक बाहर ​स्थित है। चूंकि औष​धि उद्योग में प्रदूषण काफी अ​धिक होता है इसलिए शहर के बाहर होने के कारण इसे पर्यावरण संबंधी मंजूरी जल्दी मिल जाएगी। राज्य सरकार पहले ही इस बारे में जरूरी कदम उठा चुकी है। किसी भी कंपनी को केवल जमीन चिह्नित करके निर्माण शुरू करना होगा।

जब कोविड के कारण वुहान शहर को बंद किया गया था तब चीन से आने वाली औष​धि निर्माण सामग्री का आना भी बंद हो गया था। यह दोबारा न हो इसके लिए तेलंगाना के संयंत्र में एक अलग हिस्सा ऐसे ही घटकों तथा वि​शिष्ट रसायनों के लिए होगा। यह निर्णय वुहान में हुई बंदी के बाद लिया गया और यह बात तेलंगाना की चुस्ती दर्शाती है।

इन बातों का मतलब है ढेर सारे रोजगार। यही वजह है कि केसीआर को लगता है कि जो कुछ तेलंगाना के लिए कारगर साबित हुआ वह पूरे देश के लिए उपयुक्त हो सकता है। उनका मानना है कि तेलंगाना में अब ​स्थिरता है और अब बारी है पार्टी का प्रसार करने की।

केसीआर ने टीआरएस की स्थापना 2001 के जाड़ों में की थी। तब उन्होंने विधानसभा उपाध्यक्ष का पद छोड़ा था और तेलुगू देशम पार्टी से इस्तीफा दिया था। 2001 की गर्मियों में अविभा​जित आंध्र प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनाव हुए थे। टीआरएस का प्रदर्शन इतना शानदार रहा कि तेलुगू देशम पार्टी को 20 जिला परिषदों में से केवल 10 में जीत मिली। ऐसा तब हुआ जब कांग्रेस, टीआरएस और तेलुगू देशम के बीच त्रिकोणीय मुकाबला हुआ था। माहौल भांपते हुए कांग्रेस ने तत्काल टीआरएस के साथ लोकसभा चुनाव के लिए समझौता किया। केसीआर की रैलियों को खूब जनसमर्थन मिला। वर्ष 2004 में लोक सभा और विधानसभा चुनाव में दोनों दल मिलकर लड़े और पार्टी ने 26 विधानसभा और पांच लोकसभा सीट जीतीं।

उन्होंने कांग्रेस से तेलंगाना को राज्य का दर्जा देने की मांग जारी रखी। कांग्रेस टालमटोल करती रही। आखिरकार केसीआर ने गठबंधन सरकार से हाथ खींच लिए और श्रम मंत्री के पद से इस्तीफा देते हुए धमकी दी कि वह तेलंगाना के लोगों को धोखा देने के लिए कांग्रेस की पोल खोल देंगे। 2014 और 2018 में टीआरएस को विधानसभा चुनावों में जीत मिली।

उसके बाद से पार्टी को झटके भी लगे। 2019 में 17 लोकसभा सीट में से भाजपा को चार सीट ही हासिल हुईं लेकिन उसने केसीआर की बेटी के कविता को पराजित कर दिया। 2021 में हुजुराबाद उपचुनाव में भी भाजपा ने पार्टी को हरा दिया। शुरुआती उतारचढ़ाव वाले रिश्ते के बाद अब केसीआर और भाजपा कटु शत्रु हैं। मुनुगोड विधानसभा उपचुनाव 3 नवंबर को होना है और उससे हवा की दिशा का सही अंदाजा लगेगा।

इस बीच केसीआर कांग्रेस के अलावा हर विपक्षी दल से बात कर रहे हैं। बीआरएस की शुरुआत के वक्त उन्होंने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के रूप में वह पूरे देश में जाएंगे और इस बारे में किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक जीवंत भारत बनाने की जरूरत है और अगर संसाधनों का उचित इस्तेमाल किया जाए तो भारत अमेरिका से बेहतर हो सकता है। 

उन्होंने कहा कि वह पार्टी का देश भर में विस्तार करेंगे। बीआरएस का पहला निशाना महाराष्ट्र है, खासतौर पर किसान संगठन। उसके बाद हैदराबाद में देश भर के दलित संगठनों का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। विपक्ष की राजनीति एक और दिलचस्प मोड़ लेने जा रही है। 



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सेंसेक्स 400 अंक से अधिक गिर गया, निफ्टी 17,900 के नीचे बंद हुआ

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डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश का शेयर बाजार कारोबारी सप्ताह के पांचवे और आखिरी दिन (06 जनवरी 2023, शुक्रवार) गिरावट के साथ बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लाल निशान पर रहे। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सेंसेक्स 452.90 अंक यानी कि 0.75% की गिरावट के साथ 59,900.37 के स्तर पर बंद हुआ।

वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 132.70 अंक यानी कि 0.74% की गिरावट के साथ 17,859.45 के स्तर पर बंद हुआ।

आपको बता दें कि, सुबह बाजार सपाट स्तर पर खुला था। इस दौरान सेंसेक्स 77.23 अंक यानी कि 0.13% बढ़कर 60,430.50 के स्तर पर खुला था। वहीं निफ्टी 24.60 अंक यानी कि 0.14% बढ़कर 18,016.80 के स्तर पर खुला था।

जबकि बीते कारोबारी दिन (05 जनवरी 2023, गुरुवार) बाजार सपाट स्तर पर खुला था और गिरावट के साथ बंद हुआ था। इस दौरान सेंसेक्स 304.18 अंक यानी कि 0.50% गिरावट के साथ 60,353.27 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी 50.80 अंक यानी कि 0.28% गिरावट के साथ 17,992.15 के स्तर पर बंद हुआ था।



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सेंसेक्स में 77 अंकों की मामूली बढ़त, निफ्टी 18 हजार के पार खुला

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डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश का शेयर बाजार कारोबारी सप्ताह के पांचवे और आखिरी दिन (06 जनवरी 2023, शुक्रवार) भी सपाट स्तर पर खुला। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही हरे निशान पर रहे। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सेंसेक्स 77.23 अंक यानी कि 0.13% बढ़कर 60,430.50 के स्तर पर खुला।

वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 24.60 अंक यानी कि 0.14% बढ़कर 18,016.80 के स्तर पर खुला।

शुरुआती कारोबार के दौरान करीब 1205 शेयरों में तेजी आई, 679 शेयरों में गिरावट आई और 115 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।

आपको बता दें कि, बीते कारोबारी दिन (05 जनवरी 2023, गुरुवार) बाजार सपाट स्तर पर खुला था इस दौरान सेंसेक्स 44.66 अंक यानी कि 0.07% बढ़कर 60702.11 के स्तर पर खुला था। वहीं निफ्टी 17 अंक यानी कि 0.09% ऊपर 18060.00 के स्तर पर खुला था। 

जबकि, शाम को बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ था। इस दौरान सेंसेक्स 304.18 अंक यानी कि 0.50% गिरावट के साथ 60,353.27 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी 50.80 अंक यानी कि 0.28% गिरावट के साथ 17,992.15 के स्तर पर बंद हुआ था।



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पेट्रोल- डीजल की कीमतें हुईं अपडेट, जानें आज बढ़े दाम या मिली राहत

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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पेट्रोल- डीजल (Petrol- Diesel) की कीमतों को लेकर लंबे समय से कोई बढ़ा अपडेट देखने को नहीं मिला है। जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कई बार जबरदस्त तरीके से गिर चुकी हैं। हालांकि, जानकारों का मानना है कि, आने वाले दिनों में कच्चा तेल महंगा होने पर इसका असर देश में दिखाई दे सकता है। फिलहाल, भारतीय तेल विपणन कंपनियों (इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम) ने वाहन ईंधन के दाम में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है।

बता दें कि, आखिरी बार बीते साल में 22 मई 2022 को आमजनता को महंगाई से राहत देने केंद्र सरकार द्वारा एक्‍साइज ड्यूटी में कटौती की गई थी। जिसके बाद पेट्रोल 8 रुपए और डीजल 6 रुपए प्रति लीटर तक सस्‍ता हो गया था। इसके बाद लगातार स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। आइए जानते हैं वाहन ईंधन के ताजा रेट…

महानगरों में पेट्रोल-डीजल की कीमत
इंडियन ऑयल (Indian Oil) की वेबसाइट के अनुसार आज देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 96.72 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है। वहीं बात करें डीजल की तो दिल्ली में कीमत 89.62 रुपए प्रति लीटर है। आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल 106.35 रुपए प्रति लीटर है, तो एक लीटर डीजल 94.27 रुपए में उपलब्ध होगा। 

इसी तरह कोलकाता में एक लीटर पेट्रोल के लिए 106.03 रुपए चुकाना होंगे जबकि यहां डीजल 92.76 प्रति लीटर है। चैन्नई में भी आपको एक लीटर पेट्रोल के लिए 102.63 रुपए चुकाना होंगे, वहीं यहां डीजल की कीमत 94.24 रुपए प्रति लीटर है।   

ऐसे जानें अपने शहर में ईंधन की कीमत
पेट्रोल-डीजल की रोज की कीमतों की जानकारी आप SMS के जरिए भी जान सकते हैं। इसके लिए इंडियन ऑयल के उपभोक्ता को RSP लिखकर 9224992249 नंबर पर भेजना होगा। वहीं बीपीसीएल उपभोक्ता को RSP लिखकर 9223112222 नंबर पर भेजना होगा, जबकि एचपीसीएल उपभोक्ता को HPPrice लिखकर 9222201122 नंबर पर भेजना होगा, जिसके बाद ईंधन की कीमत की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

 



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