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‘चिराग vs पशुपति पारस’, बिहार में अब छिड़ेगी चाचा-भतीजे की जंग?

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चाचा पशुपति का ऐलान, क्या करेंगे भतीजे चिराग पासवान

पटना: केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने बड़ा एलान किया है। पारस ने कहा है कि, “एनडीए की बैठक के दौरान, चिराग पासवान मुझसे मिले और मेरे पैर छुए जिसके बाद मैंने उन्हें अपना आशीर्वाद दिया। इसके बाद, कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया कि हमने फिर से हाथ मिला लिया है। हालांकि, मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि यह मामला नहीं है।” पारस ने आगे कहा कि मैं हाजीपुर से ही चुनाव लड़ूंगा, यह मेरा अधिकार है. मैं वहां का सांसद हूं, मैं भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री हूं और एनडीए का पुराना और भरोसेमंद सहयोगी हूं।

https://twitter.com/ANI/status/1682719046494732288?s=20

चिराग ने भी किया था एलान-हाजीपुर से ही लड़ूंगा चुनाव

बता दें कि रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति पारस के पैरे ऐसे समय छुए हैं जब दोनों नेता हाजीपुर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने को लेकर अपने-अपने दावे कर रहे हैं। इससे पहले चिराग पासवान ने दिल्ली में कहा कि वह हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे। इस समय पशुपति पारस यहां से लोकसभा सांसद है।

केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने शनिवार को अपने भतीजे चिराग पासवान को फटकार लगाई, जिन्होंने दिवंगत पिता राम विलास पासवान के निर्वाचन क्षेत्र पर दावा किया है। यहां अपनी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, पारस ने विश्वास जताया कि भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए सीट पर उनके दावे का समर्थन करेगा, न कि चिराग का, जो अभी तक गठबंधन का हिस्सा नहीं बने हैं।

चाचा-भतीजे में छिड़ सकती है जंग

पारस ने कहा, “मैं एनडीए का हिस्सा हूं और इसमें कोई संदेह नहीं है। दूसरी ओर, चिराग दिल्ली में एनडीए की बैठक में शामिल हुए थे, लेकिन संसद के अंदर बुलाई गई गठबंधन के सांसदों की बैठक में उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया था। यह सब कुछ कहता है।”

उन्होंने यह भी कहा, “मुझे चिराग के साथ मतभेद की अटकलों को खारिज करना चाहिए, जो दिल्ली में मेरे पैर छूने और मेरे द्वारा उन्हें आशीर्वाद देने की तस्वीरों के बाद उठी हैं। यह बिहार और मिथिला क्षेत्र की संस्कृति का एक हिस्सा है, जहां से हम आते हैं। ऐसा कुछ नहीं है कि हमारे मतभेद खत्म हो गए हैं।”

पशुपति पारस ने कहा-रामविलास मेरे भाई भी थे

पारस ने उन खबरों को भी खारिज कर दिया कि वह राज्यसभा का रास्ता अपना सकते हैं या गवर्नर पद के लिए समझौता कर सकते हैं, जिससे उनके भतीजे के साथ गतिरोध समाप्त हो जाएगा। पारस ने कहा “दुनिया की कोई भी ताकत मुझे अगले चुनाव में हाजीपुर से चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती। ऐसी सभी रिपोर्टें, जो अन्यथा कहती हैं, बरसात के मौसम में मेंढकों की आवाज की तरह हैं। आप इन्हें सुन सकते हैं क्योंकि यह चुनावी वर्ष है, लेकिन ऐसी कहानियों में कोई दम नहीं है।”

जब यह बताया गया कि चिराग हाजीपुर पर अपना दावा कर रहे हैं, तो इसे अपने दिवंगत पिता की “कर्मभूमि” कहते हैं, जिन्होंने दशकों से इस सीट का पालन-पोषण किया था, पारस ने कहा, “दिवंगत पासवान मेरे भी भाई थे। जब मेरे भाई ने मुझे बताया कि वह चाहते हैं कि मैं हाजीपुर से लड़ूं, तो मैंने शुरू में अपनी अनिच्छा दिखाई। मैंने उनसे सीट के लिए चिराग या उनकी मां (भाभी जी) पर विचार करने के लिए कहा। लेकिन मेरा भाई जिद पर अड़े रहे।”

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मराठा कोटा के लिए भूख हड़ताल करने वाले ने लगाई फांसी, 13 महीने का है बच्चा

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खुदकुशी करने वाले शख्स की पहचान सुदर्शन देवराय के रूप में की है। देवराय ने नांदेड़ जिले की हिमायतनगर तहसील में रविवार आधी रात के बाद कथित तौर पर खुदकुशी कर ली।



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भारत ने कनाडा के राजनयिक को निकाला, 5 दिन में देश छोड़ने का आदेश

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Image Source : PTI/AP
भारत-कनाडा।

कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक रिश्ते बुरे दौर में जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत पर अनर्गल आरोपों के बाद कनाडा ने भारतीय राजनयिक को बर्खास्त कर दिया था। अब इस कदम के जवाब में भारत सरकार ने भी कनाडा के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। भारत सरकार ने भी एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को बर्खास्त कर दिया है और उन्हें 5 दिनों में देश छोड़ने का आदेश दिया है। 

उच्चायुक्त तलब


कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के भारत विरोधी कदमों के बाद भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने विरोध जताने के लिए भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैकेई को तलब किया था। ऐसा माना जा रहा था कि कनाडा को जवाब देने के लिए भारत सरकार भी कड़ा कदम उठा सकती है। 

विदेश मंत्रालय का बयान

भारतीय विदेश मंत्रालय ने जारी किए गए बयान में कहा है कि भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैकेई को आज तलब किया गया। उन्हें भारत में रह रहे एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के भारत सरकार के फैसले के बारे में सूचित किया गया। संबंधित राजनयिक को अगले पांच दिनों के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।

क्यों तल्ख हुए रिश्ते?

G-20 समिट में फटकार खाने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत विरोधी कदमों में जुट गए हैं। ट्रू़डो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का कनेक्शन भारत से जोड़ते हुए भारत के एक राजनयिक को निकाल दिया था। हालांकि, भारत सरकार ने कनाडाई पीएम के आरोपों को बेबुनियाद और आधारहीन करार दिया है। भारत ने साथ ही कनाडा से आतंकी तत्वों पर कार्रवाई करने की मांग की है। भारत ने कहा है कि इस तरह के बयान खालिस्तानियों से ध्यान हटाने के लिए दिए गए हैं।

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Parliament Session New Bill: महिला आरक्षण से ही होगा नई संसद का ‘श्रीगणेश’, आज ही पेश करने की तैयारी

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महिला आरक्षण बिल को लेकर स्थिति लगभग साफ होती नजर आ रही है। खबर है कि सरकार मंगलवार को ही संसद में बिल पेश कर सकती है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। सोमवार को कैबिनेट बैठक में विधेयक पर मुहर लगा दी गई थी। इधर, महिला आरक्षण का श्रेय लेने के लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में होड़ लगती नजर आ रही है।

खास बात है कि मंगलवार से ही विशेष सत्र नए संसद भवन में पहुंच रहा है। ऐसे में अगर सरकार महिला आरक्षण बिल आज पेश कर देती है, तो नई संसद में पेश होने वाला यह पहला बिल होगा। हालांकि, यह बिल करीब 27 सालों से लंबित है और कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार ने साल 2010 में इसे राज्यसभा में पास करा लिया था।



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