एनटीए के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘परीक्षा के शहर, प्रवेश कार्ड डाउनलोड करने और परिणाम घोषित करने की तिथि के बारे में अग्रिम जानकारी पोर्टल पर उपयुक्त समय पर दी जायेगी.”
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
दिल्ली में श्रद्धा हत्याकांड जैसा एक और केस, शख्स ने कार में की लिव इन पार्टनर की हत्या
Image Source : FILE PHOTO
यूपी में नगर निकाय चुनाव का रास्ता साफ
यूपी निकाय चुनाव 2023: निकाय चुनाव का रास्ता अब साफ हो गया है। जातिगत आरक्षण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने की अधिसूचना जारी करने की अनुमति दे दी है। ओबीसी आरक्षण के मुद्दे की जांच के लिए गठित एक समर्पित आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी है, जिसके बाद कोर्ट ने सरकार को चुनाव कराने की अनुमति दी है। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अदालत के पिछले आदेश के आधार पर यूपी पिछड़ा वर्ग आयोग के लिए एक अधिसूचना जारी की है।
दो दिनों में जारी कर दी जाएगी अधिसूचना
न्यायालय की इस पीठ में शामिल जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जेबी पदीर्वाला की पीठ ने कहा कि आयोग का कार्यकाल छह महीने का था, इसे 31 मार्च, 2023 तक अपना कार्य पूरा करना था, जबकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि रिपोर्ट 9 मार्च को पेश की गई है। पीठ ने आगे कहा कि इसके बाद अब स्थानीय निकाय चुनावों की अधिसूचना दो दिनों में जारी कर दी जाएगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल जनवरी में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण दिए बिना शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर रोक लगा दी थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने तब अदालत के समक्ष तर्क दिया था कि उसने ओबीसी के प्रतिनिधित्व के लिए डेटा एकत्र करने के लिए पहले से ही एक समर्पित आयोग का गठन किया है।
हाई कोर्ट ने जारी कर दिया था आदेश
पिछले साल दिसंबर में उच्च न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित ट्रिपल टेस्ट फार्मूले का पालन किए बिना ओबीसी आरक्षण के मसौदे को तैयार करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आदेश पारित किया था। शीर्ष अदालत ने पिछले साल मई में ‘के. कृष्ण मूर्ति (डॉ.) और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य’ (2010) में संविधान पीठ के फैसले का हवाला दिया था, जिसमें कहा गया था कि ओबीसी आरक्षण के लिए पहले ‘ट्रिपल टेस्ट शर्तो’ को पूरा करना होगा।
इससे पहले इस साल मार्च में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह, जिन्होंने आयोग का नेतृत्व किया था और चार अन्य सदस्य – सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी चोब सिंह वर्मा, महेंद्र कुमार और पूर्व अतिरिक्त कानून सलाहकार संतोष कुमार विश्वकर्मा और ब्रजेश कुमार सोनी मिले थे। मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर जाकर शहरी विकास मंत्री ए.के. शर्मा और शहरी विकास विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में रिपोर्ट सौंपी।
अमृतपाल को लेकर भारत ने नेपाल को अलर्ट किया है। काठमांडू स्थित इंडियन एंबेसी ने नेपाल सरकार को आगाह किया है कि अमृतपाल सिंह फेक पासपोर्ट इस्तेमाल करते हुए वहां शरण ले सकता है। उसका हुलिया भी बताया है।
Image Source : TWITTER/LALUPRASADRJD
पोती को गोद में लिए लालू यादव
पटना: बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने अपनी पोती को पहली बार गोदी में लेकर फोटो क्लिक करवाई हैं और इस फोटोज को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया है। गौरतलब है कि लालू के बेटे और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पिता बन गए हैं और उनकी पत्नी ने एक बेटी को जन्म दिया है।
लालू ने तेजस्वी की बेटी को गोद में लेकर ट्विटर पर फोटो पोस्ट कीं और कहा, ‘नवरात्रि के पवित्र अवसर पर माता रानी के असीम आशीर्वाद तथा रहमतों, नेकियों और बरकतों के मुक़द्दस माह-ए-रमजान एवं चैती छठ महापर्व के पावन दिन लक्ष्मी रत्न पौत्री के जन्म पर प्रेषित आपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद।’
लालू ने कहा, ‘अपने बच्चे के बच्चे को प्रथम बार गोद में लेना अद्भुत, रोमांचक, सुखद और मंत्रमुग्ध करने वाला पल होता है। आप इस कीमती, नये, छोटे से मासूम चेहरे में भविष्य के साथ-साथ अतीत एवं वर्षों के प्यार, त्याग और संघर्षों को महसूस करते हैं। इनकी छोटी आंखें का मिलान कुछ नया दिखाता है।’
लालू ने कहा, ‘कभी-कभार अनुभूति होती है कि नाती-पोती आपकी आत्मा का भी थोड़ा सा हिस्सा आपसे ले लेते हैं।
India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें बिहार सेक्शन