Gurpatwant Singh Pannun: विदेशों में बैठ कर भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक बार फिर धमकी दी है। इस बार पन्नू ने नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर हमले की धमकी दी है। उसने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें 5 अक्टूबर 2023 की तारीख है। एक क्रिकेट स्टेडियम में बम फटते दिखाया जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूं ही नहीं कहा कनाडा खालिस्तान का गढ़ बन चुका है, बल्कि इसके पीछे नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के पास पूरा काला चिट्ठा मौजूद है। एनआइए के ये दस्तावेज इस बात की तस्दीक करते हैं कि कैसे कनाडा खालिस्तानी आतंकियों के लिए भारत विरोधी साजिशों का लॉचिंग पैड बन गया है। NIA की जांच में साफ हो चुका है कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल मुख्य तौर पर यूरोप और नार्थ अमेरिका में रहने वाले सिख समुदाय से फंड इकट्ठा करता है।
बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने कनाडा में अलग-अलग शहरों में सिख रैलियों और प्रदर्शन के जरिये भी फंड इकठ्ठा किया। इस फंड का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने में किया गया। NIA ने अपनी तफ्तीश में सबसे बड़ा खुलासा ये किया कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल का संबंध डॉन दाऊद इब्राहिम से भी है, जिसके पुख्ता सबूत भारतीय जांच एजेंसी के पास मौजूद हैं। NIA की जांच में ये भी पता चला कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने दाऊद इब्राहिम के जरिये पाकिस्तानी आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तय्यब और इंडियन मुजाहिद्दीन की मदद से भारत के खिलाफ साजिश को अंजाम दिया।
बब्बर खालसा नेटवर्क की दाऊद के बंगले पर हो चुकी है कई बैठकें
एनआइए के अनुसार बब्बर खालसा नेटवर्क की दाऊद के साथ कई बैठकें हो चुकी हैं। साल 2002 में भी बब्बर खालसा इंटरनेशनल के लखबीर सिंह के करीबी इक़बाल बंटी को अब्दुल करीम टुंडा करांची में दाऊद के बंगले पर भी लेकर गया था, जहां इनके बीच भारत के खिलाफ साजिशों को अंजाम देने को लेकर एक मीटिंग हुई थी। NIA की जांच में ये भी सामने आया है कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल के तार पाकिस्तान के अलावा नार्थ अमेरिका, यूरोप स्कैंडेनेविया, कनाडा, यूके, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, नोवत और स्विट्जरलैंड तक फैला है।
पाकिस्तान की मदद से कर रहे भारत में साजिश
बब्बर खालसा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की मदद से भारत के खिलाफ अपने ऑपरेशन को अंजाम दे रहा है। जांच में ये भी सामने आया है कि पाकिस्तान में मौजूद बब्बर खालसा इंटरनेशनल का चीफ वाधवा सिंह और गैंगस्टर से आतंकी बने हरिंदर सिंह रिन्दा दोनों ISI के इशारे पर बब्बर खालसा की कमान संभाले हुए हैं और साल 2020 से हिंदुस्तान के खिलाफ पूरी तरह एक्टिव हैं। यह लंबे समय से भारत पर हमला करने के फिराक में हैं।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत पर लगाए गए आरोपों के बीच एक बड़ा खुलासा सामने आ रहा है। सूत्रों के अनुसार भारत को मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कराई है। ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने यह काम भारत और कनाडा के रिश्ते को खराब करने के लिए किया है। इस बात का शक जताया जा रहा है कि ISI ने भाड़े के क्रिमिनल्स से निज्जर की हत्या करवाई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक निज्जर पर ISI इस बात का दबाव बना रही थी कि पिछले 2 सालों में कनाडा में जो गैंगस्टर आए हैं वह उनको पूरी तरीके से सहयोग करे। जबकि निज्जर ड्रग और हथियारों की तस्करी से आए धन को आईएसआई को नहीं देना चाहता था। यह भी कहा जा रहा है कि निज्जर का झुकाव पाकिस्तान के पुराने नेताओं के प्रति था। इसलिए आईएसआई के प्रति उसकी वफादारी कम हो गई थी। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि जब निज्जर ने ISI की यह बात नहीं मानी तो पाकिस्तान की ओर से यह डबल क्रॉस साजिश रची गई।
