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कोविड के बाद अब डरा रहा निपाह वायरस, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कैसी हैं तैयारियां

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इस दौरान मांडविया ने कहा, “कोविड के बाद दुनिया में हेल्थ फोकस में रहा है. हमारी तीन प्राथमिकताएं थी. एक मेडिकल काउंटर भेजे. हेल्थ को लेकर लोगों को जागरूक करें और जीनोम सीक्वेंसिंग पर फोकस करे.” उन्होंने बताया, गुरुवार को सेंट्रल हेल्थ टीम केरल के कोझिकोड पहुंची है. ये टीम जिला प्रशासन के साथ निपाह वायरस को लेकर बैठक करेगी.

मनसुख मंडाविया ने कहा, “निपाह वायरस कोरोना वायरस से थोड़ा अलग है. निपाह वायरस इतनी तेज़ी से नहीं फैलता है. यह फल खाने वाले चमगादड़ों से फैलता है. इसके तीन लक्षण हैं, जिनमें सिरदर्द और बुखार शामिल हैं. आज, भारत में वर्ल्ड क्लास वायरोलॉजी लैब मौजूद हैं. पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में टेस्टिंग तुरंत किए जा सकते हैं. हम अपने प्रोटोकॉल के अनुसार उन लोगों को अलग-अलग इलाज देते हैं, जो टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं. जो पॉजिटिव नहीं होते हैं, उन्हें अलग-अलग इलाज दिया जाता है.”

केरल में निपाह के अब तक पांच मामले सामने आ चुके हैं. गुरुवार को सेंट्रल हेल्थ टीम केरल के कोझिकोड पहुंची है. ये टीम जिला प्रशासन के साथ निपाह वायरस को लेकर बैठक करेगी. मांडविया ने कहा, “केरल के इलाकों में जीनोम सीक्वेंसिंग की तैयारी भी की जा रही है.”

उन्होंने कहा, “कोविड संकट ने हमें बहुत कुछ सिखाया है. हमने उससे बहुत कुछ सीखा भी है. हमारी क्या-क्या कमजोरियां हैं, हमने उसे समझा और सुधार की कोशिश कर रहे हैं. हमने सर्विलांस सिस्टम को रोबस्ट किया है. आज एक गांव में कौन सी बीमारी चल रही है, उसका चैनल सर्विलांस करके रिपोर्ट हमारे कमांडिंग सेंटर में आ जाती है. इसके हिसाब से एक्शन प्लान तैयार किया जाता है.”

मांडविया ने कहा कि इसी सिस्टम की वजह से केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस का केस समय रहते हमारे नोटिस में आ गया. मंत्रालय ने वहां टीम भी भेज दी है. 

क्या नॉर्थ इंडिया में भी इसी तरह का सिस्टम है? इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “देश में सभी हिस्सों, जिलों और ब्लॉक लेवल पर हमने कोविड संकट से सीखा कि हमें क्या करने की जरूरत है. किन चीजों को दुरुस्त करने की जरूरत है.. हमने उन्हीं चीजों पर फोकस किया. हमने आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन चलाया. इसमें 64 हजार करोड़ का खर्च आया. यानी की एक जिले में औसतन 100 करोड़ रुपये का खर्च होना है. इस खर्चे से हम ब्लॉक स्तर से जिला स्तर, क्षेत्रीय स्तर से राज्य स्तर और केंद्रीय स्तर पर एक लैबोरेटरी की सीरीज तैयार कर रहे हैं. इसके तहत ब्लॉक स्तर पर भी एक सरकारी लैब की व्यवस्था की गई है. सरकारी लैब में मुफ्त टेस्टिंग की जाती है.”

मांडविया ने बताया कि अब तक आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी 60 करोड़ हैं. उसमें से 24 करोड़ को आयुष्मान हेल्थ कार्ड दे दिया गया है. एक कार्ड 70 फीसदी परिवार को कवर करता है. हमारी सरकार ने हेल्थ के लिए एक अलग मॉडल बनाया है. हमारे लिए हेल्थ कोई कॉमर्स नहीं है, बल्कि ये एक सेवा है. सेवा पखवाड़ा में हमने अपेक्षा रखी है कि लोग सेवा के काम से जुड़ें.

