डिजिटल डेस्क,कीव। जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र (जेडएनपीपी) की छठी बिजली इकाई को रविवार अपराह्न् 3:41 बजे पावर ग्रिड से काट दिया गया। यूक्रेन की राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा उत्पादक कंपनी एनरगोआटम ने कहा कि इसे ठंडा करने की तैयारी चल रही है।
एनरगोआटम ने कहा कि पिछले तीन दिनों से, छठी बिजली इकाई गंभीर रूप से कम क्षमता पर काम कर रही है, केवल संयंत्र की अपनी जरूरतों को पूरा करती है क्योंकि यूक्रेनी पावर ग्रिड के साथ सभी जेएनपीपी संचार लाइनें रूसी गोलाबारी के कारण क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
उक्रेन्स्का प्रावदा ने बताया, 1 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी मिशन, कब्जे वाले एनरहोदर में जेएनपीपी पर पहुंचा। 5 सितंबर को, आईएईए मिशन के छह प्रतिभागियों में से चार ने स्टेशन पर अपना मिशन पूरा किया, जबकि संगठन के दो प्रतिनिधियों को वहीं रहना था। 6 सितंबर को, आईएईए ने इनरहोडर की यात्रा पर एक रिपोर्ट जारी की और पुष्टि की कि रूस ने जेडएनपीपी में सैन्य कर्मियों और उपकरणों को तैनात किया है।
संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के स्थायी प्रतिनिधि सर्गेई किस्लिट्स्या ने कहा कि रूसियों ने आईएईए के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी पर दबाव बनाने की कोशिश की, जब वह जेडएनपीपी पर रिपोर्ट तैयार कर रहे थे।
आईएएनएस
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पिछले दिनों भारत के गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shan India) ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके (PoK) को लेकर एक बड़ा बयान दिया था। उन्होने कहा था कि भारत सरकार करताररपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) की तर्ज पर एक पहल की कोशिश करेगी। अब पीओके की सरकार ने शाह के सुर में सुर मिलाया है।
बॉलीवुड सेलिब्रिटी समेत कई बिजनेसमैन यहां पर घरों को एक निवेश के तौर पर भी देख रहे हैं। शिल्पा शेट्टी, शाहरुख खान और अक्षय कुमार का घर यहां पर है। इसके अलावा उद्योगपति मुकेश अंबानी और फुटबॉलर डेविड बैकहम का घर भी यहां है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मुकेश अंबानी के विला में 10 बेडरूम, एक प्राइवेट, इनडोर और आउटडोर पूल है। इसकी कीमत 8 करोड़ डॉलर है।
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चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाक पीएम शहबाज शरीफ
नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने साफ शब्दों में चीन से कह दिया है कि उसके लोग यहां बिजनेस करना बंद कर दें, अन्यथा उनकी जान जा सकती है। शरीफ ने पाकिस्तान में व्यापार कर रहे सभी चीनियों को तत्काल अपने कारोबार को समेटने के लिए कहा है। मगर आप सोच रहे होंगे कि पाकिस्तान और चीन तो दोस्त हैं, फिर आखिर ऐसा क्या हो गया कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने चीन को यह अल्टीमेटम दे डाला…तो आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला है क्या?
पाकिस्तान की ओर से अचानक मिले इस अल्टीमेटम से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हैरान हो गए हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने चीन को यह अल्टीमेटम यूं ही नहीं दिया है, बल्कि पिछले कुछ महीनों में चीन के कई नागरिक उनके देश में मारे जा चुके हैं। इसमें चीन के कई इंजीनियर, डॉक्टर और व्यापारी समेत अन्य नागरिक शामिल हैं।
चीनी नागरिकों को कौन बना रहा निशाना
अब आपको बताते हैं कि चीन के इन नागरिकों को आखिर पाकिस्तान में निशाना कौन बना रहा है। पाकिस्तान की सरकार के अनुसार विभिन्न आतंकी गुटों के निशाने पर चीनी नागरिक हैं। वह उन्हें लगातार टारगेट कर रहे हैं और उनकी जान को सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है। इसलिए पाकिस्तान की सरकार ने चीनी नागरिकों को तत्काल अपने देश से कारोबार बंद करने को कहा है। आपको बता दें कि वर्ष 2022 में ग्वादर के दासू प्रोजेक्ट पर काम कर रहे चीनी इंजीनियरों की एक बस को आतंकियों ने निशाना बनाया था, जिसमें 10 चीनी इंजीनियरों की मौत हो गई थी।
इसके अलावा पाकिस्तान के पेशावर में भी कई चीनी नागरिकों को आतंकी निशाना बना चुके हैं। पाकिस्तान में चीनी नागरिकों को निशाना बनाए जाने के पीछे एक खास वजह भी है। दरअसल पाकिस्तान के आतंकी संगठनों को लगता है कि चीनी नागरिकों की बढ़ती मौजूदगी की वजह से उनके समुदाय और इलाकों को खतरा है। वह आतंकियों के कारोबार पर भी असर डाल रहे हैं। इसलिए आतंकी चीनी नागरिकों को चुन-चुन मार रहे हैं।
पाकिस्तान को चीन से मदद नहीं मिलने का डर
आतंकियों के निशाने पर चल रहे चीनी नागरिकों को बचाने में पाकिस्तान की सरकार नाकाम साबित हो रही है। इसलिए अब वह उन्हें कारोबार बंद करने और अपने देश लौटने के लिए कह रही है। पाकिस्तान को पता है कि अगर चीनी नागरिकों की लगातार मौत होती रही तो चीन उसकी मदद करना बंद कर देगा। फिलहाल आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज की जरूरत है, जिसे चीन की मदद के बगैर हासिल करना पाकिस्तान के लिए कतई संभव नहीं है।
अल्टीमेटम के बाद चिंता में पड़ा चीन
पाकिस्तान के इस अल्टीमेटम के बाद चीन खासी चिंता में पड़ गया है। इसकी वजह है कि चाइना पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर (सीपीईसी) में चीन ने करीब 60 अरब डालर का निवेश किया है। कई वर्षों से प्रोजेक्ट चल रहा है और इस पर दो तिहाई पैसा अब तक खर्च हो चुका है। इसके अलावा भी चीन के कई प्रोजेक्ट पाकिस्तान में चल रहे हैं। ऐसे में अगर चीनी नागरिकों को पाकिस्तान से वापस लौटना पड़ा तो उनके कई अहम प्रोजेक्ट भी खटाई में पड़ सकते हैं।