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कोरोना में चली गई आजीविका, पैसे के बदले गड़ेरियों को सौंप रहे बच्चे, उजागर हुआ मामला

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Maharashtra News

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  • बच्चों को श्रमिक के रूप में काम करने के लिए गड़ेरियों को सौंप रहे
  • मजदूर के रूप में काम करने वाली 11 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई
  • बच्ची की मौत मामले में हत्या का मामला दर्ज किया गया है: पुलिस

Maharashtra News: महाराष्ट्र के नासिक में कोविड-19 के कारण आजीविका के संकट से जूझ रहे एक जनजातीय समुदाय के लोग साल में 10,000 रुपये के बदले अपने बच्चों को श्रमिक के रूप में काम करने के लिए गड़ेरियों को सौंप रहे हैं। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि अब तक आठ बच्चों को गड़ेरियों के चंगुल से मुक्त कराया गया है। पुलिस के मुताबिक, हाल ही में मजदूर के रूप में काम करने वाली एक 11 वर्षीय बच्ची की मौत हो जाने के बाद यह मामला सामने आया। पुलिस ने कहा कि इसे लेकर हत्या का मामला दर्ज किया गया है। 

‘हत्या के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया’

नासिक ग्रामीण पुलिस ने पड़ोसी जिले अहमदनगर से अब तक ऐसे आठ बच्चों को छुड़ाया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हत्या के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और तीन अन्य को बंधुआ मजदूरी व्यवस्था (उन्मूलन) अधिनियम-1976 के तहत गिरफ्तार किया गया है। अधिकारी ने बताया कि सिन्नर रोड पर घोटी क्षेत्र के उबाडे गांव में 27 अगस्त को वह बच्ची एक जनजातीय सामुदायिक शिविर के बाहर बेहोश हालत में मिली थी, जहां 12 परिवार सड़क किनारे बने अस्थायी तंबू में रह रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी ने बच्ची को शिविर के बाहर छोड़ दिया था। 

 इलाज के दौरान तीन सितंबर को बच्ची की हो गई मौत

उन्होंने कहा कि पुलिस और बच्ची के परिवार के लोग उसे अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान 03 सितंबर को उसकी मौत हो गई। अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि बच्ची और उसके 10 वर्षीय भाई को अहमदनगर में गड़ेरियों के हवाले कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि बच्ची साल में एक या दो बार अपने माता-पिता से मिलने आती थी। अधिकारी ने बताया कि वह 21 अगस्त से बेहोश थी और उसे सर्पदंश के बाद अहमदनगर और पुणे के अस्पतालों में भर्ती कराया गया था, बाद में उसे उसके माता-पिता के पास भेज दिया गया। 

छह से 15 साल की उम्र के 11 बच्चे को गड़ेरियों को सौंपा गया

नासिक के ग्रामीण पुलिस अधीक्षक सचिन पाटिल ने मामले को गंभीरता से लिया और पुलिस को इसकी विस्तार से जांच करने को कहा। अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने पाया कि छह से 15 साल की उम्र के कम से कम 11 ऐसे बच्चों को उनके परिवार के सदस्यों ने अहमदनगर में गड़ेरियों को सौंप दिया था। बच्ची के बेहोश हालत में मिलने के बाद, घोटी पुलिस ने शुरू में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत प्राथमिकी दर्ज की। बाद में इसे हत्या के मामले में बदल दिया गया। अधिकारी ने कहा कि इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि मौत का असल कारण जानने का इंतजार किया जा रहा है। 

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 किसी भी तरह के यौन उत्पीड़न से इनकार किया गया है- पुलिस 

एक पुलिस अधिकारी ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर कहा, “हम मामले में चिकित्सकीय राय का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन किसी भी तरह के यौन उत्पीड़न से इनकार किया गया है।” एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इस घटना के बाद नासिक पुलिस ने अहमदनगर पुलिस की मदद से अब तक आठ बच्चों को गड़ेरियों से बचाया है। अधिकारी ने कहा कि जांच से पता चला है कि माता-पिता ने 10,000 रुपये प्रतिवर्ष तक की रकम और एक बकरी/भेड़ हासिल करने के बदले में अपने बच्चों को एजेंट के माध्यम से गड़ेरियों को दे दिया था। 

