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अरूप रायचौधरी / नई दिल्ली 09 29, 2022 |
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केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 23 में उधारी के लक्ष्य को 10,000 करोड़ रुपये घटाकर 14.21 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। केंद्र सरकार दूसरी छमाही (अक्टूबर से मार्च) में ऋण बाजार से 5.92 लाख करोड़ रुपये (41.6 फीसदी) उधारी लेगी। इसके तहत भारत 16,000 करोड़ रुपये के सॉवरिन ग्रीन बॉन्ड भी जारी करेगा। यह जानकारी वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को दी।
वरिष्ठ अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि केंद्र सरकार को इस साल आसानी से कर राजस्व का संग्रहण बेहतर होने का अनुमान है। इसलिए कुल उधारी के लक्ष्य में कटौती की गई है। वित्तीय घाटे को पूरा करने के लिए वित्तीय संसाधन जैसे राष्ट्रीय बचत योजना से पूरा किया जाएगा। मंत्रालय ने एक वक्तव्य में बताया, ‘बाजार से कुल 5.76 लाख करोड़ रुपये (ग्रीन बॉन्ड) जुटाए जाएंगे। इसे 20 साप्ताहिक नीलामी के जरिये जुटाया जाएगा। यह उधारी 2,5,7,10, 14, 30 और 40 साल की प्रतिभूतियां जारी कर जुटाई जाएंगी। ग्रीन बॉन्ड के बारे में विवरण बाद में जारी किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा, ‘हम बाजार के साझेदारों और निवेशकों से और परामर्श करेंगे। ग्रीन बॉन्ड के लिए दिशानिर्देश अक्टूबर के अंत या नवंबर में जारी किए जा सकते हैं। रुपये में मूल्यवर्ग के हरित बांड होंगे और विदेशी निवेशकों के लिए भी खुले हो सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम बाजार का मिजाज परख रहे हैं। यह सूचक है कि सरकार सबसे आकर्षक दाम की ओर देख रही है।’ उधारी 30,000 करोड़ रुपये के नौ साप्ताहिक चरणों, 28,000 करोड़ रुपये के दस चरणों और 26,000 करोड़ रुपये की एक किस्त में आयोजित की जाएगी।
केंद्रीय बजट 2022 में वित्तीय वर्ष 23 में कुल उधारी का लक्ष्य 14.95 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था। लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक ने फरवरी में 63,500 करोड़ रुपये का स्विच ऑपरेशन किया। इससे उधारी का लक्ष्य घटकर 14.31 लाख करोड़ रुपये हो गया। केंद्र ने पहले घोषणा की थी कि वह पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर) में 8.45 लाख करोड़ रुपये उधारी से जुटाएगा लेकिन इस दौरान 8.29 लाख करोड़ रुपये ही जुट पाए। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘ सरकार को उम्मीद है कि वित्तीय घाटा नियंत्रण में रहेगा। यदि घाटे कुछ बढ़ता भी है तो इसे अन्य संसाधनों जैसे कैश बैलेंस या एनएसएस से पूरा किया जाएगा। इसे बाजार से ऋण नहीं जुटाया जाएगा।’सॉवरन हरित बॉन्ड के अलावा उधारी ली जाने वाली रकम की परिपक्वता अवधि अलग – अलग होगी। इस क्रम में दो साल (6.25 फीसदी), 5 साल (12.15 फीसदी), 7 साल (10.42 फीसदी), 10 साल (20.83 फीसदी), 14 साल (19.10 फीसदी), 30 साल (15.63 फीसदी) और 40 साल (15.63 फीसदी) होगा।
सरकारी वक्तव्य में कहा गया, ‘सरकार रिडम्पशन प्रोफाइल को सुचारु करने के लिए स्विच ऑपरेशन्स को जारी रखेगी। बजट में 1 लाख करोड़ रुपये की राशि के स्विच का अनुमान रखा था। इसमें से 56,103 करोड़ रुपये के स्विच आपरेशन किए जा चुके हैं। बाकी राशि की दूसरी छमाही में जुटाई जाएगी।’ सरकार राशि जुटाने के लिए प्रत्येक नीलामी के तहत अधिक अभिदान आने पर 2,000 करोड़ रुपये तक की बोली को रखने के विकल्प चुनेगी। इस विकल्प के जरिये जुटाई गई राशि दूसरी छमाही में जारी प्रतिभूतियों का तीन से पांच प्रतिशत होगी और सकल उधारी सीमा के दायरे में होगी।
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