खेड़ा: गुजरात के खेड़ा जिले में शिवजी की सवारी पर पथराव हुआ था। घटना ठासरा के राम चौक इलाके की थी, जिसमें श्रावण मास के आखिरी दिन शिव यात्रा निकल रही थी, इसी दौरान दो समुदायों के लोग आपस में भिड़ गए और पथराव शुरू कर दिया। घटना का वीडियो भी सामने आ चुका है। अब तक ठासरा हिंसा मामले में कुल 3 FIR दर्ज की गई हैं। ठासरा हिंसा मामले में अब तक कुल 11 लोग गिरफ्तार किये गए हैं।
हिंदुओं की शिकायत में इन लोगों के नाम
मोहम्मद अबरार रियाजुद्दीन सैयद
अशफाक भाई मझिर मियां बेलिम
जाहिद अली मोहम्मद अली सैयद अतीक मलिक
अहद सैयद
हारून पठान
रुकमुद्दीन रिकात अली सैयद
फिरोज मजीद खान पठान
इदरीस उर्फ कालू
नावेद
जुनैद
तनवीर सैयद लवली स्टूडियो वाला
फैजान सैयद आईसर गाड़ी वाला
फहीम बैटरी
जाबिर खान इनायत खान पठान
चिकन जिसका पूरा नाम पता नहीं
अल्ताफ खान मुखत्यार खान पठान और तकरीबन 50 मुस्लिमों की भीड़
पुलिस कांस्टेबल और मुस्लिमों की शिकायत के आधार पर भी FIR
पुलिस कांस्टेबल की शिकायत के अनुसार, मोहम्मद अबरार रियाजुद्दीन सैयद, लकेत अली, आदिल सैयद मोहम्मद अमीन मंसूर अली और तकरीबन 70 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
मुस्लिमों की शिकायत में 1000 से 1500 लोगों की हिंदू भीड़ के खिलाफ FIR दर्ज हुई है। इन पर आरोप है कि इन्होंने मुसलमानों की संपत्ति और धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाया है।
नूंह में भी हुआ था पथराव
इससे पहले बीते महीने ही हरियाणा के नूंह से ऐसी ही खबर सामने आई थी, जहां निकली हिंदू संगठनों की धार्मिक यात्रा के दौरान हिंसा और पथराव हुआ था। इस दौरान खेड़ला चौक के पास स्थित मकानों तथा दुकानों के साथ-साथ नल्हड़ स्थित शिव मंदिर के पास अरावली पहाड़ी के एक सिरे पर पत्थर एकत्र कर रखे गए थे। दो दिन पहले ही डंपर में लादकर पत्थर चौक के पास लाए गए थे। यह पहला मौका था जब धार्मिक यात्रा के दौरान यहां पथराव किया गया था। इसके बाद दिल्ली की जहांगीर पुरी में हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर निकली धार्मिक यात्रा में विशेष धर्म के युवकों द्वारा छतों से पथराव किया था।
खुदकुशी करने वाले शख्स की पहचान सुदर्शन देवराय के रूप में की है। देवराय ने नांदेड़ जिले की हिमायतनगर तहसील में रविवार आधी रात के बाद कथित तौर पर खुदकुशी कर ली।
कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक रिश्ते बुरे दौर में जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत पर अनर्गल आरोपों के बाद कनाडा ने भारतीय राजनयिक को बर्खास्त कर दिया था। अब इस कदम के जवाब में भारत सरकार ने भी कनाडा के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। भारत सरकार ने भी एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को बर्खास्त कर दिया है और उन्हें 5 दिनों में देश छोड़ने का आदेश दिया है।
उच्चायुक्त तलब
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के भारत विरोधी कदमों के बाद भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने विरोध जताने के लिए भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैकेई को तलब किया था। ऐसा माना जा रहा था कि कनाडा को जवाब देने के लिए भारत सरकार भी कड़ा कदम उठा सकती है।
विदेश मंत्रालय का बयान
भारतीय विदेश मंत्रालय ने जारी किए गए बयान में कहा है कि भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैकेई को आज तलब किया गया। उन्हें भारत में रह रहे एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के भारत सरकार के फैसले के बारे में सूचित किया गया। संबंधित राजनयिक को अगले पांच दिनों के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।
क्यों तल्ख हुए रिश्ते?
G-20 समिट में फटकार खाने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत विरोधी कदमों में जुट गए हैं। ट्रू़डो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का कनेक्शन भारत से जोड़ते हुए भारत के एक राजनयिक को निकाल दिया था। हालांकि, भारत सरकार ने कनाडाई पीएम के आरोपों को बेबुनियाद और आधारहीन करार दिया है। भारत ने साथ ही कनाडा से आतंकी तत्वों पर कार्रवाई करने की मांग की है। भारत ने कहा है कि इस तरह के बयान खालिस्तानियों से ध्यान हटाने के लिए दिए गए हैं।
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महिला आरक्षण बिल को लेकर स्थिति लगभग साफ होती नजर आ रही है। खबर है कि सरकार मंगलवार को ही संसद में बिल पेश कर सकती है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। सोमवार को कैबिनेट बैठक में विधेयक पर मुहर लगा दी गई थी। इधर, महिला आरक्षण का श्रेय लेने के लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में होड़ लगती नजर आ रही है।
खास बात है कि मंगलवार से ही विशेष सत्र नए संसद भवन में पहुंच रहा है। ऐसे में अगर सरकार महिला आरक्षण बिल आज पेश कर देती है, तो नई संसद में पेश होने वाला यह पहला बिल होगा। हालांकि, यह बिल करीब 27 सालों से लंबित है और कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार ने साल 2010 में इसे राज्यसभा में पास करा लिया था।