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ज्ञानवापी मामले पर कल आएगा अहम फैसला, वाराणसी में सुरक्षा टाइट, धारा 144 लागू

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Image Source : PTI
Security tightened in Varanasi ahead of district order on Gyanvapi case

Highlights

  • ज्ञानवापी पर फैसले से पहले हलचल तेज
  • फैसले से पहले पुलिस ने किया फ्लैग मार्च
  • वाराणसी कमिश्नरेट में धारा 144 लागू

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी केस में कल महतवपूर्ण फैसला आएगा। कल ये तय हो जाएगा कि ज्ञानवापी केस सुनवाई के लायक है या नहीं। कल वाराणसी जिला जज के द्वारा 7/11 पर फैसला किया जाएगा। बता दें कि 7/11 मतलब वादी महिलाओं के द्वारा जो याचिका दायर की गई है वो सुनने लायक है या नहीं। इस मामले से सभी पक्षों की दलील पूरी हो गयी है। अब इस केस पर कल 2 बजे सुनवाई होनी है। माना जा रहा है कि 5 बजे से पहले फैसला आ जाएगा। 

फैसले को लेकर हिन्दू पक्ष की है तैयारी

वादी महिलाओं के द्वारा याचिका लगाई गई थी कि श्रृंगार गौरी मंदिर में 1991 से पहले की तरह हर दिन पूजा अर्चना का अधिकार मिले। अगर फैसला वादी महिलाओं के पक्ष में आता है तो बनारस में सभी हिंदुओं द्वारा रात 8 बजे से 8.15 तक अपने घरों के छत पर आकर शंख, घंटी और थाली बजाई जाएगी। इसकी जानकारी भी सभी को दे दी गयी है। हिन्दू पक्ष का कहना है कि अगर फैसला हमारे पक्ष में आता है तो ये आदि विश्वेश्वर को मुक्त कराने की दिशा में पहला कदम होगा।

वाराणसी में अलर्ट पर प्रशासन
ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग को लेकर दायर याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं इस पर वाराणसी की अदालत सोमवार को अपना फैसला सुनाएगी। इसके मद्देनजर नगर में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। वाराणसी के पुलिस आयुक्त ए.सतीश गणेश ने रविवार को बताया कि ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में जिला अदालत द्वारा सोमवार को फैसला सुनाए जाने के मद्देनजर एहतियाती कदम के तहत वाराणसी कमिश्नरेट में धारा 144 लागू करने का निर्देश जारी कर दिया गया है। सभी पुलिस अधिकारियों को अपने क्षेत्रों के धर्म गुरुओं के साथ संवाद करने का निर्देश दिया गया है। 

समझिए क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग को लेकर वाराणसी के जिला जज ए.के.विश्वेश की अदालत में चल रहा मुकदमा सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर हिन्दू और मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी हो गयी है। अदालत ने इस मामले में आदेश को सुरक्षित रख लिया है। अदालत सोमवार 12 सितंबर को इस पर आदेश सुनाएगी। दिल्ली की राखी सिंह और वाराणसी की निवासी चार महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हिंदू देवी देवताओं की प्रतिदिन पूजा अर्चना का आदेश देने के आग्रह वाली एक याचिका पिछले साल सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में दाखिल की थी। उसके आदेश पर पिछली मई में ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराया गया था। 

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हिट फिल्मों के बाद अहंकारी हो गए थे रवि किशन, ‘बिग बॉस’ ने बदली जिंदगी

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Ravi Kishan in Aap Ki Adalat

भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार और बीजेपी सांसद रवि किशन (Ravi Kishan) ने इंडिया टीवी के हिट शो ‘आप की अदालत’ (Aap Ki Adalat) में बताया कि कैसे फेमस रिएलिटी शो ‘बिग बॉस’ में जाने के बाद उनकी जिंदगी बदली है। रवि किशन ने इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सामने ‘आप की अदालत’ (Aap Ki Adalat) के कठघरे में बैठकर कई ऐसे खुलासे किए जिन्हें सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। बीजेपी सांसद रवि किशन आज के समय में बॉलीवुड फिल्मों से लेकर रिएलिटी शो तक का हिस्सा बन चुके हैं।

