पिछले साल कोविड की दूसरी लहर के दौरान कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो गई थी.
नई दिल्ली:
भारत कोविड-19 मामलों में किसी भी बढ़ोतरी की स्थिति से निपटने के लिए अस्पतालों की तैयारियों की पड़ताल करने के लिए आज ‘मॉक ड्रिल’ की जाएगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को कहा था कि चीन और अन्य देशों में संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच एहतियाती उपायों के तहत देशभर में सभी कोविड अस्पतालों में आयोजित होने वाली ‘मॉक ड्रिल’ में राज्य के सभी स्वास्थ्य मंत्री अपने स्तर पर हिस्सा लेंगे.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के चिकित्सकों के साथ एक बैठक में उन्होंने कहा था, ‘‘इस तरह की कवायद हमारी परिचालन तत्परता में मदद करेगी, यदि कोई कमी है तो इससे उसे दूर करने में मदद मिलेगी और इसके परिणामस्वरूप हमारी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया मजबूत होगी.”
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वैश्विक स्तर पर कोविड के मामले बढ़ने के मद्देनजर देशभर के विभिन्न हवाईअड्डों पर कोविड-19 की बिना क्रम के जांच शुरू कर दी गई है.
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दिल्ली एयरपोर्ट पर दिल्ली सरकार के स्कूलों के शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है. विदेश से आ रहे यात्रियों की निगरानी और वहां कोरोना नियमों के पालन कराने के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जा रही है.
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इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (आईजीआईए) पर प्रतिदिन औसतन 25,000 यात्री पहुंचते हैं और उनमें से 500 यात्रियों का परीक्षण किया जा रहा है.
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दिल्ली सरकार ने आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारियों के तहत सामान्य दवाओं की खरीद के लिए अस्पतालों के लिए 104 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है.
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एक समीक्षा बैठक में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सरकारी अस्पतालों के प्रमुखों को शाम तक बिस्तर, वेंटिलेटर, आईसीयू, मानव संसाधन, ऑक्सीजन संयंत्र और चिकित्सा उपकरणों का विवरण स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा करने का निर्देश दिया.
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पिछले साल कोविड की दूसरी लहर के दौरान, देश के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो गई थी.
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उत्तर प्रदेश में हाल ही में चीन से लौटे एक व्यक्ति के संक्रमित पाए जाने के बाद, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने हाल ही में विदेश यात्रा से लौटे व्यक्तियों से सोमवार को, तब तक घर में रहने की अपील की, जब तक कि वे कोविड-19 की जांच नहीं करा लेते.’
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उत्तर प्रदेश के गोरखपुर रेलवे स्टेशन में RTPCR और रेपिट एंटिजन टेस्ट के खास इंतज़ाम किए गए हैं. यहां यात्रियों का RTPCR और एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है.
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हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि बीएफ.7 उप स्वरूप से भारत को बहुत अधिक चिंतित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि काफी लोगों में वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित हो गई है. (भाषा इनपुट)
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चीन में कोविड का कहर, इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट सहति कई व्यपार प्रभावित