INDW vs WIW: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वेस्टइंडीज को ट्राई सीरीज मुकाबले में 8 विकेट से मात दी। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए वेस्टइंडीज की टीम 20 ओवर में सिर्फ 94 रन बना पाई। भारतीय टीम ने आसानी से इस टारगेट को हासिल कर लिया। इस मैच में टीम इंडिया के लिए मुख्य रोल दीप्ति शर्मा और राजेश्वरी गायकवाड़ ने प्ले किया। इन दोनों की जोड़ी ने वेस्टइंडीज को बड़ा स्कोर नहीं बनाने दिया।
टीम इंडिया की शानदार जीत
दीप्ति ने चार ओवर में दो मेडन के साथ 11 रन देकर तीन विकेट चटकाये जबकि राजेश्वरी ने चार ओवर में 9 रन देकर एक सफलता हासिल की। ऑलराउंडर पूजा वस्त्राकर ने चार ओवर में 19 रन देकर दो विकेट लिए। वेस्टइंडीज की कप्तान हेली मैथ्यूज ने पारी का आगाज करते हुए 34 रन बनाये लेकिन उनकी टीम छह विकेट पर महज 94 रन ही बना सकी। भारत ने 13.5 ओवर में दो विकेट गंवा कर लक्ष्य हासिल कर लिया। भारत और दक्षिण अफ्रीका की टीमें पहले ही दो फरवरी को खेले जाने वाले फाइनल का टिकट पक्का कर चुकी हैं।
जेमिमा रोड्रिग्स ने किया कमाल
भारत के लिए ओपनिंग बल्लेबाज जेमिमा रोड्रिग्स ने 39 गेंद में नाबाद 42 रन बनाए जबकि कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 23 गेंद में नाबाद 32 रन की आतिशी पारी खेली। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 54 रन की अटूट साझेदारी की। इससे पहले भारतीय गेंदबाजों ने हरमनप्रीत के टॉस जीतकर गेंदबाजी करने के फैसले को सही साबित करते हुए वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों पर शुरू से ही शिकंजा कसे रखा। रेणुका सिंह और शिखा पांडे से शुरुआती तीन ओवर गेंदबाजी कराने के बाद कप्तान ने गेंद दीप्ति को सौंपी और उन्होंने चौथे ओवर में बिना कोई रन दिए लगातार दो गेंद पर रशादा विलियम्स (आठ) और शमैन कैम्पबेल (शून्य) के विकेट चटकाकर कप्तान के भरोसे को बरकरार रखा।
खराब रही टीम इंडिया की शुरुआत
लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को दूसरे ओवर में स्मृति मंधाना (पांच) के आउट होने से झटका लगा लेकिन दूसरे छोर से जेमिमा ने जेनेलिया के खिलाफ दो चौके जड़ दबाव को हावी नहीं होने दिया। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आई हरलीन देओल (13) ने शमिला कॉनेल के खिलाफ चौका जड़ा। पावरप्ले में भारत का स्कोर एक विकेट पर 36 रन था लेकिन आठवें ओवर में मैथ्यूज की गेंद पर हरलीन मिड ऑफ में गजनबी को कैच थमा बैठी। हरमनप्रीत ने क्रीज पर कदम रखते ही चौका जड़ दिया। उन्होंने और जेमिमा ने 11वें ओवर में ऑलेन के खिलाफ दो चौके लगाये। भारतीय कप्तान ने 13वें ओवर में जायडा की लगातार गेंदों को सीमा रेखा के पार भेज टीम की जीत पक्की कर दी। हरमनप्रीत ने 23 गेंद की नाबाद पारी में चार जबकि जेमिमाह ने 39 गेंद की नाबाद पारी में पांच चौके लगाए।
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WPL 2023 का फाइनल देखने मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा भी पहुंचे, क्योंकि महिला टीम ने फाइनल में जगह बनाई थी और फाइनल जीता भी था। क्या इस दौरान उनकी जर्सी से बदबू आ रही थी?