 बच्चों से भेड़ और बकरियों की रखवाली कराई जा रही थी- पुलिस

उन्होंने कहा कि बच्चों से भेड़ और बकरियों की रखवाली कराई जा रही थी। इस तरह की नौकरी पर बच्चों को रखने के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि अगर एक वयस्क को काम पर रखा जाता है, तो उसे भोजन और आवास के अलावा 3,000 रुपये से 5,000 रुपये प्रति माह का भुगतान करना होगा। लेकिन बच्चों के आवास और भोजन पर तुलनात्मक रूप से कम खर्च आएगा। अधिकारी ने कहा कि ऐसे बच्चों के माता-पिता से पूछताछ करने पर पता चला कि महामारी के दौरान जब उनकी आजीविका चली गई, तो बच्चों को गड़ेरियों को सौंप दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।

 





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सुहाना खान को फ्लाइंग किस करते दिखे अमिताभ बच्चन के नाती अगस्त्य नंदा, वीडियो वायरल

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Suhana Agastya Video: सुहाना खान और अगस्त्य नंदा की डेटिंग की खबरें सोर्सेज पहले ही कन्फर्म कर चुके हैं। अब एक वीडियो के बाद उन खबरों को सच माना जा रहा है। एक बर्थडे पार्टी का वीडियो वायरल है।



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कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के लिए 10 मई को होगा मतदान, चुनाव नतीजे 13 मई को

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के लिए 10 मई को मतदान होगा. चुनाव नतीजे 13 मई को आएंगे. केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने आज कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के लिए तारीखों का ऐलान किया. कर्नाटक में कुल 224 विधानसभा सीटें हैं. इस वक्त राज्य में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का शासन है और बसवराज बोम्मई मुख्यमंत्री हैं. कर्नाटक में कुल 5,21,73,579 वोटर हैं, जबकि 9.17 लाख नए वोटर जुड़े हैं. 1 अप्रैल को जिनकी उम्र 18 साल हो रही है, वे भी वोट कर सकेंगे. 100 बूथों पर दिव्यांग कर्मचारी तैनात रहेंगे.

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 का कार्यक्रम
कार्यक्रम तिथि
अधिसूचना जारी होने की तिथि 13 अप्रैल, 2023
नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 20 अप्रैल, 2023
नामांकन पत्रों की छंटनी की तिथि 21 अप्रैल, 2023
नामांकन पत्र वापसी की अंतिम तिथि 24 अप्रैल, 2023
मतदान की तिथि 10 मई, 2023
मतगणना / चुनाव परिणाम की तिथि 13 मई, 2023

कर्नाटक में 2018 विधानसभा चुनाव के बाद बनी जद (एस)-कांग्रेस की गठबंधन सरकार के गिर जाने के बाद 2019 जुलाई में कर्नाटक में भाजपा सत्ता में आई थी. जद (एस)-कांग्रेस गठबंधन के कई बागी विधायकों का समर्थन हासिल कर भाजपा ने यह सरकार बनाई थी. बाद में बागी विधायक भाजपा में शामिल हो गए और उपचुनाव लड़कर जीते. वर्तमान विधानसभा में भाजपा के 121 विधायक हैं. कांग्रेस के पास 70 और जद (एस) के पास 30 विधायक हैं. भाजपा ने अपने कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री भी बदल दिया. बी.एस. येदियुरप्पा ने जुलाई, 2021 में मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और उनके स्थान पर मौजूदा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई गद्दी पर बिठाए गए.

यह है चुनाव आयोग की तैयारी

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने आज बताया कि करीब 1,320 मतदान केंद्रों पर केवल महिला कर्मचारी मौजूद रहेंगी. इससे हम महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दे रहे हैं. हम 240 मतदान केंद्रों को मॉडल पॉलिंग स्टेशन बनाएंगे. युवाओं को मतदान केंद्रों पर लाने के लिए 224 मतदान केंद्र सिर्फ युवाओं द्वारा संचालित किया जाएगा. कर्नाटक में 58,282 मतदान केंद्र हैं जिसमें से 20,866 शहरी केंद्र हैं. इनमें से 50% मतदान केंद्र यानी 29,140 पर वेबकास्टिंग की जाएगी. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हमने कर्नाटक विधानसभा के मतदान का दिन बुधवार रखा है. इससे हो सकता है कि लोग बाहर तो नहीं जा सकेंगे, क्योंकि दो दिन की छट्टी मिलने में थोड़ी मुश्किल होगी. लोग मतदान करने आ जाएंगे.

