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तालिबान ने महिलाओं पर लगा दिया फिर ये नया प्रतिबंध, संयुक्त राष्ट्र भी हैरान

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Image Source : AP
तालिबानी महिलाएं (फाइल)

नई दिल्ली। तालिबान का जुल्म अफगानी महिलाओं पर लगातार जारी है। पहले अफगानिस्तान की लड़कियों और महिलाओं को उच्च शिक्षा से वंचित करने और उन्हें नौकरी नहीं करने देने के अजीबोगरीफ फरमान जारी करने के बाद तालिबान ने अब एक नया प्रतिबंध लगा दिया है। नए प्रतिबंध में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मिशनों में सहायता कर्मियों के तौर पर काम करने वाली महिलाओं को ड्यूटी करने से रोक दिया गया है। इससे महिलाओं के काम करने का आखिरी द्वार भी बंद हो गया है। इस तालिबानी फरमान से संयुक्त राष्ट्र भी हैरान है।

संयुक्त राष्ट्र के विश्वव्यापी मानवीय अभियानों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने सोमवार को आगाह किया कि अफगानिस्तान में महिला सहायता कर्मियों पर तालिबान का प्रतिबंध कई महत्वपूर्ण मानवीय कार्यक्रमों को ‘‘खत्म करने जैसा है। संयुक्त राष्ट्र ने तालिबान के इस फरमान को खतरे की घंटी माना है। मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा कि अगर तालिबान ने अपने फरमान में कुछ अपवाद शामिल नहीं किए तो यह बहुत ही विनाशकारी होगा। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहायता समूहों सहित एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले सप्ताह अफगानिस्तान के विदेश मामलों और वित्त मंत्रियों सहित तालिबान के 9 अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान भी इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि मानवीय कार्यों में अफगानिस्तानी महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है।

संयुक्त राष्ट्र को भरोसा तालिबानी मानेंगे निर्देश


ग्रिफिथ्स ने कहाकि अभी हमें धैर्य रखने के लिए कहा गया है, क्योंकि हमें सूचना दी गई है कि तालिबान अधिकारियों द्वारा दिशानिर्देशों पर काम किया जा रहा है, जिसके तहत कथित तौर पर मानवीय कार्यों में महिलाओं की मौजूदगी की अनुमति दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि तालिबान का लगातार यह संदेश देना कि ‘‘महिलाओं के काम करने के लिए एक जगह होगी, यह थोड़ा तसल्ली देने वाला महत्वपूर्ण संदेश है। ग्रिफिथ्स ने 24 दिसंबर 2022 को जारी किए गए तालिबान के एक फरमान का जिक्र किया, जिसके बाद से सहायता समूह अफगानिस्तानी महिलाओं को रोजगार नहीं दे पा रहे हैं।

वहीं संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के लिए ‘प्रोग्रामिंग’ के उप कार्यकारी निदेशक उमर आब्दी ने कहा कि 60 लाख से अधिक अफगानिस्तानी आपातकालीन स्तर की खाद्य समस्या का सामना कर रहे हैं। वह लोग अब अकाल से महज एक कदम दूर हैं। ऐसे में अफगानिस्तान बड़े संकट में फंस सकता है। इस साल 875,000 बच्चों के गंभीर कुपोषण से पीड़ित होने की आशंका है। ऐसे में महिलाओं को काम करने से रोकना घातक होगा।

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Coronal Holes: सूरज पर बने कुएं से निकल चुकी है सौर आंधी, धरती से टकराई तो क्या मचेगी तबाही?

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अत्यधिक पराबैंगनी प्रकाश में देखे जाने पर कोरोनल होल काले दिखाई देते हैं। कभी-कभी सौर हवा पृथ्वी पर ऊंचाई वाले स्थानों पर अरोरा पैदा कर सकती हैं। अमेरिकी स्पेस एजेंसी के अनुसार जब कोरोनल मास इजेक्शन (सौर तूफान) पृथ्वी से टकराते हैं, तो वे भू-चुंबकीय तूफान पैदा कर सकते हैं, अरोराओं को ट्रिगर कर सकते हैं, रेडियो तरंगों के साथ-साथ जीपीएस और इलेक्ट्रिकल सिस्टम को बाधित कर सकते हैं।



