बैजूस के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी बैजू रवींद्रन ने अपनी टीम को एक साल के अंत में लिखे पत्र में कहा कि 2022 बैजूस के लिए निर्णायक साल रहा।रवींद्रन ने पत्र में कहा, ‘कई वर्षों तक बाजार में छाए रहने के बाद भी हमें लंबी अवधि के लिए सफलता और सहजता बरकरार रखने के लिए और बेहतर समय की आवश्यकता थी। हालांकि, इस साल में आई चुनौतियों ने हमें भविष्य में आने वाले कठिन दौर से निपटने और आने वाले दशकों में विकास का रास्ता हासिल करने के लिए तैयार कर दिया है।’
उन्होंने आगे लिखा, ‘2022 सभी तरह के टेक व्यापारों के लिए सीख वाला वर्ष रहा। हमने भी इसमें सीख ली और विकास भी किया। यह साल आंतरिक बोध और जोखिम लेने वाला रहा, लेकिन चुनौतियों से हारने के बावजूद हम डटे रहे।’ कंपनी की हालिया आलोचना पर उन्होंने कहा, ‘नफरत सार्वजनिक है और प्यार निजी है। आलोचना एक बात है, और निंदा एक और बात है। हालांकि, हम इस नकारात्मकता से निडर हैं क्योंकि हम सच्चाई जानते हैं। हर हफ्ते, हमें अपने छात्रों से हजारों संदेश मिलते हैं, जो हमें अपना प्यार और आभार व्यक्त करते हैं।’
भारत में सबसे अधिक मूल्यवान यूनिकॉर्न कंपनी बैजूस, हाल के दिनों में कोर्स छोड़ने वाले छात्रों पर अपनी नीतियों, कर्मचारियों को बर्खास्त करने और अपने वित्तीय दाखिल करने में लगातार देरी पर कड़ी आलोचना के घेरे में आई थी। हाल ही में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने कंपनी की सेल्स टीम द्वारा छात्रों के साथ गलत व्यवहार किए जाने पर फटकार लगाई थी।
रवींद्रन ने स्वीकार किया कि बैजूस के पहले छह साल स्थिर विकास के थे, और 2017 से लेकर 2021 तक के चार वर्षों में कंपनी ने तेजी से वृद्धि देखी। रवींद्रन ने कहा, ‘हम उत्पाद के लिहाज से बढ़े और हमने सेवा के लिहाज से तरक्की की। हम संगठित रूप से बढ़े। हम भारत के साथ दुनिया भर में बढ़े। बैजूस का तीसरा, अंतिम और हमेशा के लिए चरण सतत विकास का होगा। जहां हम इस तीसरे चरण के 2024 में शुरू होने की उम्मीद कर रहे थे, 2022 के बड़े आर्थिक परिवर्तनों का मतलब था कि हमें इस साल ही लाभप्रदता की राह पर चलना होगा।’
कार्यक्षमता के साथ विकास कंपनी का इस साल का लक्ष्य था। इसका मतलब यह नहीं था कि निवेश कम किया जाएगा। इसका मतलब था कि कंपनी अधिक निवेश और प्राथमिकता तय करके काम करेगी। रवींद्रन ने कहा, ‘लेकिन ऐसा नहीं हुआ, इसका मतलब यह भी था कि मुझे अपने परिवार के कुछ सदस्यों को जाने देकर अपने जीवन का सबसे दर्दनाक फैसला करना पड़ा। मौजूदा आर्थिक स्थितियों और हमारी अधिग्रहीत कंपनियों के एकीकरण ने इसे असंभव बना दिया है। हमने अपने सेल्स मॉडल को आंतरिक सेल की ओर भी स्थानांतरित कर दिया है, जो बैजूस की मजबूत ब्रांड और ग्राहकों के भरोसे का परिणाम है।’
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