नई दिल्ली: एमसी मेरी कॉम ने एक बार गुस्से से पूछा था, ‘निकहत जरीन कौन है?’ निकहत ने 2022 में विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इस सवाल का जवाब दिया था। और अब रविवार को एक बार फिर उन्होंने अपना दूसरा विश्व चैंपियनशिप खिताब जीत लिया, वो भी घरेलू दर्शकों के सामने जिससे वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरी भारतीय मुक्केबाज बनीं। इसके साथ ही वह छह बार की विश्व चैंपियन मेरी कॉम के उत्तराधिकारी के तौर पर आगे बढ़ती दिख रही हैं।
चैंपियन बनने के बाद क्या बोलीं निकहत
निकहत ने 50 किग्रा वजन वर्ग का खिताब जीतने के बाद कहा, ‘मैं दूसरी बार विश्व चैंपियन बनकर खुश हूं वो भी ओलंपिक वजन वर्ग और घरेलू दर्शकों के सामने। यह पदक सभी समर्थकों के लिए है।’ निकहत के लिए यह दूसरा खिताब भावनात्मक रहा क्योंकि इस सफर में इस 26 साल की मुक्केबाज को ताने, सामाजिक पूर्वाग्रह और उपेक्षा का सामना करना पड़ा।
मेरी कॉम ने भी नहीं सोचा होगा, निकहत रच देंगी इतिहास
जहां तक मेरी कॉम का संबंध है तो उन्हें नहीं लगा होगा कि चार साल में निकहत उनके नक्शेकदमों पर चलते हुए उनके बाद एक से ज्यादा विश्व चैंपियनशिप खिताब जीतने वाली दूसरी भारतीय बन जाएंगी। निकहत के पिता उन्हें धावक बनाना चाहते थे लेकिन उनकी बेटी ने मुक्केबाजी में आने फैसला किया ताकि वह साबित कर सकें कि महिलाएं भी इस खेल में अच्छा कर सकती हैं।
बेटी, माता-पिता को सहने पड़े ताने
तेलंगाना के निजामाबाद में मुस्लिम परिवार से आकर मुक्केबाजी की ड्रेस ‘टी शर्ट और शॉर्ट’ में खेलने से निकहत और उनके माता-पिता को तानों और टिप्पणियों का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने इन पर ध्यान नहीं दिया। एक दशक पहले जूनियर विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीतने के बाद निकहत का कंधा बाउट के दौरान उतर गया जिससे उन्हें करीब एक साल तक रिंग से दूर रहना पड़ा। लेकिन वह एलीट स्तर पर खुद को साबित करने के लिये जी जान से जुटी रहीं और उन्होंने शानदार वापसी की।
मेरी कॉम से मिली थी हार
उन्होंने 2019 में स्ट्रैंड्जा मेमोरियल में स्वर्ण पदक और थाईलैंड ओपन में रजत पदक जीता। लेकिन इंडिया ओपन में वह महिला मुक्केबाजी के इतिहास की सबसे महान मुक्केबाज मेरी कॉम को नहीं हरा सकीं। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने 2019 विश्व चैंपियनशिप से पहले ट्रायल करने से इनकार कर दिया जिसने मेरी कॉम के निरंतर प्रदर्शन के कारण उन्हें ही चुनने का फैसला किया और मणिुपर की मुक्केबाज ने भी अपना आठवां विश्व चैंपियनशिप पदक जीता।
फिर बाउट और फिर हार, लेकिन नहीं हारी जज्बा
जब बीएफआई ने मेरी कॉम को उनके विश्व चैंपियनशिप कांस्य पदक पदर्शन की वजह से तोक्यो ओलंपिक क्वालीफायर के लिए भेजने का फैसला किया तो निकहत ने तब के खेल मंत्री किरन रिजिजू से एक ‘निष्पक्ष ट्रायल’ करने की मांग रखी। निकहत की अनुरोध को स्वीकार करते हुए ट्रायल की घोषणा हुई लेकिन यह युवा मुक्केबाज अपने से अनुभवी मेरी कॉम से एक तरफा मुकाबले में हार गयी। लेकिन यह घटना भी निकहत के जज्बे को कम नहीं कर सकी और इस मुक्केबाज ने इसके बाद मिले मौकों का पूरा फायदा उठाते हुए यहां तक का सफर तय किया।
अक्टूबर 2021 से नहीं हारीं एक भी फाइट
निकहत की शुरुआती जीत के बाद लोगों ने उन्हें मेरी कॉम का उत्तराधिकारी बनने की संभावना जतायी और हाल की जीत से यह मजबूत ही होती दिख रही है। वह अक्टूबर 2021 के बाद से बेहतरीन फॉर्म में है। उन्होंने तब से एक भी मुकाबला नहीं गंवया है, उन्होंने दो राष्ट्रीय चैंपियनशिप खिताब जीते, 2022 स्ट्रैंड्जा मेमोरियल, 2022 विश्व चैंपियनशिप, सारे चयन ट्रायल और राष्ट्रमंडल खेल में जीत हासिल की। पिछले साल इस्तांबुल में उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में चार साल बाद भारत को स्वर्ण पदक दिलाया।