Pakistan Former PM Imran Khan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जान शनिवार को मुश्किल से बची है, उनका विमान एक बड़ी दुर्घटना का शिकार होने वाला था। जब उसमें तकनीकी खामी आई, तब वह चकलाला से गुंजरावाला की तरफ जा रहा था। इमरान विशेष विमान से चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए गुंजरवाला जाने वाले थे। लेकिन विमान के उड़ान भरने के बाद ही उसमें तकनीकी खामी आ गई। जिसके तुरंत बाद फ्लाइट के कैप्टन ने कंट्रोल टावर को फोन लगाया और विमान की सुरक्षित लैंडिंग की। जिसके बाद इमरान सड़क से गुंजरावाला की रैली के लिए पहुंचे।
हालांकि अभी तक इस बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख के विमान के साथ आखिर क्या खामी हुई है। पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा है कि पीटीआई के नेता अजहर माशवानी का कहना है कि इमरान खान टेकऑफ के तुरंत बाद इस्लामाबाद लौट आए थे। उन्होंने बताया कि इमरान खान ने खराब मौसम की वजह से ये फैसला लिया है। ये स्पष्टीकरण माशवानी ने ट्वि्टर पर ऐसे वक्त पर दिया है, जब पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इमरान खान बड़े विमान हादसे से बचे हैं।
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, ये विमान पंजाब के गुंजरावाला की तरफ जा रहा था, ये तब आधे रास्ते तक ही पहुंचा, जब इसे लैंडिंग करनी पड़ी। अगर माशवानी की बात मानें, तो विमान में तकनीकी खामी वाली रिपोर्ट्स पूरी तरह फर्जी हैं।
इमरान के सामने फेल हो रहे पीएम
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ लोगों पर अपना प्रभाव डालने में विफल होते दिख रहे हैं। द न्यूज की रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान खुलेआम शरीफ की निंदा कर रहे हैं। वहीं सत्ताधारी पार्टी के गठबंधन सहयोगी और संबंधित सेक्टर हैरान हैं कि शरीफ ठीक से प्रदर्शन क्यों नहीं कर पा रहे। संघीय राजधानी क्षेत्र के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सरकारी विभागों का सेवा वितरण हमेशा की तरह निराशाजनक रहा है।
न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब का मुख्यमंत्री रहते हुए शहबाज शरीफ की नौकरशाही पर काफी अच्छी पकड़ थी लेकिन केंद्र में आते ही चीजें उनके नियंत्रण से बाहर हो गई हैं। शहबाज के एक करीबी के अनुसार, प्रधानमंत्री का ध्यान इस वक्त अर्थव्यवस्था पर है, जिसके लिए अभी तक कोई विशेष कदम नहीं उठाए गए हैं। लोगों के लिए सबसे हैरानी की बात ये भी है कि आईएमएफ से समझौता होने के बाद भी अर्थव्यवस्था सुधरने के बजाय उलटा गर्त में जाती जा रही है।
लगातार बिगड़ रहे पाकिस्तान के हालात
इस्लामाबाद में शादियों के लिए वन-डिश पॉलिसी लागू करने की घोषणा की गई, लेकिन इसके उल्लंघन की खबरें सामने आने लगी हैं। खास बात ये है कि इस तरह की सबसे अधिक खबर पंजाब प्रांत से सामने आ रही हैं, यहां के मुख्यमंत्री शहबाज थे। संघीय सरकार के विभागों में भी पब्लिग डीलिंग में कोई सुधार नहीं आया है। ऐसा कहा जा रहा है कि शहबाज शरीफ मुश्किल हालातों में प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं, ऐसे समय में जब आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। यह सत्तारूढ़ गठबंधन पर अधिक निर्भर है।
पिछले दिनों भारत के गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shan India) ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके (PoK) को लेकर एक बड़ा बयान दिया था। उन्होने कहा था कि भारत सरकार करताररपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) की तर्ज पर एक पहल की कोशिश करेगी। अब पीओके की सरकार ने शाह के सुर में सुर मिलाया है।
पाकिस्तान से ऐसी खबरें आती रहती हैं कि यहां अल्पसंख्यक समुदाय के साथ गलत व्यवहार किया जाता है। उनकी लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है। ताजा खबर है कि पाकिस्तान में 2022 में करीब 124 घटनाओं में अल्पसंख्यक समुदायों की लड़कियों और महिलाओं को जबरन धर्मांतरण कराया गया, जिसमें 81 हिंदू, 42 ईसाई और एक सिख शामिल थीं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक ह्यूमन राइट्स ऑब्जर्वर 2023 फैक्ट शीट से पता चला है कि 23 प्रतिशत लड़कियां 14 साल से कम उम्र की थीं, उनमें से 36 प्रतिशत की उम्र 14 से 18 साल के बीच थी और पीड़ितों में से केवल 12 प्रतिशत वयस्क थीं, जबकि पीड़ितों में से 28 प्रतिशत की उम्र की रिपोर्ट नहीं की गई है।
अल्पसंख्यकों के खिलाफ धार्मिक कंटेंट काफी बढ़े
2022 में सिंध में जबरन धर्म परिवर्तन के पैंसठ प्रतिशत मामले दर्ज किए गए, इसके बाद पंजाब में 33 प्रतिशत और खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में 0.8 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए। रिपोर्ट के अनुसार, फैक्ट शीट से पता चला कि वर्ष 2022 के दौरान पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ धार्मिक कंटेंट काफी बढ़ गए और शिक्षा प्रणाली में कई सार्वकालिक और नई चुनौतियां सामने आईं।
इन कानूनों का हुआ दुरुपयोग
सेंटर फॉर सोशल जस्टिस (सीएसजी) की एक रिपोर्ट में धार्मिक अल्पसंख्यकों को प्रभावित करने वाले पांच प्रमुख मुद्दों को शामिल किया गया है, जिसमें शिक्षा प्रणाली में भेदभाव, जबरन धर्मांतरण, ईशनिंदा कानूनों का दुरुपयोग, अल्पसंख्यकों के लिए राष्ट्रीय आयोग की स्थापना और अल्पसंख्यक कैदियों के लिए जेल में छूट शामिल हैं।
फैक्ट शीट क्या कहती है?
फैक्ट शीट से पता चलता है कि ईशनिंदा कानूनों के तहत 171 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें से 65 प्रतिशत मामले पंजाब में और 19 प्रतिशत सिंध में सामने आए। ईशनिंदा की सबसे ज्यादा घटनाएं कराची में देखी गई, इसके बाद चिनियोट, फैसलाबाद, गुजरांवाला, डेरा गाजी खान, ननकाना साहिब, लाहौर और शेखूपुरा का स्थान रहा।
ईशनिंदा पीड़ितों की सबसे बड़ी संख्या (88) मुस्लिम थी, उसके बाद 75 अहमदी, चार ईसाई और दो हिंदू थे, जबकि दो आरोपियों की धार्मिक पहचान का पता नहीं चल सका।
बॉलीवुड सेलिब्रिटी समेत कई बिजनेसमैन यहां पर घरों को एक निवेश के तौर पर भी देख रहे हैं। शिल्पा शेट्टी, शाहरुख खान और अक्षय कुमार का घर यहां पर है। इसके अलावा उद्योगपति मुकेश अंबानी और फुटबॉलर डेविड बैकहम का घर भी यहां है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मुकेश अंबानी के विला में 10 बेडरूम, एक प्राइवेट, इनडोर और आउटडोर पूल है। इसकी कीमत 8 करोड़ डॉलर है।