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जब अपने बयानों को लेकर चर्चा में आए थे स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती, पीएम मोदी से की थी ये मांग

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डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में रविवार को दोपहर करीब 3 बजे द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का निधन हो गया है। उनके निधन के बाद उनके शिष्यों में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती हिंदू सम्राट थे और उनके बड़ी तादाद में अनुयायी भी थे। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती हमेशा अपनी बेबाक आवाज के लिए जाने जाते थे।

अक्सर इन्हीं वजह से वो हमेशा सुर्खियों में भी रहते थे। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती श्रीराम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट पर लगे जमीन घोटाले के आरोप के बाद सवाल उठाया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को लापरवाह बताते हुए उन्हें हटाने तक की मांग कर डाली थी। 

स्वामी स्वरूपानंद ने खड़े किए थे सवाल

राम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट पर लगे जमीन घोटाले के आरोप पर स्वामी स्वरूपानंद ने बयान दिया था कि सरकार ने ट्रस्ट बनाया और भ्रष्टाचारियों को शामिल कर लिया गया है। चंपत राय कौन थे, उनके बारे में भी किसी को पता नहीं था। फिर भी उन्हें राम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट का सर्वे-सर्वा बना दिया गया। 

बीजेपी सरकार को घेरा था

गौरतलब है कि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने बीजेपी पर हमलावर दिखे थे। साथ ही आरएसएस को भी कटघरे में खड़ा किया था। उस दौरान श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण ट्रस्ट जमीन घोटाले को लेकर देशभर में काफी सियासत भी हुई थी और बीजेपी की बड़ी किरकिरी हुई थी। गौरतलब है कि राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण ट्रस्ट पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने जमीन खरीदने के नाम पर बड़ा घोटाला करने का गंभीर आरोप लगाया था।

मंदिर शिलान्यास समय पर उठाया था सवाल
 
स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मंदिर के शिलान्यास पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास शुभ मुहूर्त में न होकर अशुभ मुहूर्त में किया गया है। जिसका मैंने खुद विरोध किया लेकिन इस पर किसी का ध्यान नहीं गया। इन्हीं वजह से न्यासियों की बुद्धि खराब हो चुकी है, जिसका उदाहरण प्रत्यक्ष दिखने लगा है।

चंपत राय पर साधा था निशाना

स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर जमकर हमला बोला था और कहा था कि मंदिर निर्माण के लिए जो भी धनराशि आ रही, उससे महंगे दामों में जमीन खरीदी जा रही है। चंपत राय कह रहे हैं कि मेरे ऊपर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लग चुका, मुझे किसी आरोप की परवाह नहीं। फिर इतने गैरजिम्मेदार लोग वहां कैसे बैठे हैं। इन्हें तुरंत पीएम मोदी को न्यास पद से हटा देना चाहिए। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के इस बयान के बाद देशभर में हलचल तेज हो गई थी। विपक्षी दल भी इस पूरे मामले को राजनीतिक तूल देने में जुट गए थे। 



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Aadhaar Voter ID Link: 31 मार्च से पहले आधार से वोटर आईडी करें लिंक, बेहद सिंपल है प्रोसेस

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केंद्र सरकार ने आधार कार्ड से वोटर आईडी कार्ड लिंक करने का सुझाव दिया है। इसके लिए सरकार की ओर से 1 मार्च 2023 की डेडलाइन तय की थी। हालांकि अब सरकार ने इस डेडलाइन को बढ़ाकर 31 मार्च 2024 कर दिया है। ऐसे में यूजर्स के पास पूरे एक साल का अतिरिक्त वक्त है। इस दौरान यूजर्स आधार कार्ड को वोटर आईडी कार्ड से ऑनलाइन लिंक कर सकता है। क्या होगा फायदा
आधार कार्ड से वोटर आईडी कार्ड के लिंक होने के बाद फर्जी वोटिंग पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। हालांकि यह स्वैच्छिक नियम है। मतलब ऐसा नहीं है कि अगर आप आधार से वोटर आईडी कार्ड को लिंक नहीं करतें, तो आपका वोटर आईडी कार्ड रद्द हो जाएगा। सरकार ने साफ किया है कि वो आधार से वोटर आईडी कार्ड नहीं लिंक कराने वाले नागरिकों से वोटिंग का अधिकार नहीं छीनने जा रही है। हालांकि अगर आप आधार से वोटर आईडी कार्ड लिंक कर लेते हैं, तो अच्छा रहेगा।

कैसे आधार से वोटर आईडी करें लिंक

  • सबसे पहले आपको गूगल प्ले स्टोर से वोटर हेल्पलाइन ऐप को डाउनलोड करना होगा।
  • इसके बाद आपको वोटर हेल्पलाइन ऐप को ओपन करके अपना स्वीकृत देनी होगी। फिर ‘Next’ बटन पर क्लिक करना होगा।
  • फिर ‘वोटर रजिस्ट्रेशन’ पर क्लिक करना होगा।
  • इसके बाद ‘इलेक्टोरल ऑथेंटिकेशन फॉर्म’ पर क्लिक करना होगा।
  • फिर स्टार्ट बटन पर क्लिक करना होगा और मोबाइल नंबर दर्ज करा होगा।
  • इसके बाद ओटीपी से वेरिफाई करना होगा। फिर नेक्स्ट पर क्लिक करना होगा।
  • इसके बाद वोटर आईडी या EPIC नंबर दर्ज करना होगा।
  • इसके बाद वेरिफिकेशन के साथ ही आधार नंबर, मोबाइल नंबर देने के बाद सब्मिट बटन पर क्लिक करना होगा।



