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नवोदय विद्यालय में एडमिशन लेने का आखिरी मौका है।
नवोदय विद्यालय में अपने बच्चे का एडमिशन करवाना चाहते हैं तो जल्दी करें! क्योंकि नवोदय विद्यालय में क्लास 6 में आवेदन करने की अंतिम तारीख 31 जनवरी, 2023 है। जो उम्मीदवार जवाहर नवोदय विद्यालय में एडमिशन लेना चाहते हैं, उन्हें नवोदय विद्यालय की ऑफिशियल वेबसाइट navodaya.gov.in पर आवेदन करना होगा। ध्यान दें कि परीक्षा 29 अप्रैल, 2023 को आयोजित की जाएगी।
29 अप्रैल को होगी परीक्षा
नवोदय विद्यालय समिति (NYS) कक्षा 6 की प्रवेश प्रक्रिया 2023 2 जनवरी से शुरू हो चुकी है। 2 जनवरी, 2023 से रजिस्ट्रेशन शुरू हुए थे। उम्मीदवार 31 जनवरी, 2023 तक आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। जो छात्र नवोदय विद्यालय कक्षा 6 प्रवेश 2023 के लिए नामांकन करना चाहते हैं, उनके माता-पिता को कल तक फॉर्म भरना होगा। फिर इसके बाद कोई भी आवेदन एक्सेप्ट नहीं किया जाएगा। यह एडमिशन प्रोसेस जवाहरलाल नवोदय विद्यालय में कक्षा 6 में एनरोलमेंट के लिए छात्रों के लिए एंट्रेंस एग्जाम पर आधारित है। कक्षा 5 की परीक्षा पास करने वाले ही छात्र ही जेएनवी कक्षा 6 में प्रवेश के लिए पात्र हैं। इसके लिए परीक्षा 29 अप्रैल, 2023 को आयोजित होगी।
कब होगी एडमिट कार्ड जारी?
ध्यान दें कि एडमिट कार्ड की डेट की घोषणा नहीं की गई है। यह जल्द ही जारी किया जाएगा। इसके बाद एग्जाम आयोजित होगें उसके बाद रिजल्ट की घोषणा की जाएगी। छात्रों को सलाह दी जाती है कि एनवीएस से संबंधित नवीनतम अपडेट के लिए, एनवीएस वेबसाइट जरूर देखें।
JNV Class 6 Admission 2023: ऐसे करें अप्लाई
उम्मीदवार सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट navodaya.gov.in पर जाएं।
इसके बाद ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा करने के लिए दिए लिंक क्लिक करें।
फिर छात्रों को इसमें “क्लास 6 रजिस्ट्रेशन के लिए यहां क्लिक करें” पर क्लिक करना होगा।
इसके बाद छात्र को रजिस्टर्ड करें और फिर अन्य डिटेल डालें।
अब फीस का भुगतान करें और फॉर्म जमा करें।
अंत में फॉर्म डाउनलोड करें और उसी का प्रिंट आउट अपने पास जरूर रख लें।
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पाकिस्तान की माली हालत काफी खराब है इसका नमूना आए दिनों देखने को मिल रहा है। हाल ही में पाकिस्तान के पेशावर में आटा बांट रहे ट्रक पर लोगों ने धावा बोल दिया। आटे की लूट से पूरा सिस्टम ध्वस्त हो गया है।
दिल्ली में कार हादसे का एक हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में एक तेज रफ्तार बेकाबू कार को सड़क पर घिसटते और कई बार पलटते देखा जा सकता है. पूरी घटना दक्षिणी दिल्ली के सीआर पार्क इलाके की है. इस घटना में एक 17 साल के स्कूली छात्र को मामूली चोटें आई हैं, उसे बाद में पास के एक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है. बेकाबू कार ने सामने खड़ी एक कैब को भी टक्कर मारी है. इस घटना में कैब चालक गौरव को भी चोटें आई हैं.
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पुलिस की जांच में पता चला है कि बेकाबू कार के पलटने के बाद वो सामने खड़ी एक कैब से जा टकराई. घटना के समय कैब चालक गौरव अपनी गाड़ी में अकेला था. पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो वहां बलेनो कार के साथ-साथ एक स्विफ्ट कार क्षतिग्रस्त स्थिति में दिखी.
कैब चालक गौरव ने पुलिस को बताया है कि बलेनो कार का चालक अपनी कार को काफी तेजी से चलाता हुई उसकी कार की तरफ बढ़ रहा था औऱ बाद में उसने उसकी कार को पीछे से टक्कर मार दी. इस मामले को लेकर पुलिस फिलहाल सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है, साथ ही घटना के समय आसपास मौजूद लोगों से भी पूछताछ की जा रही है.
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यूपी में नगर निकाय चुनाव का रास्ता साफ
यूपी निकाय चुनाव 2023: निकाय चुनाव का रास्ता अब साफ हो गया है। जातिगत आरक्षण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने की अधिसूचना जारी करने की अनुमति दे दी है। ओबीसी आरक्षण के मुद्दे की जांच के लिए गठित एक समर्पित आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी है, जिसके बाद कोर्ट ने सरकार को चुनाव कराने की अनुमति दी है। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अदालत के पिछले आदेश के आधार पर यूपी पिछड़ा वर्ग आयोग के लिए एक अधिसूचना जारी की है।
दो दिनों में जारी कर दी जाएगी अधिसूचना
न्यायालय की इस पीठ में शामिल जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जेबी पदीर्वाला की पीठ ने कहा कि आयोग का कार्यकाल छह महीने का था, इसे 31 मार्च, 2023 तक अपना कार्य पूरा करना था, जबकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि रिपोर्ट 9 मार्च को पेश की गई है। पीठ ने आगे कहा कि इसके बाद अब स्थानीय निकाय चुनावों की अधिसूचना दो दिनों में जारी कर दी जाएगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल जनवरी में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण दिए बिना शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर रोक लगा दी थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने तब अदालत के समक्ष तर्क दिया था कि उसने ओबीसी के प्रतिनिधित्व के लिए डेटा एकत्र करने के लिए पहले से ही एक समर्पित आयोग का गठन किया है।
हाई कोर्ट ने जारी कर दिया था आदेश
पिछले साल दिसंबर में उच्च न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित ट्रिपल टेस्ट फार्मूले का पालन किए बिना ओबीसी आरक्षण के मसौदे को तैयार करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आदेश पारित किया था। शीर्ष अदालत ने पिछले साल मई में ‘के. कृष्ण मूर्ति (डॉ.) और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य’ (2010) में संविधान पीठ के फैसले का हवाला दिया था, जिसमें कहा गया था कि ओबीसी आरक्षण के लिए पहले ‘ट्रिपल टेस्ट शर्तो’ को पूरा करना होगा।
इससे पहले इस साल मार्च में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह, जिन्होंने आयोग का नेतृत्व किया था और चार अन्य सदस्य – सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी चोब सिंह वर्मा, महेंद्र कुमार और पूर्व अतिरिक्त कानून सलाहकार संतोष कुमार विश्वकर्मा और ब्रजेश कुमार सोनी मिले थे। मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर जाकर शहरी विकास मंत्री ए.के. शर्मा और शहरी विकास विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में रिपोर्ट सौंपी।