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बीएस संवाददाता / नई दिल्ली September 30, 2022 |
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कोरोना महामारी खत्म होने के बाद देश में घरों की बिक्री में बढोतरी जारी है। इस साल की तीसरी तिमाही में घरों की बिक्री में इजाफा हुआ। यह इजाफा घरों की निर्माण लागत बढ़ने और महंगे कर्ज के बावजूद होना आवासीय रियल एस्टेट उद्योग के लिए बड़ी राहत की बात है। कार्यालयीन संपत्ति के लेन देन में बढोतरी दर्ज की गई है।
संपत्ति सलाहकार फर्म नाइट फ्रैंक इंडिया द्वारा आज जारी रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में प्रमुख 8 शहरों में 73,691 घर बिके, जो पिछले साल की समान अवधि से 15 फीसदी ज्यादा हैं। साथ ही यह कोरोना महामारी पूर्व तिमाही की औसत बिक्री से 20 फीसदी अधिक है।
तीसरी तिमाही के दौरान सबसे ज्यादा 142 फीसदी वृद्धि अहमदाबाद में दर्ज की गई। मुंबई में घरों की बिक्री 35 फीसदी बढ़कर 21,450 एनसीआर में 21 फीसदी बढ़कर 11,014, पुणे में 14 फीसदी बढ़कर 10,899, हैदराबाद में 32 फीसदी बढ़कर 7,900, चैन्नई में 2 फीसदी बढ़कर 3,685 रही, जबकि कोलकाता में घरों की बिक्री 73 फीसदी घटकर 1,843 फीसदी रही।
इस साल के 9 महीने में 2,32,396 घर बिके, जो पिछले साल के 9 महीने में बिके 1,63,426 घरों की तुलना में 40 फीसदी अधिक हैं।
दिलचस्प है कि तीसरी तिमाही में एक करोड और इससे ज्यादा कीमत वाले 20,633 घर बिके, जो पिछली समान अवधि में बिके 14,082 घरों की तुलना में 46 फीसदी अधिक है। इसके परिणामस्वरूप 2022 की तीसरी तिमाही में इस कीमत वाले घरों की बिक्री का हिस्सा बढ़कर 28 फीसदी हो गया, जो एक साल पहले 22 फीसदी था। इसका श्रेय खरीदारों को बेहतर सुविधाओं के साथ बड़े रहने वाले स्थानों में अपग्रेड करने की आवश्यकता को दिया जा सकता है। 50 लाख रुपये से कम कीमत वाले घरों की हिस्सेदारी 43 फीसदी से घटकर 36 फीसदी रह गई। इस साल की तीसरी तिमाही के दौरान नये घरों की लांचिंग में भी बढोतरी हुई है। इस साल तीसरी तिमाही में 69,687 घर लांच हुए, जो पिछले साल की तीसरी तिमाही से 18 फीसदी अधिक हैं। मुंबई में सबसे ज्यादा 49 फीसदी अधिक घर लांच हुए।
महंगे हुए घर
देश के 8 प्रमुख शहरों में घरों की कीमतों में 3 से 10 फीसदी सालाना आधार पर वृद्धि दर्ज की गई। सबसे ज्यादा 10 फीसदी वृद्धि बेंगलुरु में हुई। इसके बाद 8 फीसदी एनसीआर, मुंबई, पुणे, चैन्नई और हैदराबाद में 6—6 फीसदी वृद्धि हुई, जबकि कोलकाता में 4 फीसदी और अहमदाबाद में 3 फीसदी घर महंगे हुए।
कार्यालयीन संपत्ति बाजार भी तेज
इस साल की तीसरी तिमाही में वाणिज्यिक कार्यालय क्षेत्र की बिक्री 7 तिमाही के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। इस वर्ष की तीसरी तिमाही में भारत के 8 प्रमुख शहरों में कार्यालयीन संपत्ति के लेन देन में 29 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई। इस दौरान इन शहरों में लेनदेन की मात्रा 161 लाख वर्ग फुट रही। जो कोरोना पूर्व स्तर 2019 के पहले के औसत तिमाही लेन देन से भी 6 फीसदी अधिक है। भारत में सबसे बड़े कार्यालय बाजार बेंगलुरु की तीसरी तिमाही में कुल कार्यालयीन संपत्ति में 45 फीसदी हिस्सेदारी रही। बेंगलुरू में तीसरी तिमाही में 73 लाख वर्ग फुट कार्यालयीन संपत्ति का लेन देन हुआ, जो पिछली समान अवधि से 71 फीसदी ज्यादा है। बेंगलुरू के बाद 24 लाख वर्ग फुट एनसीआर में और 21 लाख वर्ग फुट कार्यालयीन संपत्ति का लेन देन हुआ। साल भर में बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, चैन्नई और मुंबई में जहां किराया 4 से 13 फीसदी बढा हैं, वहीं एनसीआर, अहमदाबाद और कोलकाता में किराया स्थिर रहा।
नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि पिछली कुछ तिमाहियों में सभी रियल एस्टेट परिसंपत्ति वर्ग में सुधार हो रहा है। आवासीय खंड में सुधार सबसे तेज और सबसे महत्वपूर्ण है, जबकि बढ़ती ब्याज दरें घर खरीदने वालों के आर्थिक हित प्रभावित करती है। बैजल कार्यालयीन संपत्ति के बारे में कहते हैं कि पिछले 18 महीनों में बड़े पैमाने पर भर्ती विशेष रूप से आईटी/आईटीईएस क्षेत्र की कंपनियों और कर्मचारियों की कार्यालय में वापसी से कार्यालय की जगह की मांग बढ़ रही है। 2020-21 से रुकी हुई मांग भी अब निकल रही है।
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