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डिनर के तुरंद बाद वॉक करना कोई गलती तो नहीं? जानें खाना खाने के कितनी देर बाद घूमें

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डिनर के कितनी देर बाद घूमना चाहिए: भोजन के बाद टहलना आपकी नींद सही करता है और पाचन में बढ़ावा देता है। वैज्ञानिकों का भी कहा है कि भोजन के बाद 15 मिनट की सैर ब्लड शुगर कम करने में मदद कर सकती है। पर सवाल ये है कि डिनर के कितनी देर बाद ये काम करें। जर्नल स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित, एक शोध की मानें डिनर के तुरंत बाद वॉक करना कई बार फायदेमंद नहीं भी है। इसकी एक बड़ी वजह ये है कि डिनर के तुरंत बाद चलने से खाना अपनी डाइजेशन के पहले फेज में ही होता है। ऐसे में तुरंत वॉक करना पेट दर्द का कारण बन सकता है। 

डिनर के कितनी देर बाद घूमना चाहिए-Is it good to walk immediately after dinner? 

डिनर के लगभग 5 से 7 मिनट के बाद आपको वॉक पर जाना चाहिए। इससे दो फायदे होते हैं पहले तो खाना डाइजेशन की गति में पहुंच चुका होता है। दूसरा ये खाना पचाने की गति को तेज कर देता है। इसके अलावा तुरंत बाद चलना ब्लड शुगर के स्तर को कम करने और डायबिटीज से बचाव में मदद करता है। तो, डिनर करें, थोड़ी देर रूकें और फिर लगभग 30 से 40 मिनट तक वॉक ( How much you should walk after dinner in hindi) करें। 

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डिनर के बाद वॉक करने के फायदे-benefits of walking after dinner

1. हैप्पी हॉर्मोन्स को बूस्ट करता है

डिनर के बाद वॉक करने से शरीर में हैप्पी हार्मोन का उत्पादन बढ़ जाता है। जब हम वॉक करते हैं, तो यह ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है, हार्मोन जारी करता है और हमारे दिल की धड़कन को बढ़ाता है। ये सभी कारक हमें ऊर्जावान और खुश महसूस करने में मदद करते हैं।

2. क्रेविंग को कम करने में मददगार

रात के खाने के बाद टहलना आपको थका सकता है और आपको सोने के लिए तैयार कर सकता है। अक्सर रात के खाने के बाद देर तक जगे रहना भूख का कारण बन सकता है और अस्वास्थ्यकर स्नैकिंग का कारण बन सकता है। ऐसे में वॉक के बाद आप जल्दी सो जाते हैं, जिससे आपको क्रेविंग परेशान नहीं करती।

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3. मेटाबोलिज्म तेज करता है

हम जो खाते हैं वह हमारे मेटाबोलिज्म को बढ़ा या घटा सकता है। वॉक करने से हमारे शरीर को उन पोषक तत्वों को बेहतर ढंग से अवशोषित करने में मदद मिल सकती है जो हमारे चयापचय को तेज करते हैं। खाने के बाद वॉक करना मेटाबॉलिज्म को बढ़ा सकता है और इसमें सुधार ला सकता है। इससे वजन नहीं बढ़ता और पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। 

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

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1 गिलास सत्तू डिटॉक्स कर देगा पूरा शरीर, सुबह खाली पेट पीने से मिलेंगे ये खास फायदे

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सत्तू पीने के फायदे: सत्तू देसी ड्रिंक है जिसे गर्मियों में लोग ज्यादा पीना पसंद करते हैं। लेकिन, आपको यह जान कर हैरानी हो सकती है कि सत्तू एक प्रकार डिटॉक्स ड्रिंक (benefits of drinking sattu) जैसा ही है जो कि शरीर को अंदर से साफ करने में मदद कर सकता है। साथ ही ये शरीर का टेंपरेचर बैलेंस करने में भी मददगार है। इसके अलावा भी सत्तू पीना शरीर के लिए कई प्रकार से फायदेमंद है। तो, आइए जानते हैं सुबह खाली पेट सत्तू पीने के फायदे। 