‘बिग बॉस’ ने बदली जिंदगी

रवि किशन (Ravi Kishan) ने साल 2006 में सलमान खान के सुपरहिट रिएलिटी शो ‘बिग बॉस’ में हिस्सा लिया था। रवि किशन इस सीजन में तीसरे स्थान पर रहे थे और उनकी जर्नी भी बेहद दिलचस्प रही थी। ‘बिग बॉस’ के लिए रवि किशन के कहा कि इस रिएलिटी शो ने उनकी जिंदगी और करियर बदल दिया। रवि किशन के कहा, ‘फिल्में हिट होने के बाद मैं अहंकारी हो गया था। मेरी पत्नी ने सही राय दी और कहा नया शो आ रहा है बिग बॉस का नया सीजन, चले जाओ। जब तीन महीने बाद उस शो से निकला तो बहुत बदल गया। मैं बहुत पॉपुलर भी हो गया और बहुत नॉर्मल हो गया। मुझे शिव, अध्यात्म दिखाई दिया ,पत्नी – बच्चे, पारिवारिक जीवन एकदम सरल हो गया। मैं तीन महीने बाद एक बहुत बड़े कैद से बाहर निकला। बिग बॉस मेरे लिए अध्यात्म का कैद था। बिग बॉस ने मेरी जिंदगी में बहुत असर किया है।’

रवि किशन ने लिया था रिस्क

रवि किशन ने बताया, ‘शो में जाकर मैंने बहुत बड़ा रिस्क लिया था। मुझे लगा मैं बाहर निकलूंगा, बहुत सारे हीरो आ जाएंगे। फिल्म इंडस्ट्री में तो ऐसा है कि दो दिन आप गायब हो गए तो दूसरा कोई आ जाता है। लेकिन यह नेचुरल है। आपका कोई इंतज़ार नहीं करता।  हम लोग को गलतफहमी होती है कि मेरी वजह से इंडस्ट्री चल रही है। ये गलतफहमी किसी को नहीं रहनी चाहिए। किसी कि वजह से कुछ चलता नहीं है। समय चलता रहता है।  लेकिन, मैंने वो रिस्क ले लिया। पूरे परिवार के लिए वो रिस्क लेना जरुरी था।’

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व्हाट्सएप ग्रुप में ईशनिंदा कंटेंट भेजने पर मौत की सजा, PAK की आतंकवाद-रोधी अदालत का फैसला

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दोषी शख्स की पहचान सैयद मुहम्मद जीशान के तौर पर हुई है। जीशान को शुक्रवार को पेशावर की एक अदालत ने इलेक्ट्रॉनिक अपराध निवारण अधिनियम और आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया।



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सिक्किम : सेना ने इस महीने बर्फ में फंसे 1400 लोगों को रेस्‍क्‍यू किया 

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इस महीने की शुरुआत में सेना ने सिक्किम में करीब 400 पर्यटकों को बचाया था.

सिक्किम:

भारी बर्फबारी के कारण सिक्किम में फंसे 1,400 से अधिक पर्यटकों को भारतीय सेना (Indian Army) और सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation) ने मार्च के महीने में बचाया है. सिक्किम में हर साल सर्दियों में भारी बर्फबारी होती है, लेकिन इस साल यह पैटर्न अजीबोगरीब रहा है, क्योंकि राज्य में देर से लेकिन अच्‍छी बर्फबारी हुई है. भयावह ऊंचाई और जमा देने वाले तापमान का सामना करते हुए त्रिशक्ति कॉर्प और बीआरओ ने रणनीतिक सड़कों और संचार लाइनों को सुचारू रखने और स्थानीय लोगों, सैन्य कर्मियों और पर्यटकों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए बर्फ को साफ करने के लिए मौसम की मुश्किल परिस्थितियों के बीच व्‍यापक पैमाने पर बर्फ हटाने के लिए संयुक्त अभियान शुरू किया. 

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11 और 15 मार्च को पूर्वी सिक्किम में “ऑपरेशन हिम राहत” के तहत त्रिशक्ति कॉर्प ने बड़े बचाव अभियान चलाए, जिसमें अचानक हुई बर्फबारी के कारण फंसे 1,400 पर्यटकों को शून्य से नीचे के तापमान में सुरक्षित बचाया गया.

सेना के एक अधिकारी ने कहा, “इस वर्ष बर्फ हटाना विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण रहा है, लगातार बर्फबारी को देखते हुए नागरिकों और सेना के लोगों की किसी भी मूवमेंट को रोक दिया गया है. 14000-18000 फीट की ऊंचाई पर तैनात सेना के जवान लगातार बर्फ को हटाने के काम को अंजाम दे रहे हैं. यह अभियान न सिर्फ सेना के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि स्‍थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए भी हितकारी है, जो कि जो सड़कों के खुलने पर बहुत अधिक निर्भर हैं.” 

इस महीने की शुरुआत में सिक्किम में भारी बर्फबारी के बाद फंसे लगभग 400 पर्यटकों को सेना ने बचाया था और बाद में उन्‍हें चिकित्सा देखभाल और भोजन सहित आपातकालीन सहायता प्रदान की गई थी. रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा कि लगभग 100 वाहनों में यात्रा कर करीब 400 पर्यटक सिक्किम में नाथू ला और त्सोमगो (चांगगू) झील से लौटते समय फंस गए थे. इसमें 142 महिलाएं और 50 बच्चे शामिल थे. 

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