आईएसआई खालिस्तानियों से मिलकर भारत में करा रहा ड्रग तस्करी
इतना ही नहीं, सूत्रों के मुताबिक आईएसआई की मदद से ही खालिस्तानी आतंकी गैंगस्टरों के साथ मिलकर पंजाब में ड्रग्स तस्करी का बड़ा नेटवर्क चला रहे हैं। जिसकी कमाई का बड़ा हिस्सा खालिस्तानी आतंकी और आईएसआई तक पहुंचता था, लेकिन पिछले कुछ समय से निज़्ज़र की वजह से आईएसआई की पकड़ इस नेटवर्क पर ढीली पड़ रही थी। इस हत्याकांड के बाद अब आईएसआई ने निज्जर के रिप्लेसमेंट की भी तलाश शुरू कर दी है और एक बार फिर वह भारत विरोधी खालिस्तानी आतंकी समर्थक एक बड़ा जलसा कनाडा में निकालने की तैयारी कर रहा है।
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रूसी राष्ट्रपति और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन।
उत्तर कोरिया के सनकी नेता किम जोंग उन ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात के कुछ दिनों बाद ही परमाणु हथियारों का उत्पादन बढ़ाने का आह्वान करके पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है। आखिर पुतिन और किम जोंग और उससे पहले पुतिन और शी जिनपिंग की मुलाकात के दौरान ऐसी क्या खिचड़ी पकी कि उत्तर कोरिया ने यह खतरनाक प्लान बना डाला। क्या यह माना जाए कि दुनिया अब तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रही है और रूस, चीन व उत्तर कोरिया ने अपने संगठन को अभी से फौलाद बनाना शुरू कर दिया है। किम जोंग का यह ऐलान ऐसे वक्त में हुआ है जब करीब 1 माह पहले पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को खत्म करने को कहा था।
रूस में करीब 6 दिन गुजार कर स्वदेश लौटे कोरियाई नेता किम जोंग उन ने परमाणु हथियारों के उत्पादन में तेजी से वृद्धि करने और ‘‘नए शीत युद्ध’’ में अमेरिका का सामना कर रहे देशों के गठबंधन में अपने देश के बड़ी भूमिका निभाने का आह्वान किया। सरकारी मीडिया ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने बताया कि किम ने देश की संसद के दो दिवसीय सत्र के दौरान ये टिप्प्णियां कीं। इस खबर ने अमेरिका और यूरोप में सनसनी फैला दी है।
परमाणु हथियार बढ़ाने के लिए उत्तर कोरिया ने कर दिया संविधान संशोधन
अपने खतरनाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए किम जोंग उन कितनी अधिक तेजी से काम कर रहे हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि परमाणु हथियार बढ़ाने के लिए उत्तर कोरिया ने अपने कानून में संशोधन कर दिया है। संसद सत्र के दौरान देश के परमाणु हथियार कार्यक्रम का विस्तार करने की किम की नीति को शामिल करने के लिए संविधान में संशोधन किया गया। यह संसद सत्र तब आयोजित किया गया है जब किम ने इस महीने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करने तथा सैन्य एवं तकनीकी स्थलों का दौरा करने के लिए रूस के ‘फार ईस्ट’ क्षेत्र की यात्रा की।
किम ने अमेरिका के खिलाफ अन्य देशों को एकजुट करने का आह्वान किया
किम जोंग उन ने अमेरिका के खिलाफत वाले देशों की अगुवाई करने के साथ ही उन्हें उसके खिलाफ एकजुट होने का आग्रह किया। किम की टिप्पणियों पर केसीएनए की खबर तब आयी है जब एक दिन पहले उत्तर कोरिया ने जुलाई में भारी हथियारों से लैस अंतर-कोरियाई सीमा से देश में प्रवेश करने वाले अमेरिकी सैनिक ट्रैविस किंग को रिहा कर दिया। किंग को रिहा किए जाने से वे अटकलें खारिज हो गयी है कि उत्तर कोरिया, अमेरिका से छूट हासिल करने के लिए उसकी रिहाई में मोलभाव कर सकता है और यह संभावित रूप से अमेरिका के साथ कूटनीति में उत्तर कोरिया की अरूचि को भी दर्शाता है। किम ने संसद में दिए भाषण में परमाणु हथियारों का उत्पादन तेजी से बढ़ाने के लिए काम करने पर जोर दिया। उन्होंने अपने राजनयिकों से ‘‘अमेरिका के खिलाफ खड़े देशों के प्रति एकजुटता को बढ़ावा देने’’ का भी अनुरोध किया। (भाषा)