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चंद्रयान-3 के बाद अब भारत के पहले सूर्य मिशन से भी आई खुशखबरी, ISRO को मिली बड़ी सफलता

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Aditya L1 Mission: चंद्रयान-3 मिशन में मिली सफलता के बाद भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 को लेकर इसरो ने शनिवार को खुशखबरी दी है। अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया है कि अब उसका यान पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से सफलतापूर्वक बाहर जा चुका है। अब तक आदित्य-एल1 ने पृथ्वी से मिलाकर 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी पूरी कर ली है। बेंगलुरु मुख्यालय वाली राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने ‘एक्स’ पर एक बयान में कहा, ”आदित्य-एल1 पृथ्वी से 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है। अब यह सन-अर्थ लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) की ओर अपना रास्ता तलाश रहा है। यह दूसरी बार है जब इसरो किसी अंतरिक्ष यान को पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र के बाहर भेज सका। पहली बार मंगल ऑर्बिटर मिशन में भेजा था।

इसरो ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि आदित्य-एल1 सौर मिशन अंतरिक्ष यान ने डेटा एकत्र करना शुरू कर दिया है जो वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आसपास के कणों के व्यवहार का विश्लेषण करने में मदद करेगा। इसमें कहा गया है कि एल1 के आसपास एकत्र किया गया डेटा सौर हवा और अंतरिक्ष मौसम की घटनाओं की उत्पत्ति, अनिसोट्रॉपी में अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।  पीएसएलवी-सी57 रॉकेट द्वारा आदित्य-एल1 का प्रक्षेपण 2 सितंबर को इसरो द्वारा सफलतापूर्वक पूरा किया गया था। आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान सूर्य का अध्ययन करने के लिए कुल सात अलग-अलग पेलोड ले गया है। 

इसमें से चार सूर्य से प्रकाश का निरीक्षण करेंगे और शेष तीन प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के इन-सीटू मापदंडों को मापेंगे। बता दें कि आदित्य एल1 में दो मुख्य पेलोड हैं, विजिबल एमिशन लाइन कोरोनोग्राफी (वीईएलसी) और सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (एसयूआईटी)। लैग्रेंज प्वाइंट पर पहुंचने के बाद, वीईएलसी पेलोड रोजाना 1,440 तस्वीरें भेजेगा। इसलिए इस पेलोड को आदित्य-एल1 का काफी अहम पेलोड माना जा रहा है। आदित्य-एल1 को लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यह सूर्य के चारों ओर उसी सापेक्ष स्थिति में चक्कर लगाएगा और इसलिए लगातार सूर्य को देख सकता है। 



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मणिपुर हिंसा का फायदा उठाकर राष्ट्र विरोधी षडयंत्र रचने के आरोपी को NIA ने किया गिरफ्तार

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली :

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश के मामले में शनिवार को सेमिनलुन गंगटे को गिरफ्तार कर लिया. उसे एनआईए ने मणिपुर (Manipur) के चुराचांदपुर जिले से गिरफ्तार किया. उस पर आरोप है कि वह म्यांमार और बांग्लादेश के आतंकी संगठनों के नेतृत्व में रची गई एक अंतरराष्ट्रीय साजिश में शामिल है. मणिपुर में मौजूदा जातीय अशांति का फायदा उठाकर यह साजिश रची गई थी. एनआईए ने 19 जुलाई को स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली में यह मामला दर्ज किया था.

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एनआईए को जांच से पता चला कि, म्यांमार और बांग्लादेश के उग्रवादी गुटों ने मणिपुर में विभिन्न जातीय समूहों के बीच दरार पैदा करने के इरादे से हिंसा की घटनाओं में शामिल होने के लिए भारत में उग्रवादी नेताओं के एक वर्ग के साथ साजिश रची. 

एनआईए को पता चला है कि इन गुटों का उद्देश्य भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना है. इसके लिए इन समूहों का नेतृत्व हथियार, गोला-बारूद और आतंकवाद के लिए उपयोग किए जाने वाले अन्य प्रकार के सामान की खरीद के लिए धन मुहैया करा रहा है. यह सामान सीमा पार से और साथ ही भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में सक्रिय अन्य आतंकवादी संगठनों से हासिल किए जा रहे हैं. 

आरोपी सेमिनलुन गंगटे को गिरफ्तारी के बाद नई दिल्ली लाया गया है. उसे यहां अदालत में पेश किया जाएगा. मामले में आगे की जांच जारी है.

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कांग्रेस की रैली में सिद्धू मूसेवाला को RPG से उड़ाए जाने का था प्लान, लॉरेंस बिश्नोई का सनसनीखेज खुलासा

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बिश्नोई ने बताया कि मूसेवाला कांग्रेस में शामिल हो गया था और वह अक्सर कांग्रेस की रैलियों में भी जाता था। प्लान बनाया गया कि मूसेवाला पर आरपीजी हमला तब किया जाए, जब वह किसी रैली में हो।



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