सुबह खाली पेट सत्तू पीने के फायदे-benefits of sattu at empty stomach in hindi 

1. शरीर को हाइड्रेट करता है

सुबह खाली पेट सत्तू पीने से शरीर को हाइड्रेट (benefits of drinking sattu everyday) करने में मदद मिलती है। ये शरीर में पानी की कमी को दूर करता है और शरीर में नमी जोड़ने का काम करता है। दरअसल, शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को सही रखने, बीपी बैलेंस करने और स्किन को हेल्दी रखने के लिए भी हाइड्रेशन की जरुरत होती है और इस काम को करने में सत्तू फायदेमंद है। 

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2. पाचन तंत्र को साफ करता है

पाचन तंत्र को साफ करने में सत्तू का सेवन कई प्रकार से फायदेमंद हो सकता है। ये फाइबर से भरपूर होता है और पाचन नलियों को अंदर से साफ करने में मदद करता है। ये शरीर की नलियों से फैट और वेस्ट प्रोडक्ट को साफ करने में भी मददगार है। 

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क्या भाप लेने से सूखी खांसी ठीक हो सकती है? जानें Dry Cough में भाप लेने का सही तरीका

3. ब्लोटिंग को कम करने में मददगार

ब्लोटिंग को कम करने में सुबह खाली पेट सत्तू पानी फायदेमंद माना जाता है। ये पेट में होने वाले सूजन को कम करता है और पेट के अस्तर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इस तरह ये ब्लोटिंग की समस्या को कम करने में मददगार है। 

4. कब्ज और बवासीर में फायदेमंद

कब्ज और बवासीर में सत्तू पीना मल को मुलायम करने और पाचन तंत्र को साफ करने में मदद कर सकता है। सुबह खाली पेट सत्तू का सेवन मेटाबोलिज्म तेज करता है और बॉवेल मूवमेंट को भी सही करता है। इस तरह ये कब्ज और बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। तो, चने की सत्तू लें और इसे पानी में मिलाएं। ऊपर से थोड़ा सा काला नमक मिलाएं और नींबू का रस मिला कर इसका सेवन करें।

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क्या भाप लेने से सूखी खांसी ठीक हो सकती है? जानें Dry Cough में भाप लेने का सही तरीका

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भाप लेना (steaming for cold), हमेशा से ही सर्दी जुकाम का देसी इलाज रहा है। ऐसे में ध्यान देने वाली बात ये है कि क्या सूखी खांसी यानी ड्राई कफ में भी ये तरीका काम आ सकता है? इसके लिए आपको यह समझना होगा कि सूखी खांसी, गीली वाली खांसी की तुलना काफी देर से जाती है। लेकिन, ये इंफेक्शन के कारण बार-बार ट्रिगर कर सकती है, जिससे वजह से आपको ये लंबे समय तक परेशान कर सकती है। तो, ऐसी स्थिति में भाप लेना कितना सही है? आइए, जानते हैं इस बारे में विस्तार से। 

क्या भाप से सूखी खांसी ठीक हो सकती है-Can we steam in dry cough in hindi?

स्टीम इनहेलेशन, यह गर्म पानी से भाप में सांस लेना है। बहुत से लोग सर्दी या साइनस संक्रमण होने पर अपने नाक और नैसल पैसज को खोलने के लिए ऐसा करते हैं। माना जाता है कि गर्म, नम हवा बलगम को ढीला करती है और लक्षणों से राहत दिलाती है। ऐसा ही कुछ काम ये सूखी खांसी के दौरान भी करती है। गर्म भाप सूखे और चिड़चिड़े नाक के रास्ते को नम करने में मदद कर सकती है, गले के दर्द को कम कर सकती है। इतना ही नहीं ये हल्के संक्रमण या एलर्जी के कारण होने वाली खांसी की गंभीरता को कम कर सकती है। 

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पिछले 24 घंटे में आए कोरोना के 1800 से ज्यादा मामले, एक्सपर्ट से जानें बचाव के 3 सबसे जरूरी टिप्स

भाप लेने का सही तरीका क्या है-How to take steam for dry cough

भाप लेने का सही तरीका आपको ड्राई कफ की समस्या से बचने में मदद कर सकता है। तो, अगर आपको ड्राई कफ की समस्या है तो नमक या पिपरमेंट ऑयल से भाप ले सकते हैं। इस दौरान अपने सिर पर एक तौलिया लपेट लें ताकि ये आप इस भाप को अच्छी तरह से अपने अंदर ले लें। 

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ध्यान देने वाली बात ये है कि आपको इस काम को बार-बार करना है। कम से कम दिनभर में ये काम 3 बार करें। सुबह उठने और रात को सोने से पहले ये काम जरूर करें। ये आपके गले, नाक और फेफड़ों को शांत करने में मदद करता है।

