चाइनीज मोबाइल कंपनी पर टैक्स चोरी का आरोप लगा था। पिछले काफी लंबे वक्त से भारत सरकार टैक्स चोरी को लेकर चाइनीज कंपनियों की जांच कर रही है। ऐसा आरोप है कि चीन की कंपनियां भारत में कमाए गए रुपये को गलत तरीके से विदेश भेज रही हैं। मतलब ये कंपनियां भारत में कारोबार नुकसान दिखाकर टैक्स बचा रही हैं। अगर ऐसा था, तो फिर इन चाइनीज कंपनियों की ओर से विदेश कैसे पैसे भेजे जा रहे हैं। हालांकि चाइनीज कंपनियों की चाल की सरकार ने हवा निकला दी।
8000 रुपये टैक्स चोरी का आरोपइस बारे में सरकार ने संसद को सूचित किया है, जिसके मुताबिक
शाओमी,
वीवो और
ओप्पो ने भारत से करीब 8,000 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की है। हालांकि सरकार ने करीब सारे पैसों की वसूली कर ली है। चाइनीज कंपनियों ने कीरब 6 साल में करीब 1108 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की है। इसमें से करीब 1025 करोड़ रुपये की वसूली कर ली गई है।
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शाओमी टैक्स चोरी
- साल 2019-20 – 653 करोड़ रुपये
- साल 2020-21 -23.99 करोड़ रुपये
- साल 2022 – 4.61 करोड़ रुपये
ओप्पो टैक्स चोरी
- साल 2017-21 – 4,403 करोड़ रुपये
टैक्स चोरी के आरोप में शामिल कंपनियां
- Oppo
- Vivo
- Xiaomi
- Itel
- Tecno
- Infinix
- Realme
- Oneplus
वसूला गया पैसा
शाओमी ने साल 2019-20 में 31,77,721 रूपये ब्याज दिया। जबकि पेनल्टी के तौर पर 13,30,143 रुपये दिए।
नोट – हालांकि चाइनीज मोबाइल कंपनियां सफाई देती रही कि उनकी तरफ से टैक्स चोरी नहीं किया गया है। चाइनीज कंपनियों की मानें, तो वो भारत में पूरी तरह से लोकल नियम और कानून को मानती हैं।
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