गोरखपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गोरखपुर स्थित गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने की संभावना है. गीता प्रेस के प्रबंधक लालमणि त्रिपाठी ने बृहस्पतिवार को बताया कि प्रधानमंत्री ने शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है. हालांकि, प्रबंधन ने 30 मई को यह कार्यक्रम रखने का अनुरोध किया है, लेकिन तिथि के निर्धारण पर अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री कार्यालय लेगा.
L2E Empuraan First Glimpse in Hindi: लुसिफर 2 की पहली झलक हुई रिलीज
नई दिल्ली:
मलयालम सिनेमा, जिसे अक्सर बौद्धिक रूप से समृद्ध कहानियों का केंद्र माना जाता है, ने पिछले कुछ वर्षों में लगातार शानदार फिल्में बनाई हैं जो अपने में गहराई और मैच्योरिटी समेटे हुए हैं. इस सफलता का एक मुख्य कारण प्रतिभाशाली एक्टर रहे हैं जिन्होंने अपने भरोसेमंद और यथार्थवादी एक्टिंग से मलयालम फिल्मों को विश्व स्तर पर ऊंचा उठाया है. मोहनलाल, जिन्हें प्यार से ‘कम्प्लीट एक्टर’ के नाम से जाना जाता है, मलयालम सिनेमा के बहुमुखी अभिनेताओं में से एक हैं. इंडस्ट्री में चार दशकों से अधिक और 350 से ज्यादा फिल्मों के साथ वह मलयालम सिनेमा सुपरस्टार हैं. उनकी अभिनय क्षमता और बॉक्स ऑफिस पर उनकी अटूट पकड़ उन्हें आज भी मलयालम सिनेमा के सबसे महंगे एक्टर में से एक बनाती है. फिल्म की इस पहली झलक में विवेक ओबेरॉय और मंजू वारियर भी नजर आ रहे हैं. इस तरह इस पहली झलक में मोहनलाल के एक्शन को देखा जा सकता है.
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एक्टर से डायरेक्टर बने पृथ्वीराज सुकुमारन 2019 की सुपरहिट फिल्म लुसिफर के पार्ट के साथ बतौर डायरेक्टर वापसी करने को तैयार हैं. ‘लुसिफर (L2E: Empuraan)’ शीर्षक से मोहनलाल और पृथ्वीराज एक बार फिर साथ आने वाले हैं. इस फिल्म को आशीर्वाद सिनेमाज के एंटनी पेरम्बवूर और लाइका प्रोडक्शंस के जीकेएम तमिल कुमारन मिलकर बना रहे हैं. लाइका प्रोडक्शंस के चेयरमैन सुबास्करन केरल जिसे गॉड्स ओन कंट्री भी कहा जाता है के दर्शकों के लिए फिल्म बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं. उनका कहना है कि यह एक शुरुआत होगी और मलयालम दर्शकों के लिए मजबूत कहानियां पेश की जाएंगी.
Aditya L1 Mission: चंद्रयान-3 मिशन में मिली सफलता के बाद भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 को लेकर इसरो ने शनिवार को खुशखबरी दी है। अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया है कि अब उसका यान पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से सफलतापूर्वक बाहर जा चुका है। अब तक आदित्य-एल1 ने पृथ्वी से मिलाकर 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी पूरी कर ली है। बेंगलुरु मुख्यालय वाली राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने ‘एक्स’ पर एक बयान में कहा, ”आदित्य-एल1 पृथ्वी से 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है। अब यह सन-अर्थ लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) की ओर अपना रास्ता तलाश रहा है। यह दूसरी बार है जब इसरो किसी अंतरिक्ष यान को पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र के बाहर भेज सका। पहली बार मंगल ऑर्बिटर मिशन में भेजा था।
इसरो ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि आदित्य-एल1 सौर मिशन अंतरिक्ष यान ने डेटा एकत्र करना शुरू कर दिया है जो वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आसपास के कणों के व्यवहार का विश्लेषण करने में मदद करेगा। इसमें कहा गया है कि एल1 के आसपास एकत्र किया गया डेटा सौर हवा और अंतरिक्ष मौसम की घटनाओं की उत्पत्ति, अनिसोट्रॉपी में अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा। पीएसएलवी-सी57 रॉकेट द्वारा आदित्य-एल1 का प्रक्षेपण 2 सितंबर को इसरो द्वारा सफलतापूर्वक पूरा किया गया था। आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान सूर्य का अध्ययन करने के लिए कुल सात अलग-अलग पेलोड ले गया है।
इसमें से चार सूर्य से प्रकाश का निरीक्षण करेंगे और शेष तीन प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के इन-सीटू मापदंडों को मापेंगे। बता दें कि आदित्य एल1 में दो मुख्य पेलोड हैं, विजिबल एमिशन लाइन कोरोनोग्राफी (वीईएलसी) और सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (एसयूआईटी)। लैग्रेंज प्वाइंट पर पहुंचने के बाद, वीईएलसी पेलोड रोजाना 1,440 तस्वीरें भेजेगा। इसलिए इस पेलोड को आदित्य-एल1 का काफी अहम पेलोड माना जा रहा है। आदित्य-एल1 को लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यह सूर्य के चारों ओर उसी सापेक्ष स्थिति में चक्कर लगाएगा और इसलिए लगातार सूर्य को देख सकता है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश के मामले में शनिवार को सेमिनलुन गंगटे को गिरफ्तार कर लिया. उसे एनआईए ने मणिपुर (Manipur) के चुराचांदपुर जिले से गिरफ्तार किया. उस पर आरोप है कि वह म्यांमार और बांग्लादेश के आतंकी संगठनों के नेतृत्व में रची गई एक अंतरराष्ट्रीय साजिश में शामिल है. मणिपुर में मौजूदा जातीय अशांति का फायदा उठाकर यह साजिश रची गई थी. एनआईए ने 19 जुलाई को स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली में यह मामला दर्ज किया था.
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एनआईए को जांच से पता चला कि, म्यांमार और बांग्लादेश के उग्रवादी गुटों ने मणिपुर में विभिन्न जातीय समूहों के बीच दरार पैदा करने के इरादे से हिंसा की घटनाओं में शामिल होने के लिए भारत में उग्रवादी नेताओं के एक वर्ग के साथ साजिश रची.
एनआईए को पता चला है कि इन गुटों का उद्देश्य भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना है. इसके लिए इन समूहों का नेतृत्व हथियार, गोला-बारूद और आतंकवाद के लिए उपयोग किए जाने वाले अन्य प्रकार के सामान की खरीद के लिए धन मुहैया करा रहा है. यह सामान सीमा पार से और साथ ही भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में सक्रिय अन्य आतंकवादी संगठनों से हासिल किए जा रहे हैं.
आरोपी सेमिनलुन गंगटे को गिरफ्तारी के बाद नई दिल्ली लाया गया है. उसे यहां अदालत में पेश किया जाएगा. मामले में आगे की जांच जारी है.