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Astrological Tips: मान सम्मान प्राप्ति के उपाय / टोटके | News & Features Network

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Astrological Tips:  मान-सम्मान, प्रतिष्ठा व लक्ष्मी प्राप्ति के लिए किए जाने वाली पूजा, उपाय / टोटकों के लिए पश्चिम दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ होता है।

2. गुरु ग्रह को सौभाग्य, सम्मान और समृद्धि नियत करने वाला माना गया है। शास्त्रों में यश व सफलता के इच्छुक हर इंसान के लिये गुरु ग्रह दोष शांति का एक बहुत ही सरल उपाय बताया गया है। यह उपाय औषधीय स्नान के रूप में प्रसिद्ध है इसे हर इंसान दिन की शुरुआत में नहाते वक्त कर सकता है। नहाते वक्त नीचे लिखी चीजों में से थोड़ी मात्रा में कोई भी एक चीज जल में डालकर नहाने से गुरु दोष शांत होता है और व्यक्ति को समाज में मान सम्मान की प्राप्ति होती है । –

✔️गुड़, सोने की कोई वस्तु, हल्दी, शहद, शक्कर, नमक, मुलेठी, पीले फूल, सरसों।

🚩3. समाज में उचित मान सम्मान प्राप्ति के लिए रात में सोते समय सिरहाने ताम्बे के बर्तन में जल भर कर उसमें थोड़ा शहद के साथ कोई भी सोने /चाँदी का सिक्का या अंगूठी रख लें फिर सुबह उठकर प्रभु का स्मरण करने के बाद सबसे पहले बिना कुल्ला किये उस जल को पी लें …जल्दी ही आपकी यश ,कीर्ति बढ़ने लगेगी ।

🚩4. रात को सोते समय अपने पलंग के नीचे एक बर्तन में थोड़ा सा पानी रख लें, सुबह वह पानी घर के बाहर डाल दें इससे रोग, वाद-विवाद, बेइज्जती, मिथ्या लांछन आदि से सदैव बचाव होता रहेगा ।

🚩5. दुर्गा सप्तशती के द्वादश (12 वें ) अध्याय के नियमित पाठ करने से व्यक्ति को समाज में मान सम्मान और मनवांछित लाभ की प्राप्ति होती है ।

🚩6. समाज में मान सम्मान की प्राप्ति के लिये कबूतरों/चिड़ियों को चावल-बाजरा मिश्रित कर के डालें, बाजरा शुक्रवार को खरीदें व शनिवार से डालना शुरू करें।

🚩7. अपने बच्चे के दूध का प्रथम दाँत संभाल कर रखे, इसे चाँदी के यंत्र में रखकर गले या दाहिनी भुजा में धारण करने से व्यक्ति को समाज में मान सम्मान की प्राप्ति होती है।

🚩8. यदि आप चाहते हैं कि आपके कार्यों की सर्वत्र सराहना हो, लोग आपका सम्मान करें, आपकी यश कीर्ति बढ़े तो रात को सोने से पूर्व अपने सिरहाने तांबे के बर्तन में जल भरकर रखें और प्रात:काल इस जल को अपने ऊपर से सात बार उसार करके किसी भी कांटे वाले पेड़ की जड़ में डाल दें। ऐसा नियमित 40 दिन तक करने से आपको अवश्य ही लाभ मिलेगा।

🚩9. ज्येष्ठा नक्षत्र में जामुन के वृक्ष की जड़ लाकर अपने पास संभाल कर रखने से उस व्यक्ति को समाज से / प्रसाशन से अवश्य ही मान सम्मान की प्राप्ति होती है ।

🚩10. गले, हाथ या पैर में काले डोरे को पहनने से व्यक्ति को समाज में सरलता से मान सम्मान की प्राप्ति होती है, उसे हर क्षेत्र में विजय मिलती है।

⚜️11. शास्त्रों में लिखा गया है कि –

अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविन:। चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम्।।

✔️हिंदी अर्थ – जो व्यक्ति सुशील और विनम्र होते हैं, बड़ों का अभिवादन व सम्मान करने वाले होते हैं और अपने बुजुर्गों की सेवा करने वाले होते हैं। उनकी आयु, विद्या, कीर्ति और बल इन चारों में वृद्धि होती है।



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