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SIM Card Rules लागू, जान लें वरना 2 साल के लिए मोबाइल नंबर होगा ब्लॉक

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केंद्र सरकार स्पैम और फ्रॉड कॉल को लेकर सख्त हो गई है। सरकार की ओर से फ्रॉड और स्पैम कॉल से यूजर्स को निजात दिलाने के लिए प्लान बनाने का निर्देश दिया था। इसे लेकर ट्राई की ओर से बीते 23 फरवरी को एक बैठक की गई थी। इस बैठक में आम सहमित से एक प्लान बनाया गया है, जिसके तहत कोई यूजर अपने पर्सनल मोबाइल नंबर का इस्तेमाल प्रमोशन और स्पैम कॉल के लिए करता है, उस मोबाइल नंबर को 2 साल के लिए ब्लॉक कर दिया जाएगा। साथ ही उस पते पर कोई नया सिम कार्ड नहीं जारी किया जाएगा। 10 डिजिट वाले मोबाइल नंबर के लिए नया प्लान
जिसके तहत ट्राई ने प्रमोशन कॉल के लिए अलग से नए 10 डिजिट वाले मोबाइल नंबर जारी करने का निर्देश दिया है, जिससे यूजर्स दूर से प्रमोशन और स्पैम कॉल को पहचान पाएं। साथ ही मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से स्पैम और फ्रॉड कॉल पर लगाम लगाने का तंत्र विकसित करने का निर्देश दिया गया है।

जारी होंगे नए मोबाइल नंबर
TRAI के टेलीकॉम कंपनियों को 7 अलग-अलग कैटेगरी के तहत 10 डिजिट वाले मोबाइल नंबर जारी करने का निर्देश दिया गया है, जिससे प्रमोशन और स्पैम कॉल को पहचाना जा सके। इसके लिए ट्राई ने 7 कैटेगरी बनाई है। इन सभी कैटेगरी के लिए अलग-अलग तरह के मोबाइल नंबर जारी किए जाएंगे। जिससे यूजर्स फ्रॉड और स्पैम कॉल को पहचान करके उसे ब्लॉक कर पाएंगे। इसके अलावा डू नॉट डिस्टर्ब यानी डीएनडी को बेहतर बानाने पर जोर दिया है।

यह होगी नई मोबाइल कैटेगरी

  • बैंकिंग/इंश्योरेंस/फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स/क्रेडिट कार्ड
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • उपभोक्ता सामान और ऑटोमोबाइल
  • कम्युनिकेशन/प्रसारण/मनोरंजन/आईटी
  • पर्यटन



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iPhone खरीदने के लिए नहीं हैं पैसे! कंपनी दे रही ही फ्री में Phone

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ऐपल ने एक नई सर्विस क्रेडिट सर्विस लॉन्च किया है, जिसे “बाय नाउ पे लेटर” नाम दिया गया है। इस सर्विस की मदद से यूजर बिना पैसे के ऐपल डिवाइस जैसे iPhone, iPad खरीद पाएंगे। ऐपल की इस सर्विस की मदद से वो यूजर्स भी iPhone जैसे महंगे प्रोडक्ट खरीद पाएंगे, जिनकी मंथली इनकम कम है। इस स्कीम से ऐपल डिवाइस के सेल में इजाफा होने की उम्मीद है। कैसे काम करे बाय नाउ पे लेटर सर्विस
ऐपल की नई बाय नाउ पे लेटर सर्विस को लोन सर्विस है। हालांकि इस सर्विस में यूजर्स से ब्याज के साथ किसी अन्य तरह का चार्ज नहीं लिया जाएगा। साथ ही पेमेंट को चुकाना भी आसान है। ऐपल की ओर से पेमेंट को चार्ज हिस्सों में बांटकर कर्ज अदायगी का ऑप्शन दिया जा रहा है। मतलब अगर आप 1 लाख का फोन खरीदते हैं, तो उसे आप 4 माह में 25 हजार रुपये देकर चुकाया जा सकेगा। साथ ही ऐपल प्रोडक्ट खरीदने के 6 सप्ताह यानी करीब 45 दिन बाद आपको पहली किस्त देनी होगी।

कितना ले पाएंगे लोन
ऐपल की ओर से यूजर्स को 4113 रुपये से लेकर 82,271 रुपये का कर्ज ले पाएंगे। इस सर्विस का लुत्फ ऐप्पल पे के जरिए उठाया जा सकता है। साथ ही ऑनलाइन और इन ऐप से आईफोन और आईपैड खरीदने पर बाय नाउ पे सर्विस का लुत्फ उठाया जा सकता है।

लोन देने के लिए कंपनी ने तय की शर्तें
हालांकि ऐपल उन्हीं यूजर्स को लोन देगा, जिसका क्रेडिट स्कोर अच्छा होगा। मतलब ऐपल पता लगाएगा कि जिन यूजर्स को लोन दिया जा रहा है, उनकी वित्तीय हालात लोन चुकाने की स्थिति में है या नहीं? इस जांच के बाद यूजर्स iPhone और iPad को ऑनलाइन खरीदने के दौरान बाय नाउ पे लेटर सर्विस का लुत्फ उठा पाएंगे।



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