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Russia Vs US: पहले यार्स मिसाइल का अभ्‍यास, अब न्‍यूक्लियर बम का डेटा देना बंद… नाटो की परमाणु टेंशन बढ़ा रहे पुतिन

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मास्‍को: रूस अब अमेरिका के साथ परमाणु बमों की सूचना को शेयर नहीं करेगा। रूस के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने इसका ऐलान कर दिया है। इससे पहले नई स्‍टार्ट संधि के तहत अमेरिका और रूस एक-दूसरे को परमाणु बमों का डेटा शेयर करते थे। रूस ने यह ऐलान ऐसे समय पर किया है जब साइबेरिया में पुतिन की सेना ने यार्स अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों के साथ अभ्‍यास शुरू किया है। यह मिसाइल अमेरिका तक तबाही मचाने में सक्षम है। यूक्रेन युद्ध के बीच रूस के इस ऐलान से अमेरिका के साथ उसका तनाव काफी बढ़ गया है।

रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने बुधवार को कहा कि मास्‍को ने वॉशिंगटन के साथ सभी सूचनाओं का आदान-प्रदान करना बंद कर दिया है। इससे पहले पिछले महीने रूस ने नई स्‍टार्ट परमाणु हथियार संधि से खुद को अलग कर लिया था। यह पूछे जाने पर कि क्‍या अब रूस मिसाइलों के परीक्षण से पहले सूचना देगा, इस पर रयाबकोव ने कहा, ‘इस संबंध में कोई भी नोटिफ‍िकेशन नहीं जारी किया जाएगा।’ उन्‍होंने कहा कि इस संधि के अब किसी प्रावधान को लागू नहीं किया जाएगा।
Nuclear Weapons Report: दुनिया में कितने परमाणु हथियार लॉन्च के लिए तैयार? आ गई न्यूक्लियर वेपन्स की ताजा लिस्ट

नाटो के ऐलान से भड़का हुआ है रूस

इससे पहले मंगलवार को अमेरिका ने कहा था कि वह पुतिन के नई स्‍टार्ट संधि के रद करने के बाद रूस को परमाणु हथियारों के जखीरे को लेकर आंकड़ा देना बंद करेगा। अमेरिका के राष्‍ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्‍ता जॉन किर्बी ने कहा, ‘रूस पूरी तरह से नियमों को नहीं मान रहा है और उसने डेटा देना भी बंद कर दिया है जिस पर नई स्‍टार्ट संधि के तहत सहमति बनी थी।’ उन्‍होंने कहा कि चूंकि रूस आंकड़े नहीं दे रहा है, इसलिए वह भी अब रूस को यह आंकड़ा नहीं दे रहे हैं।

रूस और अमेरिका दोनों ही हर साल एक-दूसरे को अपने परमाणु हथियारों की संख्‍या और परमाणु बम गिराने में सक्षम बॉम्‍बर की तैनाती के बारे में बताते रहते हैं। इसे नई स्‍टार्ट संधि के तहत शुरू किया गया था। पिछले महीने पुतिन ने इस संधि से हटने का ऐलान किया था। उन्‍होंने यह ऐलान तब किया था जब अमेरिका और उसके सहयोगी नाटो देशों ने खुलकर कहा था कि यूक्रेन में रूसी सेना की हार उनका लक्ष्‍य है। रूस ने कहा है कि वह अपने मिसाइल परीक्षण की योजना के बारे में सूचना देता रहेगा।



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Pakistan Food Hunger: भूखे रह जाएंगे 51 लाख पाकिस्तानी, गरीब अवाम की रोटी खा गए हुक्मरान, कंगाली के बीच सबसे भयावह चेतावनी

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Pakistan Food Crisis: पाकिस्तान के आर्थिक संकट के कारण लगातार अर्थव्यवस्था बर्बादी की ओर बढ़ रही है। इसके साथ ही खाने का संकट पैदा होता जा रहा है। लोगों की नौकरियां जा रही हैं, जिसके कारण अच्छे-अच्छे लोग दान के ऊपर निर्भर हो गए हैं। कराची के फूड बैंक का कहना है कि लगातार मुफ्त राशन लेने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।

 



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