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ईडी ने छत्तीसगढ़ में शराब और होटल कारोबारियों पर की छापेमारी, एक IAS पर भी छापा

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ईडी ने छत्तीसगढ़ में की छापेमारी

रायपुर: छत्तीसगढ़ में आज ईडी ने फिर एक बड़ी कार्रवाई की है। छत्तीसगढ़ में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने बुधवार को तड़के शराब और होटल कारोबारियों पर छापे मारी की हैं। बड़े उद्योगपति कमल सारडा, कोल परिवहन और जमीन के कारोबार से जुड़े लोगों और कुछ अधिकारियों पर छापे के बाद यह दूसरा दिन है। आज एक आला अधिकारी समेत राजनैतिक रसूख रखने वाले रायपुर मेयर एजाज ढेबर व उनके होटल व्यवसायी भाई अनवर ढेबर उर्फ अनु पर ईडी ने छापेमारी की है। ईडी ने इसके अलावा शराब ठेकेदार अमोलक सिंह भाटिया बिलासपुर,पप्पू भाटिया रायपुर और कृषि विभाग में बड़ी सप्लाई करने वाले मनदीप चावला समेत आईएएस अनिल टुटेजा के करीबी सौरभ जैन के छापेमारी की है। मिली जानकारी के मुताबिक मेयर एजाज ढेबर, शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया,बलदेव सिंह भाटिया,पप्पू बंसल, विनोद बिहारी आदि लोगों के यहां ईडी ने सुबह-सुबह छापेमारी शुरू की है।

हवाला के जरिए भेजे गए पैसे

इस ताबड़तोड़ छापेमारी से एक बार फिर राज्य में भूचाल-सा आ गया है। बता दें कि इनमें ढेबर परिवार के यहां पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का छापा पड़ चुका है, जिसके आधार पर ही ईडी द्वारा आगे जांच की बात कही गई है। सूत्रों की मानें तो ईडी को इस बात के संकेत मिले हैं कि शराब माफियाओं के द्वारा पैसे इकट्ठा करवाकर अन्य माध्यम से दूसरे राज्य में भी हवाला के माध्यम से रुपए भेजे गए हैं। जानकारी के लिए बता दें कि ईडी के द्वारा आईएएस अनिल टुटेजा को नान घोटाले में आरोपी बनाया गया है। जिसका मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। अनिल टुटेजा एक प्रमोटी आईएएस है। सूत्रों के मुताबिक, शराब ठेकेदार अमोलक सिंह भाटिया बिलासपुर, पप्पू भाटिया रायपुर व रायपुर नगर निगम के मेयर एजाज ढेबर उनके भाई अनवर ढेबर होटल व्यवसायी और कृषि विभाग में सप्लाई करने वाले मनदीप चावला और एक प्रमोटी आईएएस अनिल टुटेजा और उनके करीबी सौरभ जैन के यहां छापेमारी की गई है। 

ईडी का दूसरे दिन और बड़ा धमाका

छापेमारी के विषय में विस्तार से जानकारी अभी नहीं मिल पाई है। बता दें कि ईडी को जानकारी मिली है कि शराब माफियाओं के द्वारा दूसरे राज्य में पैसा एकत्र कर हवाला के जरिए दूसरे राज्य में पैस भेजे गए हैं। जानकारी के लिए बता दें कि ईडी ने बीते दिन भी छापेमारी की थी। ये छापेमारी के के श्रीवास्तव के यहा की गई थी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, के.के, श्रीवास्तव हवाला कारोबार में लिप्त हैं। इन छापों के बाद छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा जताई गई आशंका की चर्चा तेज हो गई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव आते-आते छापे और बढ़ेंगे।

पहले ही इनकम टैक्स का छापा

गौरतलब है कि ढेबर के यहां पहले ही इनकम टैक्स का छापा पड़ा था, जिसके बाद मामला ईडी में गया। कल ईडी की कार्यवाही छत्तीसगढ के राजनैतिक गलियारों में रसूखदार के के श्रीवास्तव के यहां हुई थी। के के श्रीवास्तव अपनी राजनैतिक पहुंच का हवाला देकर बड़े अधिकारियों तक पर धौंस जमाता था। पूजा पाठ और तंत्र मंत्र के ज्ञान की बात भी ये शख्स करता था। सूत्रों की मानें तो अन्य जगहों पर पैसों का लेनदेन के लिए के के श्रीवास्तव भी इसमें मुख्य भूमिका निभा रहा था। बहरहाल सूत्रों की मानें तो ईडी के पास इतने प्रमाणित तथ्य हैं कि उससे इंकार कर पाना इन सबके लिए एक टेढ़ी खीर ही साबित होगी।

(रिपोर्ट- अलोक शुक्ला)

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